न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Sat, 20 Jul 2024 07: 30 PM IST
सड़क दुर्घटना के दौरान अगर किसी चालक ने हेलमेट पहना होता है, तो उसे सिर में गंभीर चोट लगने की आशंका 88 प्रतिशत तक कम हो जाती है। यह जानकारी शहर के न्यूरो सर्जन ने सड़क सुरक्षा पर आयोजित संगोष्ठी में दी।
बीएमएचआरसी में सड़क सुरक्षा पर संगोष्ठी – फोटो : अमर उजाला
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सड़क दुर्घटना के दौरान अगर किसी चालक ने हेलमेट पहना होता है, तो उसे सिर में गंभीर चोट लगने की आशंका 88 प्रतिशत तक कम हो जाती है। साथ ही चेहरे पर चोट लगने की आशंका भी 65 प्रतिशत तक घट जाती है। वहीं कार में सीट बेल्ट लगाने गंभीर रूप से घायल होने का रिस्क 75 प्रतिशत तक कम कर देता है। भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र बीएमएचआरसी के न्यूरो सर्जरी विभाग द्वारा शनिवार को आयोजित हुई संगोष्ठी में शहर के विभिन्न शासकीय और प्रायवेट अस्पतालों व महाविद्यालयों में पदस्थ वरिष्ठ न्यूरोसर्जन्स ने यह जानकारी दी। आम लोगों में सड़क सुरक्षा और इसकी वजह से सिर में लगने वाली गंभीर चोटों के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देने के लिए इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। डीसीपी (जोन 1) प्रियंका शुक्ला कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। कार्यक्रम में बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ मनीषा श्रीवास्तव, न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप सोरते, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सौरभ दीक्षित व अन्य वरिष्ठ चिकित्सक उपस्थित थे।
प्रशासन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध
डीसीपी प्रियंका शुक्ला ने कहा कि प्रशासन सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए गंभीर प्रयास कर रहा है। जिला स्तर पर हर महीने सड़क सुरक्षा बैठक का आयोजन होता है, जिसमें कलेक्टर, एसपी समेत विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारी शामिल होते हैं। पुलिस लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित करती है। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए दोपहिया वाहनों चालकों का हेलमेट पहनना बहुत आवश्यक है। शहर के लोकप्रिय स्थानों पर हेलमेट पहनकर आना अनिवार्य करना होगा। जबलपुर में पुलिस ने इस तरह का नियम लागू भी किया था।
दुनिया के वाहनों का सिर्फ 1 प्रतिशत ही भारत में, मौत 6 प्रतिशत
इस मौके पर भोपाल न्यूरो एसोसिएशन के अध्यक्ष और शहर के वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ अशोक नायक ने कहा कि पूरी दुनिया के वाहनों का सिर्फ 1 प्रतिशत ही भारत में मौजूद हैं, लेकिन यहां सड़क दुर्घटना की दर 6 प्रतिशत है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी सरकार के साथ साथ वाहन चालकों की भी है। ट्रैफिक नियमों का पालन करवाना आवश्यक है। वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ नितिन गर्ग ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले अधिकतर लोग 15 से 40 वर्ष के पुरुष होते हैं। उनके दुर्घटनाग्रस्त होने से पूरे परिवार पर इसका गंभीर असर पड़ता है। इलाज पर लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं, जिससे कई परिवार आर्थिक संकट से पूरी तरह टूट जाते हैं। गांधी मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रजनीश गौर ने कहा कि कई बार सिर पर लगने वाली चोट से व्यक्ति की जान तो बच जाती है, लेकिन वह पूरी तरह ठीक नहीं हो पाता। उसे बोलने में, सुनने में दिक्कत हो सकती है। सोचने की शक्ति और नींद प्रभावित हो सकती है। यह भी हो सकता है कि उसे जीवनभर फिजियोथैरेपी या अन्य थैरेपी का सहारा लेना पड़े। न्यूरो सर्जन डॉ संदेश खंडेलवाल ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लोगों को अखबार, सोशल मीडिया, रेडियो आदि के द्वारा जागरूक करना होगा। न्यूरोसर्जन्स को स्कूल, कॉलेजों में जाकर रोड सेफ्टी के बारे में छात्र छात्राओं को बताना होगा।
पूरे वर्ष होंगी ऐसी गतिविधियां : डॉ मनीषा श्रीवास्तव
बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ मनीषा श्रीवास्तव ने इस महत्वपूर्ण संगोष्ठी के आयोजन के लिए न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप सोरते, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सौरभ दीक्षित व पूरे विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बीएमचआरसी अगले साल अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर लेगा। ऐसे में इस वर्ष को यादगार बनाने के लिए हमने पूरे साल 365 गतिविधियां करने का संकल्प लिया है। ऐसे में सड़क सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए इस संगोष्ठी का आयोजन अत्यंत प्रशंसनीय है। आने वाले समय में ऐसे और भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
हेलमेट पहनने से गंभीर चोट की आशंका 88 प्रतिशत कम, सड़क सुरक्षा संगोष्ठी में बोले न्यूरोसर्जन्स Wearing a helmet reduces the risk of serious injury by 88 percent, neurosurgeons said in a road safety seminar
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