पीसी शर्मा - फोटो : Facebook विस्तार Follow Us भोपाल में दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ है। यहां पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा विधायक है। इस सीट पर शर्मा का एकाधिकार है। लेकिन 2023 चुनाव में इस सीट पर ट्विस्ट आ गया है। जहां कांग्रेस के कद्दवार नेता इंजीनियर संजीव सक्सेना की एंट्री हो गई है। उन्होंने इस सीट पर दावा भी ठोक दिया है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान के लिए असहज होने वाली स्थिति है। वहीं, इस सीट पर कांग्रेस में भीतरघात होने से भाजपा की जीत की उम्मीद भी बढ़ गई है।  भोपाल की सात विधानसभा सीटों में से तीन पर कांग्रेस का कब्जा है। इसमें से एक सीट दक्षिण पश्चिम भी है। यहां से पीसी शर्मा उम्मीदवार है। शर्मा ब्राह्मण चेहरा है। 15 माह की कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे और पार्टी ने उनको बड़ी भूमिका दी। वह क्षेत्र में लंबे समय से तैयारी कर रहे है। वह जमीनी स्तर पर काफी एक्टिव है। ऐसे में पार्टी उनको नजरअंदाज नहीं कर सकती। और ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी दोबारा पीसी शर्मा को ही टिकट देने की तैयारी में है।  संजीव सक्सेना ने ठोका दावा  इस सीट पर अब कांग्रेस नेता इंजी संजीव सक्सेना ने दांव ठोक दिया है। वह क्षेत्र में लगातार एक्टिव है। हाल ही में अटल पथ पर मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में संजीव सक्सेना ने कहा कि उनको पिछली बार वरिष्ठ नेताओं ने अगली बार चुनाव का टिकट देने का वादा किया था, जिसके बाद वह उम्मीदवारी से पीछे हट गए थे। सक्सेना का कहना है कि जनता मुझे आगे बढ़ा रही है, अब जो वह कहेगी वह करुंगा। कुछ दिन पहले सक्सेना ने दक्षिण पश्चिम में पैदल मार्च निकाल कर भी शक्ति प्रदर्शन किया। संजीव सक्सेना का व्यापमं मामले में नाम आया था। हालांकि बाद में उनको सीबीआई से क्लिन चीट मिल गई।  भाजपा गुप्ता को फिर दे सकती है टिकट दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट भाजपा अपने खाते में मान कर चल रही है। यहां पर भाजपा की तरफ से भी कई उम्मीदवार दावा ठोक रहे है। इसमें राहुल कोठोरी, नेहा बग्गा, किशन सूर्यवंशी के नाम शामिल है। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा उमा शंकर गुप्ता को दोबारा टिकट दे सकती है। इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से संजीव सक्सेना के दावा ठोकने से पार्टी में भीतरघात होने के आसार बढ़ गए है। दरअसल संजीव सक्सेना लंबे समय से दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में काम कर रहे है। उनके भाई भी चुना भट्टी पॉस इलाके से पिछले 10 साल से पार्षद है। ऐसे में यदि टिकट नहीं मिलने पर सक्सेना का निर्दलीय चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा।  पिछले चार चुनाव के परिणाम  दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट पर 2018 में कांग्रेस के पीसी शर्मा ने भाजपा के उमा शंकर गुपता को 6587 वोटों से हराया। इससे पहले 2013 में उमा शंकर गुप्ता ने कांग्रेस उम्मीदवार संजीव सक्सेना को 18198 वोटों से हराया। इसके बाद 2008 में उमा शंकर गुप्ता ने बसपा प्रत्याशी संजीव सक्सेना को 26002 मतों से हराया। वहीं, 2003 में भाजपा प्रत्याशी उमा शंकर गुप्ता ने कांग्रेस उम्मीदवार पीसी शर्मा को 31294 वोटों से हराया।  75% वोटर सामान्य ओर ओबीसी वर्ग के  दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट पर करीब 2 लाख 31 हजार मतदाता है। यहां सीट सरकारी अधिकारी- कर्मचारी बाहुल्य है। यहां पर 75 प्रतिशत वोटर सामान्य और ओबीसी वर्ग के है। यहां करीब 16 से 17 प्रतिशत एससी वोटर भी असर रखते है। इस सीट पर मुस्लिम मतदाता सिर्फ चार फीसदी है।

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भोपाल में दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ है। यहां पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी शर्मा विधायक है। इस सीट पर शर्मा का एकाधिकार है। लेकिन 2023 चुनाव में इस सीट पर ट्विस्ट आ गया है। जहां कांग्रेस के कद्दवार नेता इंजीनियर संजीव सक्सेना की एंट्री हो गई है। उन्होंने इस सीट पर दावा भी ठोक दिया है। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान के लिए असहज होने वाली स्थिति है। वहीं, इस सीट पर कांग्रेस में भीतरघात होने से भाजपा की जीत की उम्मीद भी बढ़ गई है। 

भोपाल की सात विधानसभा सीटों में से तीन पर कांग्रेस का कब्जा है। इसमें से एक सीट दक्षिण पश्चिम भी है। यहां से पीसी शर्मा उम्मीदवार है। शर्मा ब्राह्मण चेहरा है। 15 माह की कांग्रेस की सरकार में मंत्री रहे और पार्टी ने उनको बड़ी भूमिका दी। वह क्षेत्र में लंबे समय से तैयारी कर रहे है। वह जमीनी स्तर पर काफी एक्टिव है। ऐसे में पार्टी उनको नजरअंदाज नहीं कर सकती। और ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी दोबारा पीसी शर्मा को ही टिकट देने की तैयारी में है। 

संजीव सक्सेना ने ठोका दावा 
इस सीट पर अब कांग्रेस नेता इंजी संजीव सक्सेना ने दांव ठोक दिया है। वह क्षेत्र में लगातार एक्टिव है। हाल ही में अटल पथ पर मातृशक्ति सम्मेलन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में संजीव सक्सेना ने कहा कि उनको पिछली बार वरिष्ठ नेताओं ने अगली बार चुनाव का टिकट देने का वादा किया था, जिसके बाद वह उम्मीदवारी से पीछे हट गए थे। सक्सेना का कहना है कि जनता मुझे आगे बढ़ा रही है, अब जो वह कहेगी वह करुंगा। कुछ दिन पहले सक्सेना ने दक्षिण पश्चिम में पैदल मार्च निकाल कर भी शक्ति प्रदर्शन किया। संजीव सक्सेना का व्यापमं मामले में नाम आया था। हालांकि बाद में उनको सीबीआई से क्लिन चीट मिल गई। 

भाजपा गुप्ता को फिर दे सकती है टिकट
दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट भाजपा अपने खाते में मान कर चल रही है। यहां पर भाजपा की तरफ से भी कई उम्मीदवार दावा ठोक रहे है। इसमें राहुल कोठोरी, नेहा बग्गा, किशन सूर्यवंशी के नाम शामिल है। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा उमा शंकर गुप्ता को दोबारा टिकट दे सकती है। इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से संजीव सक्सेना के दावा ठोकने से पार्टी में भीतरघात होने के आसार बढ़ गए है। दरअसल संजीव सक्सेना लंबे समय से दक्षिण पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में काम कर रहे है। उनके भाई भी चुना भट्टी पॉस इलाके से पिछले 10 साल से पार्षद है। ऐसे में यदि टिकट नहीं मिलने पर सक्सेना का निर्दलीय चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलेगा। 

पिछले चार चुनाव के परिणाम 
दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट पर 2018 में कांग्रेस के पीसी शर्मा ने भाजपा के उमा शंकर गुपता को 6587 वोटों से हराया। इससे पहले 2013 में उमा शंकर गुप्ता ने कांग्रेस उम्मीदवार संजीव सक्सेना को 18198 वोटों से हराया। इसके बाद 2008 में उमा शंकर गुप्ता ने बसपा प्रत्याशी संजीव सक्सेना को 26002 मतों से हराया। वहीं, 2003 में भाजपा प्रत्याशी उमा शंकर गुप्ता ने कांग्रेस उम्मीदवार पीसी शर्मा को 31294 वोटों से हराया। 

75% वोटर सामान्य ओर ओबीसी वर्ग के 
दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट पर करीब 2 लाख 31 हजार मतदाता है। यहां सीट सरकारी अधिकारी- कर्मचारी बाहुल्य है। यहां पर 75 प्रतिशत वोटर सामान्य और ओबीसी वर्ग के है। यहां करीब 16 से 17 प्रतिशत एससी वोटर भी असर रखते है। इस सीट पर मुस्लिम मतदाता सिर्फ चार फीसदी है।

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