bhopal:-कचरा-प्रोसेसिंग-करने-वाले-ठेकेदारों-का-नहीं-हुआ-4.78-करोड़-का-पेमेंट,-कमिश्नर-के-खिलाफ-खोला-मोर्चा
कमिश्नर के खिलाफ खोला मोर्चा - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us राजधानी भोपाल के आदमपुर छावनी स्थित कचरा प्रोसेसिंग का काम करने वाले ठेकेदार को 4.78 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं होने से वे नाराज होकर वार्ड-62 से बीजेपी पार्षद और जोन-15 के अध्यक्ष राजेश चौकसे ने शुक्रवार को निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया।कमिश्नर के चैंबर के सामने जमीन पर ही वे धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि उन्होंने भी मशीनें लगाई हैं। छह महीने का उन्हें 42 लाख रुपये लेना है, लेकिन कमिश्नर भुगतान नहीं कर रहे हैं। पार्षद चौकसे ने बताया कि 31 मई को ठेकेदार का टेंडर खत्म हो गया था। इस दौरान लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी थी। इस पर अफसरों ने मौखिक ही कहा कि काम जारी रखें। इसके चलते कचरे की प्रोसेसिंग करने वाली कंपनी के ठेकेदार के चार करोड़ 78 लाख रुपये बकाया हो गए। कई दिन से बकाया राशि लेने के लिए ठेकेदार निवेदन करते रहे। तीन-चार दिन प्रोसेसिंग बंद रखने के बाद निगम ने एक करोड़ 10 लाख रुपये का भुगतान किया। इसमें भी 62 लाख रुपये जीएसटी के रूप में काट लिए। ठेका कंपनी के अधीन ही हम भी काम करते हैं। मेरे भी 42 लाख रुपये बकाया है, जो नहीं मिले हैं। कमिश्नर सुनने को तैयार नहीं चौकसे ने कहा कि बकाया राशि के भुगतान के लिए मैं भी ठेकेदारों के साथ निगम कमिश्नर नारायण से गुहार लगा रहा हूं। लेकिन भुगतान नहीं किया जा रहा। इसलिए कमिश्नर ऑफिस के सामने ही जमीन पर धरने पर बैठना पड़ा। निगम कमिश्नर रूम के बाहर धरना देने के बाद महापौर मालती राय से भी राशि का भुगतान करने का निवेदन किया गया है। आज दोपहर में महापौर ऑफिस में कमिश्नर से मुलाकात हुई। उनसे भुगतान करने को कहा है। इस दौरान नोंक-झोंक भी हुई है।

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कमिश्नर के खिलाफ खोला मोर्चा – फोटो : अमर उजाला

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राजधानी भोपाल के आदमपुर छावनी स्थित कचरा प्रोसेसिंग का काम करने वाले ठेकेदार को 4.78 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं होने से वे नाराज होकर वार्ड-62 से बीजेपी पार्षद और जोन-15 के अध्यक्ष राजेश चौकसे ने शुक्रवार को निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया।कमिश्नर के चैंबर के सामने जमीन पर ही वे धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि उन्होंने भी मशीनें लगाई हैं। छह महीने का उन्हें 42 लाख रुपये लेना है, लेकिन कमिश्नर भुगतान नहीं कर रहे हैं।

पार्षद चौकसे ने बताया कि 31 मई को ठेकेदार का टेंडर खत्म हो गया था। इस दौरान लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगी थी। इस पर अफसरों ने मौखिक ही कहा कि काम जारी रखें। इसके चलते कचरे की प्रोसेसिंग करने वाली कंपनी के ठेकेदार के चार करोड़ 78 लाख रुपये बकाया हो गए। कई दिन से बकाया राशि लेने के लिए ठेकेदार निवेदन करते रहे। तीन-चार दिन प्रोसेसिंग बंद रखने के बाद निगम ने एक करोड़ 10 लाख रुपये का भुगतान किया। इसमें भी 62 लाख रुपये जीएसटी के रूप में काट लिए। ठेका कंपनी के अधीन ही हम भी काम करते हैं। मेरे भी 42 लाख रुपये बकाया है, जो नहीं मिले हैं।

कमिश्नर सुनने को तैयार नहीं
चौकसे ने कहा कि बकाया राशि के भुगतान के लिए मैं भी ठेकेदारों के साथ निगम कमिश्नर नारायण से गुहार लगा रहा हूं। लेकिन भुगतान नहीं किया जा रहा। इसलिए कमिश्नर ऑफिस के सामने ही जमीन पर धरने पर बैठना पड़ा। निगम कमिश्नर रूम के बाहर धरना देने के बाद महापौर मालती राय से भी राशि का भुगतान करने का निवेदन किया गया है। आज दोपहर में महापौर ऑफिस में कमिश्नर से मुलाकात हुई। उनसे भुगतान करने को कहा है। इस दौरान नोंक-झोंक भी हुई है।

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