कलेक्टर टीम – फोटो : अमर उजाला
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छतरपुर जिले में प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी के निलंबन होने के बाद वह ऑफिस में बैठकर बैक डेट में फाइलें और कार्य निपटाने का काम कर रहे थे। इसकी शिकायत और जानकारी लगाने पर कलेक्टर पार्थ जैसवाल के निर्देश पर कोषालय अधिकारी वीके श्रीवास्तव ने डीईओ ऑफिस में छापा मारा। जहां कलेक्टर की टीम आने की जानकारी लगते ही निलंबित हो चुके प्रभारी डीईओ एमके कोटार्य ऑफिस से भाग निकले।
मामले की जानकारी सहायक संचालक आरपी प्रजापति ने कोषालय अधिकारी को दी और सस्पेंड का ऑर्डर देखकर ऑफिस में मेडिकल का कागज देकर ऑफिस से डीईओ निकल गए। वहीं, डीईओ ऑफिस के कर्मचारियों को कलेक्टर की टीम ने हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी कर्मचारी ने कोई गलत काम किया या कोई भुगतान किया तो बड़ी कार्रवाई का अंजाम भुगतना होगा।
ये है पूरा मामला
बता दें कि छतरपुर के तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी एमके कोटार्य को सागर कमिश्नर वीरेंद्र रावत ने विभिन्न शिकायतों में दोषी पाए जाने पर निलंबित किया है। कोटार्य के विरुद्ध विधायक बिजावर बबलू शुक्ला द्वारा विधानसभा में प्रश्न लगाकर गंभीर मुद्दे शासन के सामने उठाए गए थे।
इसके बाद सागर कमिश्नर द्वारा जांच के बाद निलंबन की कड़ी कार्रवाई की गई। लेकिन एमके कोटार्य निलंबन के बाद भी नहीं रूके। अपने निलंबन की जानकारी लगते ही वो ऑफिस में बैठकर बैक डेट में लाखों के बिलों के भुगतान करने एवं अनेक नियम विरुद्ध आदेश अनाधिकृत रूप से जारी करने लगे। इसकी जानकारी लगते ही कलेक्टर द्वारा डीईओ ऑफिस में छापामार कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
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