bhopal:-पूरे-परिवार-की-सुसाइड-मामले-में-खुलासा,-फर्जी-फर्म-से-खोला-था-करंट-अकाउंट,-फिर-ठगों-को-किराए-पर-दिया
भोपाल में एक ही परिवार के चार सदस्यों का सुसाइड - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us ऑनलाइन लोन एप के जरिए ऋण लेकर आर्थिक तंगी और ऑनलाइन ठगों की प्रताड़ना से व्यथित आकर पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा मामले में पुलिस ने जिस खाते से पैसे ट्रांसफर हुए हैं, उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, गिरफ्तार आरोपी को आरिफ नाम के व्यक्ति ने ठगी के मास्टरमाइंड से मिलवाया था। पुलिस अब आरिफ और मास्टरमाइंड की तलाश में जयपुर जाने वाली है। इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार आरोपी खलील फर्जी फर्म बनाकर उनके नाम से जयपुर में करंट अकाउंट खुलवाता था। इसके बाद वह अपना बैंक खाता साइबर जालसाजों को मोटी रकम पर किराये पर दे देता था। खलील के खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ था रातीबड़ पुलिस के अनुसार 13 जुलाई को शिव विहार कॉलोनी निवसी भूपेंद्र विश्वकर्मा ने दो मासूम बेटों को जहर देकर मारने के बाद पत्नी के साथ आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में जयपुर निवासी खलील के खाते में पैसे ट्रांसफर होना पाया गया। पुलिस ने खलील को गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि उसे तो आरिफ नाम के व्यक्ति ने ठगी के मास्टरमाइंड से मिलवाया था। 15 दिन में दो करोड़ का लेन-देन डीसीसी क्राइम ब्रांच श्रुतिकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि एक पखवाड़े में खलील के खाते में दो करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था। खलील ने कुछ ट्रांजेक्शन का कुछ प्रतिशत प्राप्त कर खाता ठगों को दे दिया था। फर्जी दस्तावेज से खुलवाता था खाता गिरफ्तार कर जेल भेजा गया आरोपी खलील इतना शातिर है कि वह जयपुर में किराये का कमरा लेकर एक फर्जी फर्म का बोर्ड लगाता था। उसका बैनर-पोस्टर लगाकर उस मकान के फर्जी दस्तावेज तैयार कराता और उसी आधार पर वह बैंक में फर्म के नाम से करंट अकाउंट खोल लेता था। मास्टर माइंड की तलाश तेज करंट अकाउंट खुलते ही वह कमरा खाली कर दूसरा ठिकाना बना लेता और बैंक खाता साइबर ठगी करने वाले गिरोह को किराए पर दे देता था। खलील के जिस खाते में भूपेंद्र पैसे भेजता था, उस खाते में 15 दिन में करीब दो करोड़ का लेनदेन हुआ है। पुलिस अब आरिफ के जरिए मास्टरमाइंड तक पहुंचने में लगी है। 

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भोपाल में एक ही परिवार के चार सदस्यों का सुसाइड – फोटो : अमर उजाला

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ऑनलाइन लोन एप के जरिए ऋण लेकर आर्थिक तंगी और ऑनलाइन ठगों की प्रताड़ना से व्यथित आकर पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा मामले में पुलिस ने जिस खाते से पैसे ट्रांसफर हुए हैं, उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, गिरफ्तार आरोपी को आरिफ नाम के व्यक्ति ने ठगी के मास्टरमाइंड से मिलवाया था। पुलिस अब आरिफ और मास्टरमाइंड की तलाश में जयपुर जाने वाली है।

इस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार आरोपी खलील फर्जी फर्म बनाकर उनके नाम से जयपुर में करंट अकाउंट खुलवाता था। इसके बाद वह अपना बैंक खाता साइबर जालसाजों को मोटी रकम पर किराये पर दे देता था।

खलील के खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ था
रातीबड़ पुलिस के अनुसार 13 जुलाई को शिव विहार कॉलोनी निवसी भूपेंद्र विश्वकर्मा ने दो मासूम बेटों को जहर देकर मारने के बाद पत्नी के साथ आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में जयपुर निवासी खलील के खाते में पैसे ट्रांसफर होना पाया गया। पुलिस ने खलील को गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि उसे तो आरिफ नाम के व्यक्ति ने ठगी के मास्टरमाइंड से मिलवाया था।

15 दिन में दो करोड़ का लेन-देन
डीसीसी क्राइम ब्रांच श्रुतिकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि एक पखवाड़े में खलील के खाते में दो करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था। खलील ने कुछ ट्रांजेक्शन का कुछ प्रतिशत प्राप्त कर खाता ठगों को दे दिया था।

फर्जी दस्तावेज से खुलवाता था खाता
गिरफ्तार कर जेल भेजा गया आरोपी खलील इतना शातिर है कि वह जयपुर में किराये का कमरा लेकर एक फर्जी फर्म का बोर्ड लगाता था। उसका बैनर-पोस्टर लगाकर उस मकान के फर्जी दस्तावेज तैयार कराता और उसी आधार पर वह बैंक में फर्म के नाम से करंट अकाउंट खोल लेता था।

मास्टर माइंड की तलाश तेज
करंट अकाउंट खुलते ही वह कमरा खाली कर दूसरा ठिकाना बना लेता और बैंक खाता साइबर ठगी करने वाले गिरोह को किराए पर दे देता था। खलील के जिस खाते में भूपेंद्र पैसे भेजता था, उस खाते में 15 दिन में करीब दो करोड़ का लेनदेन हुआ है। पुलिस अब आरिफ के जरिए मास्टरमाइंड तक पहुंचने में लगी है। 

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