लैंडिंग में आ सकती है ऐसी परेशानी
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में बने गड्ढे हमेशा अंधेरे में रहते हैं. 25 किलामीटर की ऊंचाई से लैंडर को सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी. वैसे में लैंडर की रफ्तार को नियंत्रित करना सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. इसके अलावा ये भी परेशानी सामने आ सकती है.
लैंडिंग के लिए सही समय और सही स्पीड है जरूरी
लैंडर के उतरने और कंपन की गति को करना होगा कंट्रोल
चंद्रमा की सतह पर मौजूद गुरुत्वाकर्षण भी है चुनौती
चांद की सतह पर मौजूद क्रेटर और रेजोलिथ
सिग्नल पहुंचने में देरी भी लैंडिंग को बनाता है मुश्किल
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