विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि “कल, मैंने संसद और भारत के लोगों को विदेश नीति से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रमों से अवगत कराना चाहता था लेकिन, दुख की बात यह है कि विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में मेरे बयान को बार-बार बाधित किया. साथ ही उन्होंने कहा कि जाहिर है, उनके लिए, पक्षपातपूर्ण राजनीति राष्ट्रीय प्रगति से अधिक महत्वपूर्ण थी…”
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