bhopal-news:-शहर-में-बेसमेंट-का-केवल-पार्किंग-में-होगा-उपयोग,-अन्य-व्यावसायिक-गतिविधियों-पर-प्रतिबंध
जिला प्रशासन और पुलिस ने की कोचिंग संचालकों के साथ बैठक - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें  दिल्ली के आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट में बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार सख्त है। प्रदेश में अलग-अलग शहरों में बेसमेंट को सील करने की कार्रवाई प्रशासन की तरफ से की गई है। अब प्रशासन ने कोचिंग इंस्टीट्यूट संचालकों को बेसमेंट का उपयोग केवल पार्किंग के उपयोग करने के लिए कहा है। इसके अलावा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध रहने की बात कही है।  भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर शनिवार को एमपी नगर के कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालकों की एसडीएम एमपी नगर के कार्यालय में बैठक हुई। बैठक में कोचिंग संचालकों को बेसमेंट में केवल पार्किंग के लिए उपयोग करने के निर्देश दिए गए। साथ ही अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया। संचालकों को अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट का फायर ऑडिट, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट और लिफ्ट ऑडिट आवश्यक रूप से कराने के निर्देश दिए गए। कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालकों को निर्देशित किया गया कि वे प्रत्येक फ्लोर पर एक अधिकारी या कर्मचारी को चिन्हित कर नामित करेंगे, जो उस फ्लोर पर होने वाली किसी भी आपात स्थिति को नियंत्रित करेगा। उनका नाम और फोन नंबर सहज दृश्य स्थान पर अंकित किया जाएगा ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में छात्रों को आसानी से संपर्क किया जा सके। इसके अलावा अब कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालकों को अपने इंस्टीट्यूट के भवन पर यह डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा कि वे सुरक्षा के कौन-कौन से मानकों को पूरा करते हैं। इस डिस्प्ले के माध्यम से अभिभावकों को भी यह जानकारी प्राप्त होगी कि उनके बच्चे किस प्रकार के सुरक्षा मानकों के तहत पढ़ाई कर रहे हैं और वे कितने सुरक्षित हैं। एसडीएम एमपी नगर आशुतोष शर्मा ने कोचिंग संचालकों को मीटिंग के एजेंडे के अनुसार समस्त कार्यवाही एक माह में पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि एक माह के बाद कोचिंग संस्थानों की दोबारा जांच होगी और यदि अनियमितताएं पाई गईं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बता दें, दिल्ली की घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के सभी जिलों में कोचिंग इंस्टीट्यूट का सर्वे करने के निर्देश दिए थे और नियमों का उल्लंघन करने वाले इंस्टीट्यूट के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। इसके बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों में प्रशासन ने कार्रवाई थी। भोपाल में आधा दर्जन कोचिंग इंस्टीट्यूट के खिलाफ कार्यवाही कर उनके बेसमेंट को सील किया गया था।

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जिला प्रशासन और पुलिस ने की कोचिंग संचालकों के साथ बैठक – फोटो : अमर उजाला

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 दिल्ली के आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट में बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार सख्त है। प्रदेश में अलग-अलग शहरों में बेसमेंट को सील करने की कार्रवाई प्रशासन की तरफ से की गई है। अब प्रशासन ने कोचिंग इंस्टीट्यूट संचालकों को बेसमेंट का उपयोग केवल पार्किंग के उपयोग करने के लिए कहा है। इसके अलावा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध रहने की बात कही है। 

भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के निर्देश पर शनिवार को एमपी नगर के कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालकों की एसडीएम एमपी नगर के कार्यालय में बैठक हुई। बैठक में कोचिंग संचालकों को बेसमेंट में केवल पार्किंग के लिए उपयोग करने के निर्देश दिए गए। साथ ही अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया। संचालकों को अपने कोचिंग इंस्टीट्यूट का फायर ऑडिट, इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट और लिफ्ट ऑडिट आवश्यक रूप से कराने के निर्देश दिए गए। कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालकों को निर्देशित किया गया कि वे प्रत्येक फ्लोर पर एक अधिकारी या कर्मचारी को चिन्हित कर नामित करेंगे, जो उस फ्लोर पर होने वाली किसी भी आपात स्थिति को नियंत्रित करेगा। उनका नाम और फोन नंबर सहज दृश्य स्थान पर अंकित किया जाएगा ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में छात्रों को आसानी से संपर्क किया जा सके।

इसके अलावा अब कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालकों को अपने इंस्टीट्यूट के भवन पर यह डिस्प्ले करना अनिवार्य होगा कि वे सुरक्षा के कौन-कौन से मानकों को पूरा करते हैं। इस डिस्प्ले के माध्यम से अभिभावकों को भी यह जानकारी प्राप्त होगी कि उनके बच्चे किस प्रकार के सुरक्षा मानकों के तहत पढ़ाई कर रहे हैं और वे कितने सुरक्षित हैं। एसडीएम एमपी नगर आशुतोष शर्मा ने कोचिंग संचालकों को मीटिंग के एजेंडे के अनुसार समस्त कार्यवाही एक माह में पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि एक माह के बाद कोचिंग संस्थानों की दोबारा जांच होगी और यदि अनियमितताएं पाई गईं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बता दें, दिल्ली की घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के सभी जिलों में कोचिंग इंस्टीट्यूट का सर्वे करने के निर्देश दिए थे और नियमों का उल्लंघन करने वाले इंस्टीट्यूट के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। इसके बाद प्रदेश के अलग-अलग जिलों में प्रशासन ने कार्रवाई थी। भोपाल में आधा दर्जन कोचिंग इंस्टीट्यूट के खिलाफ कार्यवाही कर उनके बेसमेंट को सील किया गया था।

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