damoh:-नदी-से-निकलकर-मुख्य-मार्ग-पर-आया-सात-फीट-लंबा-मगरमच्छ,-वन-विभाग-की-टीम-ने-रेस्क्यू-कर-तालाब-में-छोड़ा
मगरमच्छ को पकड़ते वनकर्मी विस्तार Follow Us दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक के केवलारी गांव में व्यारमा नदी से निकलकर एक मगरमच्छ मंगलवार सुबह मुख्य सड़क पर आ गया। ग्रामीणों ने सात फीट लंबे मगरमच्छ को देखा तो उनके होश उड़ गए, उन्होंने तत्काल वन अमले को सूचना दी। वनकर्मी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ मगरमच्छ का रेस्क्यू कर उसे नोरादेही के चकाई तालाब में छोड़ा गया।  मामला तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र के वीट केवलारी का है। यहां से व्यारमा नदी निकली हुई है, जिसमें सैकड़ों मगरमच्छ रहते हैं। उन्ही में से एक मगरमच्छ निकलकर रास्ते में पहुंच गया था। गनीमत यह रही कि जब मगरमच्छ नदी से निकलकर मुख्य मार्ग पर आया, उस  समय रामजी यादव की नजर उस पर पड़ गई। उन्होंने पूरे मामले की सूचना तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र अधिकारी को दी। जिसके बाद वन अमला मौके पर भेजा और रेस्क्यू कर मगरमच्छ को सिंगोरगढ़ जलाशय में छोड़ दिया गया। बाला बब्बा के समीप था मगरमच्छ केवलारी गांव में बाला बब्बा के पास नदी से निकलकर यह मगरमच्छ मुख्य मार्ग पर बैठ गया था। सड़क से कुछ ही दूरी पर किसानों ने अपनी फसल की रखवाली के लिए झोपड़ी बनाई है, जिनमें वह रहते हैं। अगर, रामजी यादव की नजर सही समय पर मगरमच्छ पर नहीं पड़ती तो वह झोपड़ी के पास भी जा सकता था। तेंदूखेड़ा रेंजर सृष्टि जैन ने बताया कि सूचना पर स्टाफ को भेजकर सात फीट लंबे मगरमच्छ का रेस्क्यू किया गया और झापन रेज में नोरादेही के चकाई तालाब में छोड़ दिया गया।

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मगरमच्छ को पकड़ते वनकर्मी

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दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लाक के केवलारी गांव में व्यारमा नदी से निकलकर एक मगरमच्छ मंगलवार सुबह मुख्य सड़क पर आ गया। ग्रामीणों ने सात फीट लंबे मगरमच्छ को देखा तो उनके होश उड़ गए, उन्होंने तत्काल वन अमले को सूचना दी। वनकर्मी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ मगरमच्छ का रेस्क्यू कर उसे नोरादेही के चकाई तालाब में छोड़ा गया। 

मामला तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र के वीट केवलारी का है। यहां से व्यारमा नदी निकली हुई है, जिसमें सैकड़ों मगरमच्छ रहते हैं। उन्ही में से एक मगरमच्छ निकलकर रास्ते में पहुंच गया था। गनीमत यह रही कि जब मगरमच्छ नदी से निकलकर मुख्य मार्ग पर आया, उस  समय रामजी यादव की नजर उस पर पड़ गई। उन्होंने पूरे मामले की सूचना तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र अधिकारी को दी। जिसके बाद वन अमला मौके पर भेजा और रेस्क्यू कर मगरमच्छ को सिंगोरगढ़ जलाशय में छोड़ दिया गया।

बाला बब्बा के समीप था मगरमच्छ
केवलारी गांव में बाला बब्बा के पास नदी से निकलकर यह मगरमच्छ मुख्य मार्ग पर बैठ गया था। सड़क से कुछ ही दूरी पर किसानों ने अपनी फसल की रखवाली के लिए झोपड़ी बनाई है, जिनमें वह रहते हैं। अगर, रामजी यादव की नजर सही समय पर मगरमच्छ पर नहीं पड़ती तो वह झोपड़ी के पास भी जा सकता था। तेंदूखेड़ा रेंजर सृष्टि जैन ने बताया कि सूचना पर स्टाफ को भेजकर सात फीट लंबे मगरमच्छ का रेस्क्यू किया गया और झापन रेज में नोरादेही के चकाई तालाब में छोड़ दिया गया।

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