दमोह कलेक्टर से मिलकर 20 पार्षदों ने कांग्रेस शासित नगर पालिका में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा कि वह इस मामले में विधि विशेषज्ञों से बात करेंगे। इसके बाद ही कोई कार्यवाही करेंगे। दमोह नगर पालिका परिषद – फोटो : अमर उजाला
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दमोह में कांग्रेस के सामने नई चुनौती आ गई है। कांग्रेस शासित नगर पालिका में अध्यक्ष के खिलाफ 20 पार्षदों ने शुक्रवार को कलेक्टर को अपने शपथ पत्र सौंपे हैं और अध्यक्ष मंजू राय के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने कहा कि वे विधि विशेषज्ञों से परामर्श करके आगे की कार्रवाई करेंगे।
दमोह नगर पालिका क्षेत्र में 39 पार्षद हैं, जिनमें से 20 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में हैं। 2022 में हुए पालिका चुनाव में भाजपा के 14, कांग्रेस के 17, अघोषित पार्टी टीएसएम के 5, बसपा के 1 और 2 निर्दलीय पार्षद चुने गए थे। बाद में टीएसएम के पांच पार्षद और एक निर्दलीय पार्षद भाजपा में शामिल हो गए, जबकि बसपा के पार्षद ने कांग्रेस को समर्थन दिया। अध्यक्ष पद के चुनाव में कांग्रेस की मंजू राय को 24 और भाजपा के विक्रांत गुप्ता को 15 मत मिले थे, जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की सुषमा विक्रम सिंह को 20 और भाजपा के मनीष शर्मा को 19 वोट मिले थे। इसके परिणामस्वरूप कांग्रेस का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर कब्जा हो गया था।
यह पार्षद लाना चाहते हैं अविश्वास प्रस्ताव
अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में जिन पार्षदों ने शपथ पत्र दिए हैं, उनमें विजय जैन, मनीष शर्मा, नितिन चौरसिया, विक्रांत गुप्ता, हिना पारोचे, कविता राय, गणेश जाटव, कपिल सोनी, विक्की सेन, अमित त्यागी, रघु श्रीवास्तव, कीर्ति चंदेल, गोपाल ठाकुर, सुनैना धीरज घारू, संगीता सतीश , बालकिशन यादव, सुहानी टोनी राय, नमिता राजपूत, शरद कुमारी यशपाल ठाकुर और संजय चेतराम पटेल शामिल हैं।
विकास कार्य न होने का आरोप
भाजपा पार्षद कविता राय ने आरोप लगाया कि नगर पालिका में कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। पिछले दो वर्षों में शहर काफी पीछे चला गया है। धरमपुरा के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर ने कहा कि बारिश के दौरान एसडीईआरएफ को नाव चलानी पड़ी, जो नगर पालिका के सामान्य विकास कार्य का हिस्सा होना चाहिए था। कोई काम नहीं हो रहा। भाजपा पार्षद विक्रांत गुप्ता ने आरोप लगाया कि नगर पालिका में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। विकास कार्य ठप हैं, इसीलिए अविश्वास प्रस्ताव लाने की जरूरत महसूस की गई है। पार्षद मनीष शर्मा ने कहा कि वार्ड की जनता को उम्मीद थी कि वे विकास कार्य करेंगे, लेकिन दो वर्षों में एक भी विकास कार्य नहीं हुआ है। नगर पालिका अध्यक्ष की निष्क्रियता के कारण उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाने की आवश्यकता महसूस हुई है।
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