त्यौहार कमेटी पर रार – फोटो : अमर उजाला
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ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ औसाफ शाहमीरी खुर्रम का पिछले माह इंतकाल हो गया। डॉ खुर्रम पिछले कई दशक से इस कमेटी की कमान संभाले हुए थे। मुस्लिम समुदाय, प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर सियासी लोगों तक में समान पहुंच रखने वाले डॉ खुर्रम अपने कार्यकाल में लगातार गंगा जमुनी तहजीब को जिंदा रखने के प्रयास करते रहे। रमजान, ईद, बकरीद, मुहर्रम से लेकर ईद मिलादुन्नबी, शब ए बारात आदि त्यौहारों पर वे सभी धर्मों की सहभागिता सुनिश्चित करने के जतन करते रहते थे। उनके जीवनकाल में सेकंड लाइन तैयार न कर पाना डॉ खुर्रम की गलतियों का हिस्सा है, जिसके नतीजे में अब इस कमेटी के लिए घमासान के हालात बन रहे हैं।
फिर हुआ यह
डॉ खुर्रम के इंतकाल के करीब सप्ताह भर बाद ही खुर्रम के खैरख्वाह ने जमा होकर उनकी खाली हुई कुर्सी पर बेटे हाफिज सैयद अहमद की ताजपोशी कर दी थी। इस फैसले में कमेटी से जुड़े कई पदाधिकारी और शहर के गणमान्य नागरिक शामिल थे। बावजूद इसके कई लोगों ने इस ऐलान के खिलाफ स्वर बुलंद किए थे। विरोध करने वालों का तर्क था कि मुस्लिम त्यौहार कमेटी कोई राजगद्दी नहीं है, जो उस पर वंशागत नियुक्ति की जाए।
अब यह हो गया
ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी से जुड़े कई लोगों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति का ऐलान कर दिया है। उन्होंने इस पद पर दानिश खान को पदासीन करते हुए पुरानी नियुक्ति को अमान्य घोषित कर दिया है। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष शमसुल हसन और मप्र मुस्लिम त्यौहार कमेटी अध्यक्ष हिफजुर्रहमान छोटे मियां ने इस नई नियुक्ति का ऐलान किया है। इस ऐलान के दौरान बड़ी में शहरी मौजूद थे।
होगा या असर
मुस्लिम त्यौहार कमेटी अध्यक्ष और कमेटी को लेकर खिंची रार ने आने वाले त्योहारों की रौनक में खलल डालने की तैयारी कर ली है। दो धड़ों में बंटी इस कमेटी के कारण राजधानी में होने वाले त्योहारी आयोजनों में बनने वाले सामाजिक समरसता के नजारे दिखाई देना भी खत्म हो सकते हैं।
भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट
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