न्यूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Wed, 07 Aug 2024 11: 14 PM IST
दमोह पुलिस ने आधारशिला संस्थान के निदेशक डॉ. अजय लाल और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जुवेनाइल जस्टिस केयर एक्ट का पालन न करने के आरोप के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। उनकी गिरफ्तारी को लेकर दिनभर उठापटक चलती रही। हाईकोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तारी पर 9 अगस्त तक रोक लगा दी है। परिजनों से बात करती पुलिस
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दमोह के आधारशिला संस्थान के निदेशक डॉ. अजय लाल पर पुलिस ने मंगलवार रात ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला दर्ज कर लिया। डॉ. लाल को सोमवार दोपहर से पुलिस ने उनके घर में नजरबंद करके रखा गया था और घर के चारों तरफ पुलिस तैनात थी, लेकिन रात में जब पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची तो वह गायब हो गए। उसके बाद पूरा परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। हालांकि हाईकोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तारी पर 9 अगस्त तक रोक लगा दी है।
बता दें कि राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने दमोह पुलिस को एक पत्र जारी किया था, जिसमें 18 साल पहले गोद लिए गए दो बच्चों को लेकर ह्यूमन ट्रैफिकिंग की संभावना जताई थी। इस मामले में पुलिस ने जांच करने के बाद मंगलवार रात 12 बजे आधारशिला संस्थान के निदेशक डॉ. अजय लाल और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जुवेनाइल जस्टिस केयर एक्ट का पालन न करने के आरोप के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। एफआईआर के पहले ही पुलिस ने दिन में डॉ. लाल को नजरबंद कर दिया था, लेकिन रात में जब गिरफ्तारी के लिए पहुंचे तो वह लापता हो गए। इसके बाद डॉक्टर अजय लाल की पत्नी इंदू लाल, उनके बेटे अभिजीत लाल और बेटी अभिनीता अपने फॉरेनर पति के साथ जबलपुर जाने के लिए घर से निकले, जिन्हें पुलिस ने मारुताल टोल नाका के पास रोक लिया और डॉ. अजय लाल के बारे में पूछताछ शुरू कर दी। यहां पूछताछ के दौरान डॉ. लाल की परिजनों और पुलिस के बीच काफी बहस हुई। डॉ. अजय लाल की बेटी अभिनीता ने पुलिस पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए। साथ में पुलिस से ये भी कहा कि आपने मेरे पिता को नजरबंद किया था तो आप बताइए वह कहां है। पुलिस इसका कोई जवाब नहीं दे पाई।
पुलिस ने डॉ.लाल के परिवार को पूरी रात आधारशिला संस्थान के कैंपस में रोक कर रखा। परिवार के लोग यहां पुलिस से बार-बार जाने की बात कहते रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें नहीं जाने दिया, लेकिन सुबह अचानक पुलिस ने एक नोटिस पर साइन लिए और उन्हें जाने दिया।
बेटी का आरोप पुलिस कर रही प्रताड़ित
डॉ अजय लाल की बेटी अभिनीता ने कहा कि हम दमोह को अपना घर मानते हैं, हमारे पिता यहां लोगों की मदद करते हैं और उन्हें झूठे मामलों में फंसाने का प्रयास हो रहा है। हम फॉरेनर हैं और यहां अपने परिवार से मिलने आते हैं। अब माहौल खराब हो गया है इसलिए हम वापस अपने देश जा रहे हैं। पुलिस ने हमें रोक रखा है और पुलिस हमें प्रताड़ित कर रही है। डॉ. लाल के बेटे अभिजीत लाल ने कहा कि हम लोगों की सेवा कर रहे हैं और सेवा करने की हमें सजा मिल रही है। मेरे पिता अपना पूरा जीवन दमोह के लिए समर्पित कर चुके हैं, लेकिन उन पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं।
अभिजीत ने कहा मेरे पिता पर एफआईआर हुई है और मैं जबलपुर जाकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से इस मामले में बात करना चाहता हूं, ताकि हम अपने पिता को सुरक्षित रख सकें, लेकिन पुलिस ने हमें यहां रोक रखा है। पुलिस हमसे पूछ रही है कि हमारे पिता कहां हैं, जबकि दोपहर से ही पुलिस ने मेरे पिता को नजर बंद कर रखा था, वह भी बिना कोई नोटिस दिए।
कैसे गायब हो गए डॉ. अजय लाल
दोपहर से पुलिस ने डॉ. लाल को नजर बंद कर रखा था। उनके घर के चारों तरफ पुलिस तैनात थी और उसके बाद भी जब रात में पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची, तो वह गायब हो गए। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। सुबह करीब 4: 00 बजे पुलिस ने डॉ. लाल के परिजनों की मौजूदगी में उनके पूरे घर की तलाशी ली, लेकिन वह कहीं नहीं मिले। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा, लैपटॉप और सीसीटीवी का डीवीआर भी जब्त किया है। हैरानी की बात है कि डॉ. अजय लाल का वहां से गायब होना पूरी तरह पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेह जाहिर कर रहा है। अब इस मामले में पुलिस कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है।
डॉ अजय लालद्वारा दमोह के मारूताल में अपने आधारशिला संस्थान के ऑफिस के समीप एक बाल भवन का संचालन किया जाता था, जिसमें अनाथ बच्चे रहते थे। करीब एक साल पहले राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बाल आश्रम के संचालन को संदिग्ध बताया और उसके बाद इसे बंद कर दिया गया। दमोह सीएसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि दो बच्चों को गोद लेने के मामले में शिकायत प्राप्त हुई थी। जिसकी जांच के बाद मंगलवार को डॉक्टर अजय लाल व अन्य लोगों पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जुवेनाइल जस्टिस केयर एक्ट का पालन न करने के आरोप के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास किया जा रहे हैं शीघ्र उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। हालांकि हाईकोर्ट ने इस मामले में गिरफ्तारी पर 9 अगस्त तक रोक लगा दी है।
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