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सीसीटीवी में कैद हुई बाघिन - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us राजधानी भोपाल के कलियासोत, मुदरबुलफॉर्म के आसपास बाघ का मूवमेंट तेज हो गया है। सड़क से गुजरने वाले लोगों को कई बार बाघ दिख चुके है। अब जागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी की बाउंड्री लांघ कर शुक्रवार रात को बाघ कैंपस में घुस गया। बाघ को देखकर कर्मचारी जान बचाकर भागे। यह घटना यूनिवर्सिटी में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। वन विभाग के अनुसार यह टी-123 बाघिन है। जो कुछ देर बाद वापस बाउंड्री लांघ कर जंगल में चली गई।  भोपाल के डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि यूनिवर्सिटी की एक तरफ बाउंड्री वाल की ऊंचाई कम है। वहां से बाघिन अंदर आ गई, जो कुछ देर बाद वापस लौट गई। यूनिवर्सिटी प्रशासन को बाउंड्रीवाल की ऊंचाई बढ़ाने को कहा है। पाठक ने बताया कि कुछ दिन पहले टी-123 कलियासोत सड़क के पास लोगों को दिखाई दी थी। यह कलियासोत के जंगल में ही रहती है।  भोपाल से सटे एरिया में 7 बाघ  पाठक ने बताया कि भोपाल से सटे एरिया में 17 से 18 बाघ है। हालांकि इसमें से अभी 7 बाघ का मूवमेंट है। इसमें  शावक भी शामिल है। बता दें भोपाल और उससे लगे जिलों के जंगलों में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसका कारण बाघ और उसके आसपास के क्षेत्र में बाघ बेहतर जीवन यापन करने में सफल हुए है। बता दें इससे पहले एनटीसीए के सदस्यों ने कलियासोत क्षेत्र का भ्रमण किया था और भोपाल को बाघ प्रबंधन की नजीर बनने की बात कही थी।   

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सीसीटीवी में कैद हुई बाघिन – फोटो : अमर उजाला

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राजधानी भोपाल के कलियासोत, मुदरबुलफॉर्म के आसपास बाघ का मूवमेंट तेज हो गया है। सड़क से गुजरने वाले लोगों को कई बार बाघ दिख चुके है। अब जागरण लेक सिटी यूनिवर्सिटी की बाउंड्री लांघ कर शुक्रवार रात को बाघ कैंपस में घुस गया। बाघ को देखकर कर्मचारी जान बचाकर भागे। यह घटना यूनिवर्सिटी में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। वन विभाग के अनुसार यह टी-123 बाघिन है। जो कुछ देर बाद वापस बाउंड्री लांघ कर जंगल में चली गई। 

भोपाल के डीएफओ आलोक पाठक ने बताया कि यूनिवर्सिटी की एक तरफ बाउंड्री वाल की ऊंचाई कम है। वहां से बाघिन अंदर आ गई, जो कुछ देर बाद वापस लौट गई। यूनिवर्सिटी प्रशासन को बाउंड्रीवाल की ऊंचाई बढ़ाने को कहा है। पाठक ने बताया कि कुछ दिन पहले टी-123 कलियासोत सड़क के पास लोगों को दिखाई दी थी। यह कलियासोत के जंगल में ही रहती है। 

भोपाल से सटे एरिया में 7 बाघ 
पाठक ने बताया कि भोपाल से सटे एरिया में 17 से 18 बाघ है। हालांकि इसमें से अभी 7 बाघ का मूवमेंट है। इसमें  शावक भी शामिल है। बता दें भोपाल और उससे लगे जिलों के जंगलों में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसका कारण बाघ और उसके आसपास के क्षेत्र में बाघ बेहतर जीवन यापन करने में सफल हुए है। बता दें इससे पहले एनटीसीए के सदस्यों ने कलियासोत क्षेत्र का भ्रमण किया था और भोपाल को बाघ प्रबंधन की नजीर बनने की बात कही थी। 
 

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