budhni-by-election:-कांग्रेस-की-नजर-शिवराज-की-बुधनी-पर,-राजकुमार-पटेल-को-मिल-सकता-है-मौका
बीजेपी-कांग्रेस - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश से पूरी तरह सूपड़ा साफ किए बैठी कांग्रेस अब विधानसभा की इक्का-दुक्का सीटों की बूंदों से गागर भरने के मूड में दिखाई दे रही है। केंद्रीय मंत्री बन जाने से खाली हुई पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुधनी सीट पर पार्टी ने जोर आजमाइश करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस प्रतिष्ठापूर्ण सीट को जीतने के लिए पार्टी नेताओं ने संभावित नाम भी उछालना शुरू कर दिए। लगातार भाजपा के कब्जे में रही सीहोर जिले की बुधनी सीट पर अब उपचुनाव होना है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हुई है। जहां बीजेपी अपनी इस परंपरागत सीट को बरकरार रखने के प्रयास में जुट गई है। वहीं, कांग्रेस ने भी यहां फतेह के झंडे गाड़ने की कोशिशें शुरू कर दी हैं। जयवर्धन ने बढ़ाया नाम उम्मीद की जा रही है कि बीजेपी इस सीट पर शिवराज के बेटे कार्तिकेय को उम्मीदवार बना सकती है। वहीं, कांग्रेस ने भी अपने संभावित उम्मीदवारों के नाम आगे बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह अपने बयानों में लगातार राजकुमार पटेल की तारीफ कर रहे हैं, जिसके चलते इस बात की संभावनाएं बढ़ गई हैं कि बुधनी सीट से पटेल के नाम की लॉटरी खुल सकती है। गौरतलब है कि पटेल क्षेत्रीय निवासी भी हैं और इस विधानसभा में उनके समाजजन बहुतायत में मौजूद हैं। कांग्रेस अपनाएगी भाजपा मंत्र सूत्रों का कहना है कि लगातार हार से आहत अब कांग्रेस जीत के लिए प्रयासों में जुटी हुई है। इसके लिए वह बीजेपी के बूथ मैनेजमेंट मंत्र को अपनाने की तैयारी कर रही है। कहा जा रहा है कि बुधनी सीट जीतने के लिए वह इसी सूत्र पर काम करने वाली है। न बीजेपी को फायदा, न कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पास पर्याप्त सीटें आई थीं, जिनके आधार पर उसने प्रदेश सरकार बनाई है। ऐसे में एक दो सीटें बढ़ने या कम होने से उसके वजूद पर कोई असर नहीं पड़ना है। ऐसे ही हालात कांग्रेस के साथ भी हैं। उसके खाते में मौजूद सीटों में एक दो विधायकों के बढ़ जाने से उसके वर्चस्व में कोई बदलाव नहीं आने वाला है। उपचुनाव की यह सीटें महज दोनों पार्टियों को आत्म संतोष देने का काम ही करने वाली हैं।

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बीजेपी-कांग्रेस – फोटो : अमर उजाला

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लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश से पूरी तरह सूपड़ा साफ किए बैठी कांग्रेस अब विधानसभा की इक्का-दुक्का सीटों की बूंदों से गागर भरने के मूड में दिखाई दे रही है। केंद्रीय मंत्री बन जाने से खाली हुई पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बुधनी सीट पर पार्टी ने जोर आजमाइश करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस प्रतिष्ठापूर्ण सीट को जीतने के लिए पार्टी नेताओं ने संभावित नाम भी उछालना शुरू कर दिए।

लगातार भाजपा के कब्जे में रही सीहोर जिले की बुधनी सीट पर अब उपचुनाव होना है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफा देने के बाद यह सीट खाली हुई है। जहां बीजेपी अपनी इस परंपरागत सीट को बरकरार रखने के प्रयास में जुट गई है। वहीं, कांग्रेस ने भी यहां फतेह के झंडे गाड़ने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।

जयवर्धन ने बढ़ाया नाम
उम्मीद की जा रही है कि बीजेपी इस सीट पर शिवराज के बेटे कार्तिकेय को उम्मीदवार बना सकती है। वहीं, कांग्रेस ने भी अपने संभावित उम्मीदवारों के नाम आगे बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह अपने बयानों में लगातार राजकुमार पटेल की तारीफ कर रहे हैं, जिसके चलते इस बात की संभावनाएं बढ़ गई हैं कि बुधनी सीट से पटेल के नाम की लॉटरी खुल सकती है। गौरतलब है कि पटेल क्षेत्रीय निवासी भी हैं और इस विधानसभा में उनके समाजजन बहुतायत में मौजूद हैं।

कांग्रेस अपनाएगी भाजपा मंत्र
सूत्रों का कहना है कि लगातार हार से आहत अब कांग्रेस जीत के लिए प्रयासों में जुटी हुई है। इसके लिए वह बीजेपी के बूथ मैनेजमेंट मंत्र को अपनाने की तैयारी कर रही है। कहा जा रहा है कि बुधनी सीट जीतने के लिए वह इसी सूत्र पर काम करने वाली है।

न बीजेपी को फायदा, न कांग्रेस को
पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पास पर्याप्त सीटें आई थीं, जिनके आधार पर उसने प्रदेश सरकार बनाई है। ऐसे में एक दो सीटें बढ़ने या कम होने से उसके वजूद पर कोई असर नहीं पड़ना है। ऐसे ही हालात कांग्रेस के साथ भी हैं। उसके खाते में मौजूद सीटों में एक दो विधायकों के बढ़ जाने से उसके वर्चस्व में कोई बदलाव नहीं आने वाला है। उपचुनाव की यह सीटें महज दोनों पार्टियों को आत्म संतोष देने का काम ही करने वाली हैं।

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