bhopal:-वंदे-भारत-में-आग-की-जांच-रिपोर्ट-कमेटी-ने-रेलवे-को-सौंपी,-बैटरी-में-शॉर्ट-सर्किट-से-हुआ-था-हादसा
वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन। - फोटो : amar ujala विस्तार Follow Us रानी कमलापति से हजरत निजामउद्दीन के लिए जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस में आग के मामले में ऑफिसियल जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। जांच में बैटरी बॉक्स में धुंआ उठने और आग लगने का कारण बैटरी में शार्ट सर्किट होना पाया गया। बता दें बीती 17 जुलाई को रानी कमलापति से हजरत निजामउद्दीन के लिए जा रही वंदेभारत ट्रेन में बीना और कुरवाई के बीच आग लग गई थी। घटना की वजह बैटरी में शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा था। इस घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी में सीनियर डिवीजनल सेफ्टी ऑफिसर, सीनियर डिवीजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, सीनियर डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर, सीनियर डिवीजनल ऑपरेशनल मैनेजर, सीनियर डीएससी (कमांडेट) को शामिल किया गया था।  जांच कमेटी की जांच में बैटरी बॉक्स में धुंआ उठने और आग लगने का कारण बैटरी में शार्ट सर्किट होना पाया गया। बैटरी वारंटी पीरियड में थी, जिसके चलते मेधा कंपनी ने उसके स्थान पर दूसरी नई बैटरी लगाई गई। भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कमेटी द्वारा की गई अनुशंसाओं पर रेलवे द्वारा उचित स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। रेलवे की निगरानी में कंपनी द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण/अनुरक्षण किया जाएगा। जांच के उपरांत मंडल द्वारा  विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है। वंदे भारत ट्रेन में लीथियम आयरन फॉस्फेट बैटरी का इस्तेमाल होता है। इसे खासतौर से वंदे भारत ट्रेन के लिए ही बनाया गया है। वहीं अन्य ट्रेनों में भी इसी तरह की लेड एसिड बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। वंदेभारत ट्रेन में लगाई गई बैटरी मेंधा कंपनी ने तैयार की है। वंदे भारत में कुल चार बैटरियां लगी हैं। हर चार कोच के बीच एक बैटरी लगाई गई है। इमरजेंसी में वंदे भारत के एक कोच को अलग नहीं किया जा सकता है, इसमें चार-चार कोच के ब्लॉक होते हैं।

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वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन। – फोटो : amar ujala

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रानी कमलापति से हजरत निजामउद्दीन के लिए जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस में आग के मामले में ऑफिसियल जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। जांच में बैटरी बॉक्स में धुंआ उठने और आग लगने का कारण बैटरी में शार्ट सर्किट होना पाया गया।

बता दें बीती 17 जुलाई को रानी कमलापति से हजरत निजामउद्दीन के लिए जा रही वंदेभारत ट्रेन में बीना और कुरवाई के बीच आग लग गई थी। घटना की वजह बैटरी में शॉर्ट सर्किट को माना जा रहा था। इस घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी में सीनियर डिवीजनल सेफ्टी ऑफिसर, सीनियर डिवीजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, सीनियर डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर, सीनियर डिवीजनल ऑपरेशनल मैनेजर, सीनियर डीएससी (कमांडेट) को शामिल किया गया था। 

जांच कमेटी की जांच में बैटरी बॉक्स में धुंआ उठने और आग लगने का कारण बैटरी में शार्ट सर्किट होना पाया गया। बैटरी वारंटी पीरियड में थी, जिसके चलते मेधा कंपनी ने उसके स्थान पर दूसरी नई बैटरी लगाई गई। भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कमेटी द्वारा की गई अनुशंसाओं पर रेलवे द्वारा उचित स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। रेलवे की निगरानी में कंपनी द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण/अनुरक्षण किया जाएगा। जांच के उपरांत मंडल द्वारा  विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई है।

वंदे भारत ट्रेन में लीथियम आयरन फॉस्फेट बैटरी का इस्तेमाल होता है। इसे खासतौर से वंदे भारत ट्रेन के लिए ही बनाया गया है। वहीं अन्य ट्रेनों में भी इसी तरह की लेड एसिड बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। वंदेभारत ट्रेन में लगाई गई बैटरी मेंधा कंपनी ने तैयार की है। वंदे भारत में कुल चार बैटरियां लगी हैं। हर चार कोच के बीच एक बैटरी लगाई गई है। इमरजेंसी में वंदे भारत के एक कोच को अलग नहीं किया जा सकता है, इसमें चार-चार कोच के ब्लॉक होते हैं।

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