न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भाेपाल Published by: उदित दीक्षित Updated Mon, 17 Jun 2024 11: 09 AM IST
शायर मंजर भोपाली लंदन के बाद 28 जून को अमेरिका में होने वाले मुशायरे में शामिल होंगे। इसके बाद उनका अगला पड़ाव कनाडा होगा, जहां वे 30 जून को अपना कलाम सुनाएंगे। यहां से वे दोबारा अमेरिका की तरफ कदम बढ़ाएंगे और 4 जुलाई को वॉशिंगटन डीसी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे।
शायर मंजर भोपाली। – फोटो : अमर उजाला
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दुनियाभर में सजने वाली मुशायरा महफिल में हिंदुस्तान के शायर शामिल होते हैं। अलग-अलग देश और अलग-अलग मुशायरों में शिरकत करने वाले देश के शायर अलग-अलग शहर से होते हैं। इक्का दुक्का शायर ही ऐसे होते हैं, जिन्हें मंच दर मंच दोहराया जाता है। राजधानी भोपाल के हिस्से यह गर्व का पल आने वाला है, जब इस माटी के शायर मंजर भोपाली एक या दो नहीं, बल्कि एकसाथ तीन मुल्कों में सतत मुशायरे पढ़ने वाले हैं। इन मुशायरों की तादाद दो या तीन नहीं बल्कि इन महफिलों की फेहरिस्त लंबी है।
अंतरराष्ट्रीय शायर मंजर भोपाली आज सोमवार से अपनी विदेश यात्रा शुरू करने वाले हैं। उनके सफर का पहला रुख लंदन के लिए होगा। जहां वे 26 जून को मुशायरे की रौनक बनेंगे। इस अंतरराष्ट्रीय मुशायरे में दुनियाभर के मशहूर और मारूफ शायर शामिल होंगे। इस मुशायरे के दौरान मंजर भोपाली की नई गजल संग्रह का विमोचन भी किया जाएगा। इस आयोजन के मुख्य अतिथि लंदन के मेयर होंगे।
दौर यहां से वहां तक
शायर मंजर भोपाली लंदन के बाद 28 जून को अमेरिका में होने वाले मुशायरे में शामिल होंगे। इसके बाद उनका अगला पड़ाव कनाडा होगा, जहां वे 30 जून को अपना कलाम सुनाएंगे। यहां से वे दोबारा अमेरिका की तरफ कदम बढ़ाएंगे और 4 जुलाई को वॉशिंगटन डीसी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे।
अमेरिका को रहता है मंजर का इंतजार
अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में निवास करने वाले भारतीय मूल के इमरान अहमद कहते हैं कि पराए मुल्क में वह खुशी के पल होते हैं, जब कोई अपने वतन का बंदा मिल जाता है। यह खुशी उस समय चार गुना बढ़ जाती है, जब पराई धरती पर अपने किसी देशवासी को मान, सम्मान और इज्ज़त से पुकारा जाता है। इमरान कहते हैं कि मंजर भोपाली का अमेरिका आना हमारे लिए दोहरी खुशी वाला है। एक वह अपने मुल्क से हैं, दूसरा यह कि वे हमारे अपने शहर भोपाल से ताल्लुक रखने वाले हैं। वे कहते हैं कि अमेरिका में हमने हैदराबाद क्लब जैसे कई ग्रुप बनाकर शायरी की महफिलें आबाद रखी हैं। जिनमें हम छोटे और खूबसूरत प्रोग्राम करते हैं। लेकिन यह बड़े गर्व की बात है कि मंजर भोपाली यहां एक बड़े आयोजन में शरीक होने आ रहे हैं।
अमेरिका हो गया मंजर का कायल
वैसे तो भारतीय शायरों में अनेक ऐसे नाम शामिल हैं, जो दुनियाभर के मंचों पर अपने कलाम की वाहवाही लूटते हैं। इनमें से कई अमेरिका की धरती पर भी हिंदुस्तानी मिट्टी की सुगंध छोड़कर आए हैं। लेकिन, शायर मंजर भोपाली संभवतः इकलौते शायर हैं, जो बारंबार अमेरिका की धरती पर पहुंचे हैं। जानकारी के मुताबिक वे अब तक 37 बार से ज्यादा बार इस देश में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं।
बैंक की किताब से आए थे चर्चा में मंजर
शायर मंजर भोपाली पिछले दिनों अपने एक गीत मुझको अपनी बैंक की किताब दीजिए… से काफी चर्चाओं में आए थे। वर्ष 1991 में लिखा उनका यह गीत चुनावी मौसम में अचानक ट्रोल हो गया। विपक्षी दलों ने इसको भाजपा के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल किया और इसको सोशल मीडिया पर जमकर वायरल किया था। चर्चा इस हद तक चली थी कि मंजर को मीडिया के सामने आकर स्पष्टीकरण देना पड़ा था कि उनका यह गीत न तो ताजा है, और न किसी को आहत करने की मंशा से उन्होंने यह गीत लिखा था।
भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट
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