damoh-news:-कालापानी-तालाब-में-घूम-रहा-था-मगरमच्छ,-वन-विभाग-ने-पिंजरा-लगाकर-पकड़ा
विस्तार Follow Us दमोह जिले के तेजगढ़ थाना क्षेत्र की इमलिया चौकी अंतर्गत पटना गांव के कालापानी तालाब में गुरुवार शाम ग्रामीणों को एक छह फीट लंबा मगरमच्छ दिखाई दिया, जिससे गांव में दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी।  वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शुक्रवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। तालाब के किनारे पिंजरा लगाया गया, जिसमें मांस के टुकड़े रखे गए। शुक्रवार सुबह जैसे ही मगरमच्छ ने मांस खाना चाहा, वह पिंजरे में कैद हो गया। रेंजर विक्रम चौधरी ने बताया कि मगरमच्छ को सुरक्षित रूप से पकड़कर सिंगोरगढ़ जलाशय में छोड़ दिया गया। गांव में मवेशियों के लिए खतरा  सलैया हटरी गांव के निवासी राहुल तिवारी और मूरत सिंह लोधी ने बताया कि जब वे तालाब की ओर जा रहे थे, तो उन्होंने मगरमच्छ को तालाब से निकलकर एक छोटी तलैया में जाते हुए देखा। इस तलैया का उपयोग गांव के मवेशी पानी पीने के लिए करते हैं, जिससे ग्रामीणों को मगरमच्छ के हमले का डर सताने लगा। मगरमच्छ के देखे जाने के बाद ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी, जिसने त्वरित कार्रवाई करते हुए मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ लिया। वन विभाग की त्वरित कार्रवाई  कालापानी तालाब दमोह रेंज के अंतर्गत आता है। रेंजर विक्रम चौधरी ने बताया कि गुरुवार शाम सुचना मिली थी। इसके बाद तालाब किनारे पिंजरा रखा दिया था। पिंजरे के अंदर मांस के टुकड़े रखे गए थे। शुक्रवार सुबह मगरमच्छ जैसे ही उसे खाने गया वह कैद हो गया। बाद में उसे सिंगोरगड़ जलाशय में सुरक्षित छोड़ा गया। 

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दमोह जिले के तेजगढ़ थाना क्षेत्र की इमलिया चौकी अंतर्गत पटना गांव के कालापानी तालाब में गुरुवार शाम ग्रामीणों को एक छह फीट लंबा मगरमच्छ दिखाई दिया, जिससे गांव में दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना वन विभाग को दी। 

वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर शुक्रवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। तालाब के किनारे पिंजरा लगाया गया, जिसमें मांस के टुकड़े रखे गए। शुक्रवार सुबह जैसे ही मगरमच्छ ने मांस खाना चाहा, वह पिंजरे में कैद हो गया। रेंजर विक्रम चौधरी ने बताया कि मगरमच्छ को सुरक्षित रूप से पकड़कर सिंगोरगढ़ जलाशय में छोड़ दिया गया।

गांव में मवेशियों के लिए खतरा 
सलैया हटरी गांव के निवासी राहुल तिवारी और मूरत सिंह लोधी ने बताया कि जब वे तालाब की ओर जा रहे थे, तो उन्होंने मगरमच्छ को तालाब से निकलकर एक छोटी तलैया में जाते हुए देखा। इस तलैया का उपयोग गांव के मवेशी पानी पीने के लिए करते हैं, जिससे ग्रामीणों को मगरमच्छ के हमले का डर सताने लगा। मगरमच्छ के देखे जाने के बाद ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचना दी, जिसने त्वरित कार्रवाई करते हुए मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ लिया।

वन विभाग की त्वरित कार्रवाई 

कालापानी तालाब दमोह रेंज के अंतर्गत आता है। रेंजर विक्रम चौधरी ने बताया कि गुरुवार शाम सुचना मिली थी। इसके बाद तालाब किनारे पिंजरा रखा दिया था। पिंजरे के अंदर मांस के टुकड़े रखे गए थे। शुक्रवार सुबह मगरमच्छ जैसे ही उसे खाने गया वह कैद हो गया। बाद में उसे सिंगोरगड़ जलाशय में सुरक्षित छोड़ा गया। 

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