bhopal:-नहीं-चलेगी-मनमर्जी-की-ड्रेस,-प्रदेश-के-कॉलेजों-में-लागू-होगा-यूनिफॉर्म,-जानिए-क्या-है-इसके-पीछे-की-वजह
मप्र में कॉलेजों में लागू होगा ड्रेसकोड - फोटो : सोशल मीडिया विस्तार Follow Us प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में अब छात्र-छात्राएं जींस-टीशर्ट पहनकर नहीं जा सकेंगे। स्टूडेंट्स को अब सिर्फ यूनीफॉर्म में ही कॉलेज जाना होगा। प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने इसी सत्र से सरकारी कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने का फैसला किया है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज प्रबंधन को यूनिफॉर्म चयन की जिम्मेदारी दी है। ड्रेस कोड के तहत छात्र-छात्राएं पेंट-शर्ट और छात्राएं सलवार-कुर्ता पहनकर आएंगे। शिक्षा विभाग का कहना है कि कॉलेज में यूनिफॉर्म होने से छात्र-छात्राओं के बीच एकरूपता और समानता की भावना पैदा होगी। वहीं गरीब-अमीर और धर्म जाति का भेद नहीं रहेगा। साथ ही छात्रों के दिमाग में शिक्षा के प्रति ज्यादा रुचि पैदा होगी। बाहरी युवाओं की होगी पहचान ड्रेस कोड लागू करने के पीछे विभाग की यह भी मंशा है कि अभी सरकारी कॉलेज में आवारा आसामाजिक तत्व भी आ जाते हैं, जिन्हें पहचान पाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन ड्रेस कोड लागू होने के बाद बाहरी व्यक्तियों की पहचान आसानी से हो सकेगी। उच्च शिक्षा विभाग ने यूनिफॉर्म चयन की जिम्मेदारी कॉलेज प्रबंधन को ही सौंपी है। सरकारी कॉलेजों की यूनिफॉर्म एक जैसी न होकर अलग-अलग हो, इसके लिए विभाग ने यूनिफॉर्म का रंग तय करने का फैसला जनभागीदारी समिति और कॉलेज प्रबंधन पर छोड़ दिया है। दोनों मिलकर यूनिफॉर्म का रंग तय करेंगे। ड्रेस कोड लोगू करने को लेकर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि ड्रेस कोड लागू करने पर विचार किया गया है। यूनिफॉर्म में छात्र-छात्राओं में समानता की भावना पैदा होती है। साथ ही कॉलेज में शिक्षा का वातावरण बनता है। इसके साथ ही इंदर सिंह परमार ने प्रदेश भर के मदरसों को लेकर कहा है कि जो मदरसे सरकारी पोर्टल पर दर्ज हैं, वही चलेंगे, जो नहीं है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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मप्र में कॉलेजों में लागू होगा ड्रेसकोड – फोटो : सोशल मीडिया

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प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में अब छात्र-छात्राएं जींस-टीशर्ट पहनकर नहीं जा सकेंगे। स्टूडेंट्स को अब सिर्फ यूनीफॉर्म में ही कॉलेज जाना होगा। प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने इसी सत्र से सरकारी कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने का फैसला किया है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज प्रबंधन को यूनिफॉर्म चयन की जिम्मेदारी दी है।

ड्रेस कोड के तहत छात्र-छात्राएं पेंट-शर्ट और छात्राएं सलवार-कुर्ता पहनकर आएंगे। शिक्षा विभाग का कहना है कि कॉलेज में यूनिफॉर्म होने से छात्र-छात्राओं के बीच एकरूपता और समानता की भावना पैदा होगी। वहीं गरीब-अमीर और धर्म जाति का भेद नहीं रहेगा। साथ ही छात्रों के दिमाग में शिक्षा के प्रति ज्यादा रुचि पैदा होगी।

बाहरी युवाओं की होगी पहचान
ड्रेस कोड लागू करने के पीछे विभाग की यह भी मंशा है कि अभी सरकारी कॉलेज में आवारा आसामाजिक तत्व भी आ जाते हैं, जिन्हें पहचान पाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन ड्रेस कोड लागू होने के बाद बाहरी व्यक्तियों की पहचान आसानी से हो सकेगी। उच्च शिक्षा विभाग ने यूनिफॉर्म चयन की जिम्मेदारी कॉलेज प्रबंधन को ही सौंपी है।

सरकारी कॉलेजों की यूनिफॉर्म एक जैसी न होकर अलग-अलग हो, इसके लिए विभाग ने यूनिफॉर्म का रंग तय करने का फैसला जनभागीदारी समिति और कॉलेज प्रबंधन पर छोड़ दिया है। दोनों मिलकर यूनिफॉर्म का रंग तय करेंगे। ड्रेस कोड लोगू करने को लेकर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि ड्रेस कोड लागू करने पर विचार किया गया है। यूनिफॉर्म में छात्र-छात्राओं में समानता की भावना पैदा होती है। साथ ही कॉलेज में शिक्षा का वातावरण बनता है। इसके साथ ही इंदर सिंह परमार ने प्रदेश भर के मदरसों को लेकर कहा है कि जो मदरसे सरकारी पोर्टल पर दर्ज हैं, वही चलेंगे, जो नहीं है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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