bhopal:-भोपाल-में-बांग्लादेशी-ने-बनवा-लिया-पासपोर्ट,-गृह-मंत्रालय-ने-पकड़ा-तो-एएसआई-को-किया-सस्पेंड
पासपोर्ट(सांकेतिक) - फोटो : iStock विस्तार Follow Us जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार कड़ी निगरानी रख रहे हैं, वहीं राजधानी भोपाल पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बांग्लादेश का एक नागरिक भोपाल की एक मस्जिद में रहा करता था। उसने इसी एड्रेस पर अपना पासपोर्ट बनवाया और यहां से चला गया। खास बात यह है कि पुलिस अधिकारी ने रिश्वत के बदले उसका एड्रेस वैरीफाई कर दिया। जिस जगह पर मस्जिद है उसे बांग्लादेशी नागरिक का घर बता दिया। यहां तक कि बांग्लादेशी नागरिक को मध्य प्रदेश के हरदा जिले का मूल निवासी बता दिया गया। गृह मंत्रालय भारत सरकार ने इस गड़बड़ी को पकड़ लिया।  यह है पूरा मामला पुलिस के मुताबिक विप्लब पॉल मूलत: बांग्लादेश का रहने वाला है। उसने वर्ष 2022 में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। उसने खुद को हरदा का मूल निवासी बताया था, जबकि वसुंधरा बैंक कॉलोनी के पते के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज लगाए थे। 26 अक्टूबर 2022 को जहांगीराबाद थाने को पुलिस वैरिफिकेशन के लिए आवेदन मिला। कार्यवाहक एएसआई शिवनाथ यदुवंशी ने इसका सत्यापन किया था। इस आधार पर विप्लब का पासपोर्ट बन गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच की तो पता चला कि बांग्लादेशी ने यह पासपोर्ट फर्जी पते पर बनवाया है। जिस पते पर उसने अपना घर बताया है वहां पर मस्जिद है। जांच के बाद एएसआई को सस्पेंड कर दिया गया है।

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पासपोर्ट(सांकेतिक) – फोटो : iStock

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जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार कड़ी निगरानी रख रहे हैं, वहीं राजधानी भोपाल पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बांग्लादेश का एक नागरिक भोपाल की एक मस्जिद में रहा करता था। उसने इसी एड्रेस पर अपना पासपोर्ट बनवाया और यहां से चला गया। खास बात यह है कि पुलिस अधिकारी ने रिश्वत के बदले उसका एड्रेस वैरीफाई कर दिया। जिस जगह पर मस्जिद है उसे बांग्लादेशी नागरिक का घर बता दिया। यहां तक कि बांग्लादेशी नागरिक को मध्य प्रदेश के हरदा जिले का मूल निवासी बता दिया गया। गृह मंत्रालय भारत सरकार ने इस गड़बड़ी को पकड़ लिया। 

यह है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक विप्लब पॉल मूलत: बांग्लादेश का रहने वाला है। उसने वर्ष 2022 में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। उसने खुद को हरदा का मूल निवासी बताया था, जबकि वसुंधरा बैंक कॉलोनी के पते के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज लगाए थे। 26 अक्टूबर 2022 को जहांगीराबाद थाने को पुलिस वैरिफिकेशन के लिए आवेदन मिला। कार्यवाहक एएसआई शिवनाथ यदुवंशी ने इसका सत्यापन किया था। इस आधार पर विप्लब का पासपोर्ट बन गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जांच की तो पता चला कि बांग्लादेशी ने यह पासपोर्ट फर्जी पते पर बनवाया है। जिस पते पर उसने अपना घर बताया है वहां पर मस्जिद है। जांच के बाद एएसआई को सस्पेंड कर दिया गया है।

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