damoh:-जंगल-और-आदिवासियों-की-फसलों-को-बचाने-के-लिए-पहल,-बाहरी-मवेशियों-के-प्रवेश-पर-लगाई-गई-रोक
मवेशियों को रोकने लगाए बेरिकेट विस्तार Follow Us दमोह जिले का मड़ियादो वनपरिक्षेत्र पन्ना टाइगर रिजर्व का बफरजोन एरिया है। यहां अन्य स्थानों से मवेशी आ जाते हैं। जिससे पन्ना टाइगर रिजर्व के जंगलों में मड़ियादो सीमा के बाहर से आने वाले मवेशियों पर जंगल मे प्रवेश पर रोक लगाई है। सड़क पर बेरिकेट लगाए गए हैं और वन कर्मियों को तैनात किया गया है ताकि वह देख रेख कर सकें। मड़ियादो वनपरिक्षेत्र अधिकारी जीएस चौहान के नेतृत्व में वीट गार्ड रामगोपाल अहिरवार, भूपेंद्र पटेल ने रेंज कार्यालय के सामने मुख्य मार्ग पर बेरिकेड लगाकर मवेशियों को खदेड़ाना भी शुरू कर दिया है।गौरतलब है कि इन दिनों हटा ब्लाक अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव से हजारों की संख्या में मवेशियों को बफरजोन के जंगल कलकुआ, अमझिर भेजा जा रहा, जिससे जंगल के साथ आदिवासी किसानों की फसलों को नुकसान होता है। आलम यह हो जाता है इन गांव के लोगों को समूह में घूमकर रात्रि जागरण कर अपनी फसल की रखवाली करनी पड़ती है। साथ ही वन अमला भी परेशान होता है। इसलिए अब यहां पर बैरिकेडिंग कर जानवरों पर नजर रखी जा रही है। बता दें मडियादो हटा से लगा हुआ है और यहां आने वाले कई गांव में लोग मवेशी पालते हैं, लेकिन उन्हें मडियादो के जंगल की ओर भेज देते हैं। जिससे बड़ी संख्या में मवेशी इस जंगल में प्रवेश कर जाते हैं। किसानों की समस्या इसलिए बढ़ जाती है, क्योंकि उसकी फसल को जंगली जानवर से बचाना पड़ता है और उसके साथ ही यह मवेशी भी यहां पहुंच जाते हैं।

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मवेशियों को रोकने लगाए बेरिकेट

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दमोह जिले का मड़ियादो वनपरिक्षेत्र पन्ना टाइगर रिजर्व का बफरजोन एरिया है। यहां अन्य स्थानों से मवेशी आ जाते हैं। जिससे पन्ना टाइगर रिजर्व के जंगलों में मड़ियादो सीमा के बाहर से आने वाले मवेशियों पर जंगल मे प्रवेश पर रोक लगाई है। सड़क पर बेरिकेट लगाए गए हैं और वन कर्मियों को तैनात किया गया है ताकि वह देख रेख कर सकें।

मड़ियादो वनपरिक्षेत्र अधिकारी जीएस चौहान के नेतृत्व में वीट गार्ड रामगोपाल अहिरवार, भूपेंद्र पटेल ने रेंज कार्यालय के सामने मुख्य मार्ग पर बेरिकेड लगाकर मवेशियों को खदेड़ाना भी शुरू कर दिया है।गौरतलब है कि इन दिनों हटा ब्लाक अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव से हजारों की संख्या में मवेशियों को बफरजोन के जंगल कलकुआ, अमझिर भेजा जा रहा, जिससे जंगल के साथ आदिवासी किसानों की फसलों को नुकसान होता है।

आलम यह हो जाता है इन गांव के लोगों को समूह में घूमकर रात्रि जागरण कर अपनी फसल की रखवाली करनी पड़ती है। साथ ही वन अमला भी परेशान होता है। इसलिए अब यहां पर बैरिकेडिंग कर जानवरों पर नजर रखी जा रही है। बता दें मडियादो हटा से लगा हुआ है और यहां आने वाले कई गांव में लोग मवेशी पालते हैं, लेकिन उन्हें मडियादो के जंगल की ओर भेज देते हैं। जिससे बड़ी संख्या में मवेशी इस जंगल में प्रवेश कर जाते हैं। किसानों की समस्या इसलिए बढ़ जाती है, क्योंकि उसकी फसल को जंगली जानवर से बचाना पड़ता है और उसके साथ ही यह मवेशी भी यहां पहुंच जाते हैं।

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