चंद्र अनुसंधान में दुनिया में अग्रणी बन जायेगा भारत
शिव नादर इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस, दिल्ली-एनसीआर में प्रोफेसर और ओम्निप्रेजेंट रोबोट टेक के सीइओ आकाश सिन्हा ने इसरो की कामयाबी को ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में सराहा, जो नयी पीढ़ी के भावी वैज्ञानिकों को प्रेरित करेगी. चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने में शामिल रहे सिन्हा ने बताया, इस शानदार उपलब्धि के साथ, भारत ने चांद के दक्षिणी घ्रुव पर उतरने वाला पहला देश बनकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है. सिन्हा ने कहा, इसरो का चंद्रयान मिशन, जो चंद्रमा पर पानी की खोज में अग्रणी था, नये मानक स्थापित करता रहा है. भौतिक विज्ञान केंद्र, कोलकाता के निदेशक संदीप चक्रवर्ती ने कहा कि सॉफ्ट लैंडिंग चंद्रमा से भविष्य की गतिविधियों के लिए एक शुरुआत है. यह बाहरी दुनिया का प्रवेश द्वार है.
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