प्रदेश कांग्रेस कार्यालय – फोटो : सोशल मीडिया
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दो महीने पहले प्रदेश भर के जिला युवक कांग्रेस अध्यक्षों को जमा किया गया। अपने-अपने जिलों में किए जाने वाले धरना, प्रदर्शन, आंदोलन और गतिविधियों का प्रारूप थमाया गया। कहा गया कि इन क्रियाकलापों के आधार पर अध्यक्षों की परफॉर्मेंस तय की जाएगी। न दो महीने पूरे हुए, न काम का आकलन किया गया, लेकिन अध्यक्षों को लेकर फैसले होना शुरू हो गए हैं। इस स्थिति से जिला युवक कांग्रेस अध्यक्षों में नाराजगी पनपने लगी है। अध्यक्ष एकजुट होकर अगस्त महीने में होने वाली प्रदेश स्तरीय बैठक में आवाज उठाने का मन रहे हैं। यह भी हो सकता है कि ताजा घटनाक्रम के विरोध में प्रदेश के कई जिला अध्यक्ष अपने पद से इस्तीफा दे दें।
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युवक कांग्रेस के प्रदेश संगठन ने पिछले दिनों धार जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष करीम कुरैशी को बिना कारण पद से हटा दिया है। इसके लिए न तो कोई पूर्व सूचना दी गई और न ही सुनवाई या सफाई का मौका ही दिया गया। करीम कुरैशी के साथ संगठन द्वारा अपनाए गए रवैए का असर पूरे प्रदेश में दिखाई दे रहा है। सूत्रों का कहना है कि इंदौर, सतना, बुरहानपुर, होशंगाबाद समेत कई जिलों के अध्यक्षों ने संगठन के इस फैसले को गलत करार दिया है। उन्होंने किसी निर्वाचित पदाधिकारी को इस तरह पद से हटा दिए जाने के विरोध में अगस्त माह में होने वाली बैठक में आवाज उठाने की तैयारी की है।
बैठक में होना था फैसला
सूत्रों का कहना है कि जिला अध्यक्षों को दिए गए टास्क के अनुसार अगस्त माह में होने वाली बैठक में सभी की परफॉर्मेंस चेक की जाना थी। राष्ट्रीय महासचिव शेष नारायण ओझा और प्रदेश अध्यक्ष को इस मामले में निर्णय लेना था। तय किया गया था कि दो माह के परफॉर्मेंस के आधार पर कुछ जिला अध्यक्षों को जीवनदान दिया जाएगा तो लचर प्रदर्शन वाले अध्यक्षों को बदला जाएगा। लेकिन संगठन पदाधिकारी अपने ही निर्णय पर कायम नहीं रह पाए। उन्होंने मनमर्जी पूर्वक समय पूर्व ही जिला अध्यक्ष बदलना शुरू कर दिए हैं।
दिल्ली तक गूंज रहा मामला
धार जिला युवक कांग्रेस अध्यक्ष करीम कुरैशी को पद से हटाए जाने का मामला प्रदेश से लेकर दिल्ली तक गूंज रहा है। इस मामले में राहुल गांधी के कार्यालय से प्रदेश संगठन से जवाब भी तलब किया गया है।
नेता प्रतिपक्ष से नजदीकी काम नहीं आई
बिना सूचना या कारण पद से हटाए गए करीम कुरैशी नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के करीबी माने जाते हैं। धार नगर पालिका परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने में भी करीम को उमंग का वृहदहस्त मिला था। लेकिन अध्यक्ष पद से हटाए जाने के मामले में उमंग भी खामोश होकर बैठे हैं।
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