bhopal-news:-डॉ.-अरुणा-कुमार-के-विरोध-में-उतरे-फैकल्टी-मेंबर,-गाली-गलौज-और-बंधुआ-मजदूर-जैसे- व्यवहार-का-आरोप
जीएमसी में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us राजधानी भोपाल के जीएमसी के स्त्री रोग विभाग की डॉ. बाला सरस्वती के आत्महत्या मामले में डॉ. अरुणा कुमार की मुसीबत बढ़ती जा रही है। डॉ. अरुणा को बर्खास्त करने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की लगातार चल रही हड़ताल के बीच अब इसी विभाग के फैकल्टी मेसर्स ने मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमपीटीए) को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। फैकल्टी मेंबर्स ने हस्ताक्षर कर पत्र में लिखा कि डॉ. अरुणा कुमार द्वारा उनको मानसिक रूप प्रताड़ित किया जाता है। गाली-गलौज और सीआर खराब करने की धमकी दी जाती है। उनके साथ बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार किया जाता है।  इन डॉक्टरों ने किए पत्र पर दस्तखत गायनिक विभाग की फैकल्टी मेंबर्स डॉ. जूही अग्रवाल, डॉ. शुभा श्रीवास्तव, डॉ. पल्लवी सिंह, डॉ. बबली यादव, डॉ. पूर्वा बड़कुर, डॉ. नंदनी सिंह, डॉ. अदिति खरे, डॉ. शिखा पारा के हस्ताक्षर से एमपीटीए को पत्र लिखा गया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि हम डॉ. अरुणा कुमार के खिलाफ सोशल मीडिया में चल रहे आरोप का पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं। हम मानसिक रूप से बहुत परेशान रहते हैं। जिस वजह से हम सभी के परिवार भी प्रताड़ित होते हैं और हर दिन यहां से छोड़ के जाने का मन होता है।  डॉ. अरुणा कुमार के खौफ से छोड़ा संकाय फैकल्टी ने आरोप लगाया कि तनाव भरे माहौल के कारण हमारी पीजी और यूजी स्टूडेंट्स की पठनपाठन की क्षमता प्रभावित होती है। डॉक्टर अरुणा कुमार के इस खौफ की वजह से पूर्व में कई संकाय सदस्य छोड़कर जा चुके हैं और खाली सीट पर कोई आना नहीं चाहता है। हम सभी डॉक्टर अरुणा कुमार को इस सिस्टम से हटाना चाहते हैं। सीनियर रेजिडेंट भी काम बंद हड़ताल पर  जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को समर्थन देने के एक दिन बाद ही सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी काम बंद हड़ताल पर चले गए। डॉक्टरों ने इमरजेंसी और रूटिन काम बंद कर दिए। इससे सबसे ज्यादा गायनी विभाग और इमरजेंसी के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इमरजेंसी में आने वाले कई मरीजों को अस्पताल से वापस लौटाया गया।  शांति के लिए सुंदरकांड का पाठ  जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल लगातार चौथे दिन  शुक्रवार को भी जारी रही। उन्होंने शुक्रवार को डॉ. सरस्वती की आत्मा की शांति और कॉलेज के वातावरण की शुद्धि के लिए सुंदरकांड का आयोजन एडमिन ब्लॉक के सामने धरना स्थल पर किया। भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने डॉक्टर सरस्वती को अस्पताल पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।  डॉ. बाला सरस्वती ने की थी आत्महत्या बता दें, रविवार रात को डॉ. बाला सरस्वती ने एनेस्थीसिया का ओवरडोज लेकर आत्महत्या कर ली थी। 27 साल की डॉ. सरस्वती जीएमसी में स्त्री एवं प्रसूति रोग की थर्ड ईयर की स्टूडेंट थीं। वह 14 माह की गर्भवती भी थी। डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में एचओडी डॉक्टर अरुणा कुमार और अन्य सीनियर डॉक्टरों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। जूडा की हड़ताल के बाद अस्पताल प्रबंधन ने डॉ. अरुणा कुमार को एचओडी पद से हटा दिया। उनकी जगह पर डॉ. भारती सिंह परिहार को नया एचओडी बनाया गया है।

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जीएमसी में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी – फोटो : अमर उजाला

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राजधानी भोपाल के जीएमसी के स्त्री रोग विभाग की डॉ. बाला सरस्वती के आत्महत्या मामले में डॉ. अरुणा कुमार की मुसीबत बढ़ती जा रही है। डॉ. अरुणा को बर्खास्त करने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की लगातार चल रही हड़ताल के बीच अब इसी विभाग के फैकल्टी मेसर्स ने मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन (एमपीटीए) को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। फैकल्टी मेंबर्स ने हस्ताक्षर कर पत्र में लिखा कि डॉ. अरुणा कुमार द्वारा उनको मानसिक रूप प्रताड़ित किया जाता है। गाली-गलौज और सीआर खराब करने की धमकी दी जाती है। उनके साथ बंधुआ मजदूरों जैसा व्यवहार किया जाता है। 

इन डॉक्टरों ने किए पत्र पर दस्तखत
गायनिक विभाग की फैकल्टी मेंबर्स डॉ. जूही अग्रवाल, डॉ. शुभा श्रीवास्तव, डॉ. पल्लवी सिंह, डॉ. बबली यादव, डॉ. पूर्वा बड़कुर, डॉ. नंदनी सिंह, डॉ. अदिति खरे, डॉ. शिखा पारा के हस्ताक्षर से एमपीटीए को पत्र लिखा गया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि हम डॉ. अरुणा कुमार के खिलाफ सोशल मीडिया में चल रहे आरोप का पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं। हम मानसिक रूप से बहुत परेशान रहते हैं। जिस वजह से हम सभी के परिवार भी प्रताड़ित होते हैं और हर दिन यहां से छोड़ के जाने का मन होता है। 

डॉ. अरुणा कुमार के खौफ से छोड़ा संकाय
फैकल्टी ने आरोप लगाया कि तनाव भरे माहौल के कारण हमारी पीजी और यूजी स्टूडेंट्स की पठनपाठन की क्षमता प्रभावित होती है। डॉक्टर अरुणा कुमार के इस खौफ की वजह से पूर्व में कई संकाय सदस्य छोड़कर जा चुके हैं और खाली सीट पर कोई आना नहीं चाहता है। हम सभी डॉक्टर अरुणा कुमार को इस सिस्टम से हटाना चाहते हैं।

सीनियर रेजिडेंट भी काम बंद हड़ताल पर 
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को समर्थन देने के एक दिन बाद ही सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर भी काम बंद हड़ताल पर चले गए। डॉक्टरों ने इमरजेंसी और रूटिन काम बंद कर दिए। इससे सबसे ज्यादा गायनी विभाग और इमरजेंसी के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इमरजेंसी में आने वाले कई मरीजों को अस्पताल से वापस लौटाया गया। 

शांति के लिए सुंदरकांड का पाठ 
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल लगातार चौथे दिन  शुक्रवार को भी जारी रही। उन्होंने शुक्रवार को डॉ. सरस्वती की आत्मा की शांति और कॉलेज के वातावरण की शुद्धि के लिए सुंदरकांड का आयोजन एडमिन ब्लॉक के सामने धरना स्थल पर किया। भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने डॉक्टर सरस्वती को अस्पताल पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। 

डॉ. बाला सरस्वती ने की थी आत्महत्या
बता दें, रविवार रात को डॉ. बाला सरस्वती ने एनेस्थीसिया का ओवरडोज लेकर आत्महत्या कर ली थी। 27 साल की डॉ. सरस्वती जीएमसी में स्त्री एवं प्रसूति रोग की थर्ड ईयर की स्टूडेंट थीं। वह 14 माह की गर्भवती भी थी। डॉक्टर ने अपने सुसाइड नोट में एचओडी डॉक्टर अरुणा कुमार और अन्य सीनियर डॉक्टरों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। जूडा की हड़ताल के बाद अस्पताल प्रबंधन ने डॉ. अरुणा कुमार को एचओडी पद से हटा दिया। उनकी जगह पर डॉ. भारती सिंह परिहार को नया एचओडी बनाया गया है।

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