पोस्ट में कहा गया, ‘‘चंद्रयान-3 की यह खोज वैज्ञानिकों को क्षेत्र में गंधक (एस) के स्रोत के लिए नए स्पष्टीकरण विकसित करने के लिए विवश करती है: आंतरिक?, ज्वालामुखीय?, उल्कापिंड?,......?’’ अंतरिक्ष एजेंसी ने एक वीडियो जारी किया जिसमें 18 सेमी लंबे एपीएक्सएस को घुमाते हुए एक स्वचालित तंत्र दिखता है, जो डिटेक्टर हेड को चंद्र सतह के करीब पांच सेंटीमीटर की दूरी पर संरेखित करता है. छब्बीस किलोग्रम वजनी, छह पहियों वाला, सौर ऊर्जा से संचालित ‘प्रज्ञान’ रोवर अपने वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करके यह पता लगाने का काम कर रहा है कि दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानें किस चीज से बनी हैं.

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पोस्ट में कहा गया, ‘‘चंद्रयान-3 की यह खोज वैज्ञानिकों को क्षेत्र में गंधक (एस) के स्रोत के लिए नए स्पष्टीकरण विकसित करने के लिए विवश करती है: आंतरिक?, ज्वालामुखीय?, उल्कापिंड?,……?’’ अंतरिक्ष एजेंसी ने एक वीडियो जारी किया जिसमें 18 सेमी लंबे एपीएक्सएस को घुमाते हुए एक स्वचालित तंत्र दिखता है, जो डिटेक्टर हेड को चंद्र सतह के करीब पांच सेंटीमीटर की दूरी पर संरेखित करता है. छब्बीस किलोग्रम वजनी, छह पहियों वाला, सौर ऊर्जा से संचालित ‘प्रज्ञान’ रोवर अपने वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करके यह पता लगाने का काम कर रहा है कि दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रमा की मिट्टी और चट्टानें किस चीज से बनी हैं.