चंद्रमा के परिवेश का अध्ययन करने के लिए लैंडर और रोवर का मिशन जीवन एक चंद्र दिवस का होगा
चंद्रमा के परिवेश का अध्ययन करने के लिए लैंडर और रोवर का मिशन जीवन एक चंद्र दिवस (लगभग 14 पृथ्वी दिवस) का होगा. हालांकि, इसरो अधिकारी इनका जीवन काल एक और चंद्र दिवस तक बढ़ने की संभावना से इनकार नहीं करते हैं. लैंडर में चंद्रमा के एक निर्दिष्ट स्थल पर सॉफ्ट-लैंडिंग करने और रोवर को तैनात करने की क्षमता होगी जो वहां इधर उधर चलते हुए रासायनिक विश्लेषण करेगा. इन दोनों के पास चंद्रमा की सतह पर प्रयोग करने के लिए वैज्ञानिक पेलोड हैं. सोमनाथ ने कहा कि जब तक सूर्य चमकता रहेगा तब तक सभी प्रणालियां काम करती रहेंगी. उन्होंने कहा, जिस क्षण सूर्य डूबेगा, सब कुछ घोर अंधकार में होगा, तापमान शून्य से 180 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाएगा, इसलिए प्रणाली का बने रहना संभव नहीं है, और यदि यह आगे भी बना रहता है, तो हमें खुश होना चाहिए. तब हम एक बार फिर सिस्टम पर काम कर पाएंगे और हम आशा करते हैं कि ऐसा ही होगा.
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