damoh:-कम-रिजल्ट-आने-पर-शिक्षकों-को-नोटिस,-जवाब-में-लिखा-हम-तो-पढ़ाते-हैं,-लेकिन-बच्चे-घर-पर-मोबाइल-चलाते-हैं
न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Sat, 24 Aug 2024 04: 49 PM IST कम रिजल्ट आने पर शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है। वहीं, जवाब में शिक्षकों ने लिखा, हम तो पढ़ाते हैं, लेकिन बच्चे घर पर मोबाइल चलाते हैं। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us दमोह जिले का रिजल्ट हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल परीक्षाओं में इस बार पूरे प्रदेश में सबसे खराब रहा है। जिन स्कूलों का रिजल्ट कमजोर रहा, वहां के शिक्षकों के खिलाफ नोटिस जारी किए गए।माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड के निर्देश पर 57 स्कूलों के 99 शिक्षकों को नोटिस थमाए गए। इन शिक्षकों ने जवाब भी दे दिया है, जिसमें उन्होंने पूरी मेहनत से पढ़ाने का उल्लेख किया और बच्चे के नहीं पढ़ने की बात कही है। इसके लिए मोबाइल को जिम्मेदार बताया है। हैरानी की बात यह है बोर्ड ने केवल शिक्षकों को नोटिस दिए हैं, अभी तक प्राचार्यों को नोटिस भी नहीं दिए। जबकि रिजल्ट घोषित हुए चार माह बीत चुके हैं। दरअसल, इस साल कक्षा 10वीं का रिजल्ट 41 प्रतिशत व 12वीं का रिजल्ट 47 प्रतिशत आया था। जो अभी तक का सबसे कमजोर रिजल्ट रहा। इसमें ज्यादातर ग्रामीण अंचलों के स्कूलों का रिजल्ट खराब रहा, जिसके चलते इस बार 50 प्रतिशत से कम रिजल्ट देने वाले 86 शिक्षकों एवं 30 प्रतिशत से कम रिजल्ट देने वाले 14 शिक्षकों के विरुद्ध नोटिस जारी किए गए थे। इन शिक्षकों द्वारा अपने नोटिस का जबाव भी समय-सीमा में भेज दिया गया है। अधिकांश शिक्षकों ने अपना जवाब दे दिया है। सबसे अधिक 32 नकल प्रकरण बने इस बार जिले में नकल पर जमकर सख्ती बरती गई। सागर जेडी के अलावा अलग-अलग टीमों ने स्कूलों में जाकर दबिश दी, जिसके चलते इस बार सबसे अधिक 32 नकल प्रकरण पूरे जिले में बनाए गए। साथ ही जिन केंद्रों पर छात्र नकल करते पाए गए, वहां के केंद्राध्यक्षों व पर्यवेक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई भी की गई। जबकि इसके पूर्व के वर्षों में जिले में जमकर नकल कराई जाती थी। तेंदूखेड़ा, बनवार, सैलबाड़ा जैसे केंद्रों पर तो नकल का ठेका लिया जाता था और इन केंद्रों पर प्रदेश के दूसरों जिलों के छात्र परीक्षा देने आते थे। लेकिन इस बार इन स्कूलों में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या घट गई है। यह हैं कम रिजल्ट देने वाले स्कूल सबसे कम रिजल्ट देने वाले शासकीय स्कूलों में शासकीय हाईस्कूल मनका, निमरमुंडा, बनवार, शहजादपुरा, कुलुआ, पौंडी मानगढ़, बिलगुंवा, बिलाखुर्द, पटेरिया, इटवा हीरालाल, बेलखेड़ी, सतपारा, हिनौती पुतरीघाट, समनापुर, खमरिया, मझगुंवा हंसराज, कुम्हारी, पटेरा, पटेरिया, बालक स्कूल पथरिया, सदगुंवा, किंद्रहो, नंदई, सूखा, जेरठ, किशुनगंज, इमलियाघाट, आनू, आमखेड़ा, अभाना, सलैया एरोरा, भीलमपुर, रंजरा, पटना बुजुर्ग, कलकुआ, बांसा, हिनौताकला, तेंदूखेड़ा, बिनती, खमरिया अजीतपुर, सिंग्रामपुर, कोडाकला, घटेरा, बम्होरी, रोड, साखा, एक्सीलेंस स्कूल बटियागढ़, फुटेराकलां, लड़ई बम्होरी और अभाना स्कूल शामिल हैं। सागर जेडी कार्यालय से होनी है कार्रवाई जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा ने बताया, जिन स्कूल के शिक्षकों का रिजल्ट कमजोर था। उन सभी शिक्षकों को नोटिस सागर जेडी कार्यालय द्वारा जारी किए गए थे। इनके जबाव भी पहुंच गए हैं। अब जेडी कार्यालय से कार्रवाई होगी। वहीं, प्राचार्यों पर कार्रवाई भोपाल स्तर से तय होगी। संयुक्त संचालक शिक्षा सागर मनीष वर्मा ने कहा, कमजोर रिजल्ट देने वाले शिक्षकों के लिए वेतन वृद्धि रोकी जानी है। लेकिन किसी स्कूल का रिजल्ट एक प्रतिशत है तो किसी का 30 प्रतिशत है।ऐसे में यह तय किया जा रहा है कि कितने प्रतिशत वाले शिक्षकों की कितनी वेतन वृद्धि रोकी जाए। जल्द ही इस मामले में शासन स्तर से जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, दमोह Published by: दमोह ब्यूरो Updated Sat, 24 Aug 2024 04: 49 PM IST

कम रिजल्ट आने पर शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है। वहीं, जवाब में शिक्षकों ने लिखा, हम तो पढ़ाते हैं, लेकिन बच्चे घर पर मोबाइल चलाते हैं। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

दमोह जिले का रिजल्ट हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल परीक्षाओं में इस बार पूरे प्रदेश में सबसे खराब रहा है। जिन स्कूलों का रिजल्ट कमजोर रहा, वहां के शिक्षकों के खिलाफ नोटिस जारी किए गए।माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड के निर्देश पर 57 स्कूलों के 99 शिक्षकों को नोटिस थमाए गए। इन शिक्षकों ने जवाब भी दे दिया है, जिसमें उन्होंने पूरी मेहनत से पढ़ाने का उल्लेख किया और बच्चे के नहीं पढ़ने की बात कही है। इसके लिए मोबाइल को जिम्मेदार बताया है। हैरानी की बात यह है बोर्ड ने केवल शिक्षकों को नोटिस दिए हैं, अभी तक प्राचार्यों को नोटिस भी नहीं दिए। जबकि रिजल्ट घोषित हुए चार माह बीत चुके हैं।

दरअसल, इस साल कक्षा 10वीं का रिजल्ट 41 प्रतिशत व 12वीं का रिजल्ट 47 प्रतिशत आया था। जो अभी तक का सबसे कमजोर रिजल्ट रहा। इसमें ज्यादातर ग्रामीण अंचलों के स्कूलों का रिजल्ट खराब रहा, जिसके चलते इस बार 50 प्रतिशत से कम रिजल्ट देने वाले 86 शिक्षकों एवं 30 प्रतिशत से कम रिजल्ट देने वाले 14 शिक्षकों के विरुद्ध नोटिस जारी किए गए थे। इन शिक्षकों द्वारा अपने नोटिस का जबाव भी समय-सीमा में भेज दिया गया है। अधिकांश शिक्षकों ने अपना जवाब दे दिया है।

सबसे अधिक 32 नकल प्रकरण बने
इस बार जिले में नकल पर जमकर सख्ती बरती गई। सागर जेडी के अलावा अलग-अलग टीमों ने स्कूलों में जाकर दबिश दी, जिसके चलते इस बार सबसे अधिक 32 नकल प्रकरण पूरे जिले में बनाए गए। साथ ही जिन केंद्रों पर छात्र नकल करते पाए गए, वहां के केंद्राध्यक्षों व पर्यवेक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई भी की गई। जबकि इसके पूर्व के वर्षों में जिले में जमकर नकल कराई जाती थी। तेंदूखेड़ा, बनवार, सैलबाड़ा जैसे केंद्रों पर तो नकल का ठेका लिया जाता था और इन केंद्रों पर प्रदेश के दूसरों जिलों के छात्र परीक्षा देने आते थे। लेकिन इस बार इन स्कूलों में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या घट गई है।

यह हैं कम रिजल्ट देने वाले स्कूल
सबसे कम रिजल्ट देने वाले शासकीय स्कूलों में शासकीय हाईस्कूल मनका, निमरमुंडा, बनवार, शहजादपुरा, कुलुआ, पौंडी मानगढ़, बिलगुंवा, बिलाखुर्द, पटेरिया, इटवा हीरालाल, बेलखेड़ी, सतपारा, हिनौती पुतरीघाट, समनापुर, खमरिया, मझगुंवा हंसराज, कुम्हारी, पटेरा, पटेरिया, बालक स्कूल पथरिया, सदगुंवा, किंद्रहो, नंदई, सूखा, जेरठ, किशुनगंज, इमलियाघाट, आनू, आमखेड़ा, अभाना, सलैया एरोरा, भीलमपुर, रंजरा, पटना बुजुर्ग, कलकुआ, बांसा, हिनौताकला, तेंदूखेड़ा, बिनती, खमरिया अजीतपुर, सिंग्रामपुर, कोडाकला, घटेरा, बम्होरी, रोड, साखा, एक्सीलेंस स्कूल बटियागढ़, फुटेराकलां, लड़ई बम्होरी और अभाना स्कूल शामिल हैं।

सागर जेडी कार्यालय से होनी है कार्रवाई
जिला शिक्षा अधिकारी एसके नेमा ने बताया, जिन स्कूल के शिक्षकों का रिजल्ट कमजोर था। उन सभी शिक्षकों को नोटिस सागर जेडी कार्यालय द्वारा जारी किए गए थे। इनके जबाव भी पहुंच गए हैं। अब जेडी कार्यालय से कार्रवाई होगी। वहीं, प्राचार्यों पर कार्रवाई भोपाल स्तर से तय होगी।

संयुक्त संचालक शिक्षा सागर मनीष वर्मा ने कहा, कमजोर रिजल्ट देने वाले शिक्षकों के लिए वेतन वृद्धि रोकी जानी है। लेकिन किसी स्कूल का रिजल्ट एक प्रतिशत है तो किसी का 30 प्रतिशत है।ऐसे में यह तय किया जा रहा है कि कितने प्रतिशत वाले शिक्षकों की कितनी वेतन वृद्धि रोकी जाए। जल्द ही इस मामले में शासन स्तर से जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी।

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

Posted in MP