damoh:-मवेशियों-के-साथ-निर्दयता,-फसलों-को-बचाने-के-लिए-किसान-ओवरफ्लो-जलाशय-के-पास-कर-रहे-कैद
विस्तार Follow Us दमोह जिले में आवारा मवेशी आम लोगों के साथ ही किसानों के लिए भी परेशानी बन रहे हैं। जबेरा ब्लाक के मुड़ेरी गांव के किसान अपनी फसलों को बचाने आवारा मवेशियों को ओवरफ्लो जलाशय के पास कैद कर रहे हैं और उनकी जान को खतरे में डाल रहे हैं। जिसका वीडियो मंगलवार को स्थानीय लोगों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसमें देखा जा सकता है कि जलाशय से कितनी तेज गति से पानी बह रहा है और उसमें यह मवेशी खड़े हैं, यदि पानी में बह गए तो घायल भी हो सकते हैं और जान बचाना भी मुश्किल हो जायेगा। दरअसल गौचर समस्या के चलते मुड़ेरी गांव के किसान आवारा मवेशियों को बंदरकोला जलाशय ओवरफ्लो की बाउंड्री वॉल के अंदर प्रतिदिन शाम को बंद कर देते हुए हैं और सुबह निकाल देते है। किसानों का कहना है कि खेतों में खड़ी फसलों की रखवाली आवारा मवेशियों से दिन में तो कर लेते हैं, लेकिन रात्रि में यह आवारा मवेशी फसलों को खा जाते और चौपट कर देते हैं। मवेशियों के आतंक से फसलों को बचाने के लिए ओवरफ्लो की बाउंड्री वॉल में रात्रि में बंद कर देते हैं और सुबह निकाल देते हैं। पानी के बहाव में यह मवेशी न तो खड़े हो पाते हैं और नही बैठ पाते हैं। मवेशियों के साथ किसानों के द्वारा यह निर्दयता बरती जा रही है। ग्राम पंचायत मुंडेरी के सचिव अंबिका साहू का कहना है किसानों को कई बार मना किया है, इस तरह से मवेशियों को तालाब की ओवरफ्लो की बाउंड्रीवाल में बंद ना करें, लेकिन किसान मानते नहीं है और बंदर कोला जलाशय की पत्थरों की बाउंड्रीवॉल के अंदर बंद कर देते हैं। बता दें कि मवेशियों को इस तरह से ओवरफ्लो की बाउंड्री वॉल में बंद करने से यदि बारिश अधिक हो जाएगी तो ओवरफ्लो के तेज बहाव में बहने से मवेशियों की मौतें भी हो सकती है।

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दमोह जिले में आवारा मवेशी आम लोगों के साथ ही किसानों के लिए भी परेशानी बन रहे हैं। जबेरा ब्लाक के मुड़ेरी गांव के किसान अपनी फसलों को बचाने आवारा मवेशियों को ओवरफ्लो जलाशय के पास कैद कर रहे हैं और उनकी जान को खतरे में डाल रहे हैं। जिसका वीडियो मंगलवार को स्थानीय लोगों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जिसमें देखा जा सकता है कि जलाशय से कितनी तेज गति से पानी बह रहा है और उसमें यह मवेशी खड़े हैं, यदि पानी में बह गए तो घायल भी हो सकते हैं और जान बचाना भी मुश्किल हो जायेगा।

दरअसल गौचर समस्या के चलते मुड़ेरी गांव के किसान आवारा मवेशियों को बंदरकोला जलाशय ओवरफ्लो की बाउंड्री वॉल के अंदर प्रतिदिन शाम को बंद कर देते हुए हैं और सुबह निकाल देते है। किसानों का कहना है कि खेतों में खड़ी फसलों की रखवाली आवारा मवेशियों से दिन में तो कर लेते हैं, लेकिन रात्रि में यह आवारा मवेशी फसलों को खा जाते और चौपट कर देते हैं। मवेशियों के आतंक से फसलों को बचाने के लिए ओवरफ्लो की बाउंड्री वॉल में रात्रि में बंद कर देते हैं और सुबह निकाल देते हैं। पानी के बहाव में यह मवेशी न तो खड़े हो पाते हैं और नही बैठ पाते हैं। मवेशियों के साथ किसानों के द्वारा यह निर्दयता बरती जा रही है।

ग्राम पंचायत मुंडेरी के सचिव अंबिका साहू का कहना है किसानों को कई बार मना किया है, इस तरह से मवेशियों को तालाब की ओवरफ्लो की बाउंड्रीवाल में बंद ना करें, लेकिन किसान मानते नहीं है और बंदर कोला जलाशय की पत्थरों की बाउंड्रीवॉल के अंदर बंद कर देते हैं। बता दें कि मवेशियों को इस तरह से ओवरफ्लो की बाउंड्री वॉल में बंद करने से यदि बारिश अधिक हो जाएगी तो ओवरफ्लो के तेज बहाव में बहने से मवेशियों की मौतें भी हो सकती है।

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