केके मिश्रा ने फिर सरकार पर सवाल उठाए हैं। – फोटो : सोशल मीडिया
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मंगलवार को महिला उद्यमियों के खातों में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सिंगल क्लिक पर 850 लघु औद्योगिक इकाइयों के खाते में 275 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की। मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम पर कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिए हैं। उसका कहना है कि एमएसएमई के खाते में आज की तारीख में महज 25 या 30 करोड़ रुपए की राशि ही मौजूद है। ऐसे में इतनी बड़ी राशि ट्रांसफर किए जाने को कांग्रेस ने सीएम को विभाग द्वारा दिया गया धोखा करार दिया है।
मप्र कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग प्रमुख केके मिश्रा ने कहा कि एमएसएमई के अधिकारियों ने प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव की विश्वसनीयता खंडित करने का कुत्सित प्रयास किया है। उन्होंने सीएम के खिलाफ अफसरशाही द्वारा की जा रही एक संगठित साजिश की संभावना जताते हुए ऐसे लोगों की जांच कर दोषियों को कठोर सजा दिए जाने की मांग की है।
खाते में नहीं राशि
केके मिश्रा का कहना है कि मंगलवार को राजधानी के स्व. कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मुख्यमंत्री के हाथों प्रदेश की क़रीब 850 लघु औद्योगिक इकाइयों से जुड़ी महिला उद्यमियों के खातों में एक ही क्लिक DBT योजना के तहत लगभग 275 करोड़ की राशि कथित तौर पर हस्तांतरित करवाई गई है। उनका कहना है कि उक्त राशि छोटे एवं मध्यम श्रेणी के लघु उद्योग यानी MSME के खातों से ट्रांसफ़र होनी थी, जबकि आज की तारीख में MSME के खातों में सिर्फ़ 25-30 करोड़ की ही राशि थी। मिश्रा ने सवाल उठाया है कि जब इतनी राशि खाते में थी ही नहीं तो मुख्यमंत्री से झूठ क्यों परोसवाया गया? झूठी वाहवाही के लिए मुख्यमंत्री और महिला उद्यमियों को धोखा किसने, क्यों दिया? उन्होंने संभावना व्यक्त की है कि इसके पीछे कोई नियोजित साज़िश है। कोई संगठित गिरोह मुख्यमंत्री को धोखे में रख उनकी वाचनबद्धता और विश्वसनीयता को खंडित करने की प्रायोजित साजिश कर रहा है। मिश्रा ने इसकी उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों को कठोर दण्ड देने की मांग की है।
गलत है तो स्पष्ट करें
कांग्रेस नेता मिश्रा ने कहा कि यदि उक्त गंभीर आरोप ग़लत हैं तो जवाबदार प्रमाणों के साथ इस बात को सार्वजनिक करें कि 275 करोड़ की बड़ी और पूरी धनराशि किन-किन महिला उद्यमियों खातों में ट्रांसफ़र की गई है। उन्होंने यह सूची सार्वजनिक करने की भी मांग की है।
(भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट)
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