भोपाल में हनी ट्रैप – फोटो : अमर उजाला
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भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) की रिटायर शाखा के एक सेवानिवृत्त डीजीएम को ठेकेदार ने हनीट्रैफ में फंसा लिया और ब्लैकमेल कर दो लाख पांच हजार रुपये हड़प लिए। आरोपी अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर तीन लाख रुपये और मांग रहा था। पुलिस ने शिकायत के बाद ठेकेदार समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिसमें दो महिलाएं शामिल हैं, जिसमें एक महिला को रशियन गर्ल बताकर फरियादी के साथ होटल में भेजा था और हिडन कैमरे से उसका भी वीडियो स्क्रैप कारोबारी ने बना लिया था। मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि युवती रशियन है या नहीं, गिरफ्तारी के बाद ही पता चलेगा।
गोविंदपुरा पुलिस के मुताबिक 60 वर्षीय राजुल अग्रवाल भेल कारखाने की रिटायर शाखा के सेवानिवृत्त डीजीएम हैं। यह शाखा भेल के सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारियों के कल्याण व अनुपयोगी उपकरणों के रखरखाव का कार्य करती है। साकेत नगर में रहने वाले शशांक वर्मा उर्फ सन्नी से उनकी पहचान थी। शशांक ठेकेदारी करता है। अफसर का आरोप है कि शशांक ने अपने साथी और दो महिलाओं के साथ मिलकर उन्हें हनीट्रैप में फंसाया और अश्लील वीडियो बना लिया। बाद में यह वीडियो वायरल करने की धमकी देकर रुपये लिए और बाकी रुपयों के लिए ब्लैकमेल कर रहा था।
होटल में कराई महिला से मुलाकात
अग्रवाल ने शिकायत में बताया कि पिछले महीने 14 अगस्त को शशांक उन्हें एक होटल लेकर पहुंचा, जहां एक महिला से मिलवाया। वह उन्हें होटल में छोड़कर चला गया था। अगले दिन उसने मोबाइल में महिला के साथ उनके फोटो दिखाते हुए एक लाख रुपये की मांग की। उन्होंने रुपये देने से मना किया तो उसने धमकी दी कि उक्त फोटो और वीडियो वह सोशल मीडिया पर वायरल कर देगा। इसी बीच क्राइम ब्रांच के नाम पर उनके पास फोन आने लगे और गिरफ्तारी का दबाव बनाया जाने लगा। इस पर अफसर ने शशांक को 55 हजार रुपये दे दिए। उसके बाद 20 अगस्त को दोबारा 50 हजार रुपये शशांक ने लिए।
जबलपुर ले जाकर की मारपीट
गोविंदपुरा थाना प्रभारी अवधेश तोमर ने बताया कि 20 अगस्त को ही शशांक अपने साथी दीपक के साथ फरियादी अग्रवाल के घर पहुंचा और दबाव बनाकर कार में बिठाकर जबलपुर ले गया। यहां एटीएम और ऑनलाइन के माध्यम से एक लाख रुपये और ले लिए। उसके बाद अफसर को छोड़ दिया। इसकी शिकायत अग्रवाल ने गोविंदपुरा पुलिस से की थी, लेकिन उन्होंने लिखित शिकायत अथवा एफआईआर नहीं करवाई थी।
तीन लाख के लिए बंधक बनाकर पीटा
रिटायर्ड डीजीएम अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि 30 अगस्त की सुबह शशांक उनके घर पहुंचा और एक और वीडियो क्लिप दिखाई। उसके एवज में उनसे तीन लाख रुपये मांगे। जब उन्होंने रुपये देने से इंकार किया तो घर में ही बंधक बनाकर मारपीट की। उसके बाद पीड़ित ने वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित में शिकायत की, जिसके बाद गोविंदपुरा पुलिस ने शशांक वर्मा समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। मुख्य आरोपी शशांक वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है।
परिवार अलग रहता है
प्रारंभिक पूछताछ में शशांक के मोबाइल में तीन वीडियो मिले हैं, जिनकी फोरेंसिक लैब में जांच कराई जा रही है। उसके साथ घटना में शामिल अन्य युवक और दोनों महिलाओं के बारे में पता लगाया जा रहा है। बताया जाता है कि शिकायतकर्ता अधिकारी का परिवार उनसे अलग रहता है।
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