पकड़ी गई नकली शराब के साथ पुलिस कर्मी – फोटो : अमर उजाला
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भोपाल में शराब की शौकीन लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। यहां महंगी ब्रांड के शराब की बोतलों में सस्ती और घटिया क्वालिटी की शराब भरकर बेची जा रही है। बुधवार रात भोपाल आबकारी विभाग में बड़ी कार्रवाई करते हुए 120 बोतलें जब्त की है। इनमें 400 से 500 रुपए वाली सस्ती शराब भरी हुई थी। मामले में 3 युवकों को पकड़ा है। एक कार, एक एक्टिव भी जब्त की गई। अफसरों की माने तो यह शराब नकली भी हो सकती है। इसलिए विभाग जांच में जुटा है।
राजधानी के रेस्टोरेंट और ढाबों में पहुंचते थे शराब
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महंगी ब्रांड के बोतलों में भरकर घटिया और सस्ती शराब राजधानी भोपाल के रेस्टोरेंट और ढाबों में लोगों को परोसी जा रही है। आबकारी विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि शराब पीने वाले सभी लोगों को बोतल लेने से पहले उसके लेवल की जांच करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि फर्जी बोतलों में भारी दारू ओरिजिनल बोतल से थोड़ी सी कम रहती है। यह इसकी मुख्य पहचान है।
ऐसे पकड़ में आए शराब तस्कर
गुरुवार को आबकारी विभाग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जानकारी दी। इस दौरान सहायक आबकारी आयुक्त दीपम रायचूरा ने बताया, 10 जुलाई को एमपी नगर स्थित चेतक ब्रिज के पास से एक सफेद रंग की एक्टिवा में 12 बोतल अंग्रेजी शराब का परिवहन करते हुए रितिक पिता रमेश चौधरी निवासी बिजली कॉलोनी गोविंदपुरा को दबोचा। जब्त शराब की बोतलें ब्रांडेड थी। जिनकी बाजार कीमत 20 हजार रुपए तक है। जांच की गई तो उसमें भरी शराब ब्रांडेड न होकर सस्ती थी। आरोपियों को कोट में पेश किया गया है। आगे की कार्रवाई जांच के लिए बाद होगी उन्होंने बताया कि इस मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है। यह कानून के हिसाब से बहुत बड़ा अपराध है।
इन धाराओं में दर्ज हुए प्रकरण
दीपम रायचूरा ने बताया कि आबकारी विभाग ने रितिक के विरुद्ध मप्र आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(1)क के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया और उससे पूछताछ की। जिसमें उसने अपने साथियों के नाम भी बताए। इसके आधार पर न्यू सुभाष नगर विश्रामघाट रोड पर चेकिंग की गई। इस दौरान काले रंग की कार को रोककर उसकी तलाशी ली गई। कार की डिग्गी में 4 बोरियों एवं 1 बेग में कुल 108 बोतल अंग्रेजी शराब थी। शराब के ब्रांड ग्लेनलिविट 12 साल, इंद्री, गोल्ड लेबल, ग्लेनलिविट 15 साल, ग्लेनलिविट 1824 कैरेबियन रिजर्व, 8 पीएम है। इस मामले में आरोपी गजेंद्र पिता तिलक सिंह गुर्जर, आर्यन पिता पर्वत सिंह मीणा और प्रशांत पिता दरपान सिंह के विरुद्ध मप्र आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34(1) क व धारा 34(2) के अंतर्गत प्रकरण कायम कर गिरफ्तार किया।
पकड़े गए अपराधियों में से एक पहले से है आरोपी
रायचूरा ने बताया कि आरोपियों में से एक आरोपी आबकारी अपराधों का पुराना सिद्धदोष आरोपी है। वाहन और शराब की कुल कीमत करीब 8 लाख रुपए है। सहायक जिला आबकारी अधिकारी अमिताभ त्रिपाठी, आबकारी कंट्रोलर आरजी भदौरिया समेत अमले ने यह कार्रवाई की।
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