damoh:-वन-विभाग-ने-नहीं-दिया-मेहनताना,-बोरिया-बिस्तर-लेकर-कलेक्ट्रेट-पहुंचे-दर्जनों-मजदूर
अपने परिवार, सामान और बिस्तरों के साथ कलेक्ट्रेट में पहुंचे परेशान मजदूर - फोटो : अमर उजाला विस्तार दमोह में दर्जनों मजदूर अपने परिवार और बोरिया-बिस्तर साथ लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों पर मजदूरी न देने का आरोप लगाया। मजदूरों ने पैसे न मिलने के कारण उनके सामने घर वापस जाने के लिए भी पैसे न होने की बात कही। वहीं, इस मामले को लेकर डीएफओ ने कहा कि मजदूरों को उनका पैसा दिया जाएगा। गड्ढों की गिनती करवाने के बाद भुगतान जरूर होगा। ये मजदूर जिले के झलौन वन परिक्षेत्र के अंतर्गत प्लांटेशन में काम करते हैं। हजारों गड्ढों का होना है भुगतान सागर जिले के गढ़ाकोटा निवासी मजदूर परषोत्तम ने बताया कि झलौन वन परिक्षेत्र के बिसनाखेड़ी के प्लांटेशन के लिए गड्ढों की खुदाई के लिए वह अपने परिवार के साथ यहां आया था। गड्ढों की खुदाई का ठेका हुआ था। पिछले डेढ़ महीने से दर्जनों मजदूर यहां गड्ढों की खुदाई का कार्य कर रहे हैं। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने मजदूरी का भुगतान नहीं किया। '29,600 गड्ढे खोदे गए' कटनी जिले से आए मजदूर करन ने बताया कि सभी मजदूर एक ही परिवार के हैं। कुछ मजदूर गढ़ाकोटा और कुछ कटनी जिले के रहने वाले हैं। सभी लोग 26 दिसंबर को मजदूरी करने के लिए दमोह पहुंचे थे। उसने बताया कि झलौन बीट के वनकर्मी महेश यादव ने गड्ढे खोदने के लिए कहा था और सभी ने मिलकर 29,600 गड्ढे खोदे हैं। इसके लिए अभी तक केवल उन्हें खर्च के लिए 74 हजार रुपये का भुगतान हुआ है। जब बकाया मजदूरी मांगी गई तो विभाग के अधिकारी पैसे देने से मना कर रहे हैं। उन्हें तो यह भी पता नहीं है कि मजदूरी किस रेट के आधार पर दी जाएगी। 'दो एसडीओ को मजदूरों से बात करने भेजा जा रहा है' विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जितने गड्ढे मजदूरों की ओर से खोदने की बात कही जा रही है, उतने गड्ढे वास्तविकता में नहीं खोदे गए। इसके अलावा गड्ढों की गिनती होने के बाद उनका आकार छोटा बताया जा रहा है। दमोह डीएफओ एमएस उइके ने बताया कि कलेक्ट्रेट में मजदूरों के बैठने की जानकारी उनके पास आई है। दो एसडीओ को मजदूरों से बात करने भेजा जा रहा है। इसके अलावा गड्ढों की गिनती कराई जाएगी और मजदूरों को उनका पैसा दिया जाएगा।

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अपने परिवार, सामान और बिस्तरों के साथ कलेक्ट्रेट में पहुंचे परेशान मजदूर – फोटो : अमर उजाला

विस्तार दमोह में दर्जनों मजदूर अपने परिवार और बोरिया-बिस्तर साथ लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों पर मजदूरी न देने का आरोप लगाया। मजदूरों ने पैसे न मिलने के कारण उनके सामने घर वापस जाने के लिए भी पैसे न होने की बात कही।

वहीं, इस मामले को लेकर डीएफओ ने कहा कि मजदूरों को उनका पैसा दिया जाएगा। गड्ढों की गिनती करवाने के बाद भुगतान जरूर होगा। ये मजदूर जिले के झलौन वन परिक्षेत्र के अंतर्गत प्लांटेशन में काम करते हैं।

हजारों गड्ढों का होना है भुगतान
सागर जिले के गढ़ाकोटा निवासी मजदूर परषोत्तम ने बताया कि झलौन वन परिक्षेत्र के बिसनाखेड़ी के प्लांटेशन के लिए गड्ढों की खुदाई के लिए वह अपने परिवार के साथ यहां आया था। गड्ढों की खुदाई का ठेका हुआ था। पिछले डेढ़ महीने से दर्जनों मजदूर यहां गड्ढों की खुदाई का कार्य कर रहे हैं। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने मजदूरी का भुगतान नहीं किया।

‘29,600 गड्ढे खोदे गए’
कटनी जिले से आए मजदूर करन ने बताया कि सभी मजदूर एक ही परिवार के हैं। कुछ मजदूर गढ़ाकोटा और कुछ कटनी जिले के रहने वाले हैं। सभी लोग 26 दिसंबर को मजदूरी करने के लिए दमोह पहुंचे थे।

उसने बताया कि झलौन बीट के वनकर्मी महेश यादव ने गड्ढे खोदने के लिए कहा था और सभी ने मिलकर 29,600 गड्ढे खोदे हैं। इसके लिए अभी तक केवल उन्हें खर्च के लिए 74 हजार रुपये का भुगतान हुआ है। जब बकाया मजदूरी मांगी गई तो विभाग के अधिकारी पैसे देने से मना कर रहे हैं। उन्हें तो यह भी पता नहीं है कि मजदूरी किस रेट के आधार पर दी जाएगी।

‘दो एसडीओ को मजदूरों से बात करने भेजा जा रहा है’
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जितने गड्ढे मजदूरों की ओर से खोदने की बात कही जा रही है, उतने गड्ढे वास्तविकता में नहीं खोदे गए। इसके अलावा गड्ढों की गिनती होने के बाद उनका आकार छोटा बताया जा रहा है।

दमोह डीएफओ एमएस उइके ने बताया कि कलेक्ट्रेट में मजदूरों के बैठने की जानकारी उनके पास आई है। दो एसडीओ को मजदूरों से बात करने भेजा जा रहा है। इसके अलावा गड्ढों की गिनती कराई जाएगी और मजदूरों को उनका पैसा दिया जाएगा।

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