bhopal-news:-5वीं-पास-ने-डीजीपी-कार्यालय-का-वरिष्ठ-अधिकारी-बन-पुलिस-अधिकारियों-को-लगाया-चूना,-गिरफ्तार
आरोपी बुद्धसेन मिश्रा - फोटो : अमर उजाला विस्तार भोपाल क्राइम ब्रांच ने पुलिस के बड़े अधिकारियों को ठगी करने वाले 5वीं पास एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। 29 वर्षीय आरोपी बुद्धसेन मिश्रा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को फोन करके ट्रांसफर और पोस्टिंग कराने के साथ ही विभागीय जांच की धमकी देकर ठग चुका है। वह खुद को डीजीपी कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारी बताता था। इस बार उसने एक महीने में 100 पुलिस कर्मी और अधिकारियों को फोन किया, लेकिन  ठगी नहीं कर सका। क्राइम ब्रांच ने शिकायत के बाद आरोपी को भोपाल में निशातपुरा से गिरफ्तार कर लिया।   भोपाल क्राइम ब्रांच को डीजीपी कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारी बन कर पुलिस कर्मियों को पोस्टिंग, ट्रांसफर और विभागीय जांच में फंसाने की धमकी देने को लेकर शिकायत मिली। इसकी जांच में आरोपी के ठग होने का पता चला, जिसकी लोकेशन रायपुर में मिली। क्राइम ब्रांच की टीम ने रायपुर में ढेरा डाला, लेकिन आरोपी बुद्धसेन मोबाइल बंद कर वहां से निकल गया। कुछ दिनों पर उसके निशातपुरा में होने की सूचना मिली। जहां से क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बुद्धसेन मूलत: रीवा जिले के ग्राम औभरी का रहने वाला है। वह रायपुर में उसकी बहन के साथ रह रहा था। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि  आरोपी के पास से पुलिस ने दो मोबाइल एवं तीन सिम कार्ड जब्त किए है। उसने पूछताछ में स्वीकार कि वह पुलिस अधिकारी बनकर ट्रांसफर व निलंबन के नाम पर फर्जी फोन कॉल कर पैसो की मांग कर रहा था, लेकिन किसी कर्मचारी ने पैसे नहीं दिए। उसके मोबाइल की जांच में पिछले एक महीने में 100 पुलिस के इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, आरक्षकों को फोन करने की जानकारी मिली है।     ऐसे देता था वारदात  आरोपी फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर गूगल से सभी पुलिस कण्ट्रोल रूम के नम्बर प्राप्त करके जिले मे पदस्थ एसआरसी बाबू का नम्बर प्राप्त करके उनसे स्थांतरण के लिये दिये अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी प्राप्त करने के बाद अधिकारी/कर्मचारी से सम्बंधित थाना प्रभारी को फोन करके अधिकारी / कर्मचारियों को फोन पर बात करने का आदेश देता था । अधिकारी/कर्मचारी द्वारा फोन करने पर उनसे उनके द्वारा दिए आवेदन पर ट्रांसफर हेतु पैसे की बात करता था एवं कुछ कर्मचारियो को उनकी शिकायत होने का बताकर उनके विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही करने की धमकी देकर पैसो की मांग करता था । आरोपी अधिकारी के लहजे में बात करता था इस कारण कुछ अधिकारी/कर्मचारियों को आरोपी पर शक नहीं होता था।  इंदौर में गार्ड की नौकरी करता था  आरोपी होटल गुरुकृपा इंदौर मे गार्ड का काम करता था।वह कभी कभी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी के वाहन मे लगे वायरलेस सेट से पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे मे सुनता था। आरोपी ने जानकारी प्राप्त कि पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के नाम पर कर्मचारियों को डरा धमकाकर उनसे पैसो की मांग की जा सकती है।  पहले भी हो चुका है गिरफ्तार  आरोपी बुद्धसेन मिश्रा इसी तरह पुलिस कर्मियों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में वर्ष 2021 में गिरफ्तार हो चुका है। उस समय कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी ने उसके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर चुके है। इस मामले में वह जेल जा चुका है। जहां से बेल पर छूटने के बाद वह फिर पुलिस कर्मियों को ही ठगने की कोशिश करने लगा।  

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आरोपी बुद्धसेन मिश्रा – फोटो : अमर उजाला

विस्तार भोपाल क्राइम ब्रांच ने पुलिस के बड़े अधिकारियों को ठगी करने वाले 5वीं पास एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। 29 वर्षीय आरोपी बुद्धसेन मिश्रा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पुलिस के इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को फोन करके ट्रांसफर और पोस्टिंग कराने के साथ ही विभागीय जांच की धमकी देकर ठग चुका है। वह खुद को डीजीपी कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारी बताता था। इस बार उसने एक महीने में 100 पुलिस कर्मी और अधिकारियों को फोन किया, लेकिन  ठगी नहीं कर सका। क्राइम ब्रांच ने शिकायत के बाद आरोपी को भोपाल में निशातपुरा से गिरफ्तार कर लिया।  

भोपाल क्राइम ब्रांच को डीजीपी कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारी बन कर पुलिस कर्मियों को पोस्टिंग, ट्रांसफर और विभागीय जांच में फंसाने की धमकी देने को लेकर शिकायत मिली। इसकी जांच में आरोपी के ठग होने का पता चला, जिसकी लोकेशन रायपुर में मिली। क्राइम ब्रांच की टीम ने रायपुर में ढेरा डाला, लेकिन आरोपी बुद्धसेन मोबाइल बंद कर वहां से निकल गया। कुछ दिनों पर उसके निशातपुरा में होने की सूचना मिली। जहां से क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बुद्धसेन मूलत: रीवा जिले के ग्राम औभरी का रहने वाला है। वह रायपुर में उसकी बहन के साथ रह रहा था। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त शैलेन्द्र सिंह चौहान ने बताया कि  आरोपी के पास से पुलिस ने दो मोबाइल एवं तीन सिम कार्ड जब्त किए है। उसने पूछताछ में स्वीकार कि वह पुलिस अधिकारी बनकर ट्रांसफर व निलंबन के नाम पर फर्जी फोन कॉल कर पैसो की मांग कर रहा था, लेकिन किसी कर्मचारी ने पैसे नहीं दिए। उसके मोबाइल की जांच में पिछले एक महीने में 100 पुलिस के इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, आरक्षकों को फोन करने की जानकारी मिली है।    

ऐसे देता था वारदात 
आरोपी फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर गूगल से सभी पुलिस कण्ट्रोल रूम के नम्बर प्राप्त करके जिले मे पदस्थ एसआरसी बाबू का नम्बर प्राप्त करके उनसे स्थांतरण के लिये दिये अधिकारी/कर्मचारी की जानकारी प्राप्त करने के बाद अधिकारी/कर्मचारी से सम्बंधित थाना प्रभारी को फोन करके अधिकारी / कर्मचारियों को फोन पर बात करने का आदेश देता था । अधिकारी/कर्मचारी द्वारा फोन करने पर उनसे उनके द्वारा दिए आवेदन पर ट्रांसफर हेतु पैसे की बात करता था एवं कुछ कर्मचारियो को उनकी शिकायत होने का बताकर उनके विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही करने की धमकी देकर पैसो की मांग करता था । आरोपी अधिकारी के लहजे में बात करता था इस कारण कुछ अधिकारी/कर्मचारियों को आरोपी पर शक नहीं होता था। 

इंदौर में गार्ड की नौकरी करता था 
आरोपी होटल गुरुकृपा इंदौर मे गार्ड का काम करता था।वह कभी कभी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी के वाहन मे लगे वायरलेस सेट से पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे मे सुनता था। आरोपी ने जानकारी प्राप्त कि पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के नाम पर कर्मचारियों को डरा धमकाकर उनसे पैसो की मांग की जा सकती है। 

पहले भी हो चुका है गिरफ्तार 
आरोपी बुद्धसेन मिश्रा इसी तरह पुलिस कर्मियों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में वर्ष 2021 में गिरफ्तार हो चुका है। उस समय कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी ने उसके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर चुके है। इस मामले में वह जेल जा चुका है। जहां से बेल पर छूटने के बाद वह फिर पुलिस कर्मियों को ही ठगने की कोशिश करने लगा।  

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