चंद्रमा पर अबतक केवल चार देश ही कर पाये सॉफ्ट लैंडिंग चंद्रमा एकमात्र खगोलीय स्थान है जहां (अब तक) मनुष्य गए हैं. वहां सबसे पहले जाना समझ में आता है: यह लगभग 4,00,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हमारा सबसे निकटतम ग्रहीय पिंड है. इसके बावजूद अभी तक मात्र चार देश ही चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर पाए हैं. सबसे पहले पूर्व सोवियत संघ ने यह सफलता हासिल की थी. लूना 9 मिशन लगभग 60 साल पहले फरवरी 1966 में चंद्रमा पर सुरक्षित रूप से उतरा था. अमेरिका ने कुछ महीनों बाद जून 1996 में ‘सर्वेयर 1’ मिशन के जरिए सफलता हासिल की. इसके बाद चीन 2013 में ‘चांग’ई 3’ मिशन की सफलता के साथ इस समूह में शामिल हो गया और अब भारत भी चंद्रयान-3 के साथ चांद पर पहुंच गया है. जापान, संयुक्त अरब अमीरात, इजराइल, रूस, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, लक्जमबर्ग, दक्षिण कोरिया और इटली के मिशन असफल रहे.

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चंद्रमा पर अबतक केवल चार देश ही कर पाये सॉफ्ट लैंडिंग

चंद्रमा एकमात्र खगोलीय स्थान है जहां (अब तक) मनुष्य गए हैं. वहां सबसे पहले जाना समझ में आता है: यह लगभग 4,00,000 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हमारा सबसे निकटतम ग्रहीय पिंड है. इसके बावजूद अभी तक मात्र चार देश ही चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कर पाए हैं. सबसे पहले पूर्व सोवियत संघ ने यह सफलता हासिल की थी. लूना 9 मिशन लगभग 60 साल पहले फरवरी 1966 में चंद्रमा पर सुरक्षित रूप से उतरा था. अमेरिका ने कुछ महीनों बाद जून 1996 में ‘सर्वेयर 1’ मिशन के जरिए सफलता हासिल की. इसके बाद चीन 2013 में ‘चांग’ई 3’ मिशन की सफलता के साथ इस समूह में शामिल हो गया और अब भारत भी चंद्रयान-3 के साथ चांद पर पहुंच गया है. जापान, संयुक्त अरब अमीरात, इजराइल, रूस, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी, लक्जमबर्ग, दक्षिण कोरिया और इटली के मिशन असफल रहे.