chhatarpur-news:-दलित-पर-मल-फेंकने-के-मामले-में-नया-मोड़,-ग्रामीण-बोले-मजाक-में-फेंका,-मल-नहीं-गोबर-था
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छतरपुर Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 25 Jul 2023 06: 14 PM IST लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें Chhatarpur News: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में दलित युवक पर मल फेंकने के मामले में नया मोड़ आया है। ग्रामीणों के मुताबिक, युवक पर मल नहीं बल्कि गोबर फेंका गया था, वह भी मजाक में। मल फेंकने के मामले में नया मोड़ - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us छतरपुर में दलित युवक पर मल फेंकने वाले मामले में नया मोड़ आया है। जहां अब ग्रामीणों और आरोपी बनाए गए परिवार का कहना है कि उन्होंने मल नहीं गोबर फेंका था। 65 साल के बुजुर्ग को जबरन आरोपी बनाकर जेल भेजा गया है। जबकि जिसने आरोप लगाए और रिपोर्ट लिखवाई, उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। अब इस मामले को जबरन तूल दिया जा रहा है, जिसके चलते मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई में तकरीबन एक सैकड़ा ग्रामीण पहुंचे और उन्होंने आवेदन देकर निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की। पीड़ित के परिवार सहित धर्मदास पटेल और महेंद्र पटेल का कहना है कि यह सब मजाक-मजाक में हुआ है। 65 साल के बुजुर्ग रामकृपाल पटेल से पहले देशराज अहिरवार ने मजाक में काला ग्रीस लगाया था, जिसके पलट उसने पास में पड़ा गोबर लगा दिया और यह सब मजाक-मजाक में हुआ। वहां सिर्फ यह दोनों नहीं और भी तकरीबन आधा दर्जन करीब लोग थे। अब इस मामले को जबरन तूल दिया जा रहा है। देशराज अहिरवार ने झूठी रिपोर्ट लिखाकर रामकृपाल को जेल भिजवाया है। आरोपी देशराज भी है तो उस पर भी FIR होनी चाहिए। उसे भी उसी आरोप में जेल जाना चाहिए, कानून और न्याय सबके लिए बराबर है और हम कानून से न्याय की मांग करते हैं। दलित कार्ड खेल रहे लोग पीड़ित परिवार और ग्रामीणों का आरोप है कि हम सभी जाति/समुदाय के लोग गांव में मिलजुलकर बड़े आराम से हंसी-खुशी रह रहे थे। यह विवाद जो हुआ है, दोनों परिवार बिल्कुल आमने-सामने रहते हैं। आज तक कभी कोई विवाद नहीं हुआ। सभी का बचपन, जवानी और बुढ़ापा यहीं हंसी-खुशी गुजरा है। इस मजाक को बाहर के लोगों ने तूल दे दिया। लोग आकर उन्हें बरगला रहे हैं और दलित कार्ड खेल राजनीति कर रहे हैं। उन्हें लालच दे रहे हैं कि हरिजन एक्ट लगा दो तो इसमें तुम्हें पैसा मिल जाएगा, जिसके चलते उन्होंने यह रिपोर्ट की है। यहां इस विवाद से गांव का माहौल बिगाड़ा जा रहा है। इसे अब जातिगत और राजनैतिक रूप दिया जा रहा है, जो कि गलत है। गांव की भौगालिक वर्तमान स्थिति वोटर- 1350 जनसंख्या- 2500+ जाति- पटेल, पाल, अहिरवार, रजक, विश्वकर्मा, नाई, पंडित, रैकवार, बसोर, नट, नागर और अनुरागी घटना- 21 जुलाई सुबह 12 बजे  रिपोर्ट- 22 जुलाई गिरफ्तार- 23 जुलाई 11-12 बजे बता दें कि गांव में एक भी ठाकुर परिवार नहीं है। पर पंचायत का ही दूसरा गांव पुतरी में ठाकुर परिवार है और वहीं से ठाकुर महिला सरपंच हैं। आरोपी बनाए गए रामकृपाल गरीब हैं और कच्चा मकान है। जबकि पीड़ित देशराज का मकान रामकृपाल से बेहतर है। घटना 21 जुलाई दोपहर 12 बजे की है, 22 को आवेदन दिया FIR हुई और 23 जुलाई को दोपहर 12 बजे गिरफ्तार कर शाम को जेल भेज दिया गया। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छतरपुर Published by: अरविंद कुमार Updated Tue, 25 Jul 2023 06: 14 PM IST

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Chhatarpur News: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में दलित युवक पर मल फेंकने के मामले में नया मोड़ आया है। ग्रामीणों के मुताबिक, युवक पर मल नहीं बल्कि गोबर फेंका गया था, वह भी मजाक में। मल फेंकने के मामले में नया मोड़ – फोटो : अमर उजाला

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छतरपुर में दलित युवक पर मल फेंकने वाले मामले में नया मोड़ आया है। जहां अब ग्रामीणों और आरोपी बनाए गए परिवार का कहना है कि उन्होंने मल नहीं गोबर फेंका था। 65 साल के बुजुर्ग को जबरन आरोपी बनाकर जेल भेजा गया है। जबकि जिसने आरोप लगाए और रिपोर्ट लिखवाई, उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। अब इस मामले को जबरन तूल दिया जा रहा है, जिसके चलते मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई में तकरीबन एक सैकड़ा ग्रामीण पहुंचे और उन्होंने आवेदन देकर निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की।

पीड़ित के परिवार सहित धर्मदास पटेल और महेंद्र पटेल का कहना है कि यह सब मजाक-मजाक में हुआ है। 65 साल के बुजुर्ग रामकृपाल पटेल से पहले देशराज अहिरवार ने मजाक में काला ग्रीस लगाया था, जिसके पलट उसने पास में पड़ा गोबर लगा दिया और यह सब मजाक-मजाक में हुआ। वहां सिर्फ यह दोनों नहीं और भी तकरीबन आधा दर्जन करीब लोग थे। अब इस मामले को जबरन तूल दिया जा रहा है। देशराज अहिरवार ने झूठी रिपोर्ट लिखाकर रामकृपाल को जेल भिजवाया है। आरोपी देशराज भी है तो उस पर भी FIR होनी चाहिए। उसे भी उसी आरोप में जेल जाना चाहिए, कानून और न्याय सबके लिए बराबर है और हम कानून से न्याय की मांग करते हैं।

दलित कार्ड खेल रहे लोग
पीड़ित परिवार और ग्रामीणों का आरोप है कि हम सभी जाति/समुदाय के लोग गांव में मिलजुलकर बड़े आराम से हंसी-खुशी रह रहे थे। यह विवाद जो हुआ है, दोनों परिवार बिल्कुल आमने-सामने रहते हैं। आज तक कभी कोई विवाद नहीं हुआ। सभी का बचपन, जवानी और बुढ़ापा यहीं हंसी-खुशी गुजरा है। इस मजाक को बाहर के लोगों ने तूल दे दिया। लोग आकर उन्हें बरगला रहे हैं और दलित कार्ड खेल राजनीति कर रहे हैं। उन्हें लालच दे रहे हैं कि हरिजन एक्ट लगा दो तो इसमें तुम्हें पैसा मिल जाएगा, जिसके चलते उन्होंने यह रिपोर्ट की है। यहां इस विवाद से गांव का माहौल बिगाड़ा जा रहा है। इसे अब जातिगत और राजनैतिक रूप दिया जा रहा है, जो कि गलत है।

गांव की भौगालिक वर्तमान स्थिति

वोटर- 1350 जनसंख्या- 2500+ जाति- पटेल, पाल, अहिरवार, रजक, विश्वकर्मा, नाई, पंडित, रैकवार, बसोर, नट, नागर और अनुरागी घटना- 21 जुलाई सुबह 12 बजे  रिपोर्ट- 22 जुलाई गिरफ्तार- 23 जुलाई 11-12 बजे बता दें कि गांव में एक भी ठाकुर परिवार नहीं है। पर पंचायत का ही दूसरा गांव पुतरी में ठाकुर परिवार है और वहीं से ठाकुर महिला सरपंच हैं। आरोपी बनाए गए रामकृपाल गरीब हैं और कच्चा मकान है। जबकि पीड़ित देशराज का मकान रामकृपाल से बेहतर है। घटना 21 जुलाई दोपहर 12 बजे की है, 22 को आवेदन दिया FIR हुई और 23 जुलाई को दोपहर 12 बजे गिरफ्तार कर शाम को जेल भेज दिया गया।

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