शहर काजी सैयद मुश्ताक अली और विधायक आरिफ मसूद – फोटो : अमर उजाला
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केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए वक्फ बोर्ड संशोधन बिल का फैसला ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के पाले में है। कमेटी ने सार्वजनिक सूचना जारी कर देशभर के लोगों से उनकी राय आमंत्रित की है। विभिन्न माध्यमों से दिए जाने वाले इन सुझावों में बिल से सहमति या असहमति के विकल्प मौजूद हैं। दो धड़ों में बंटे इस बिल को लेकर सोशल मीडिया पर प्रचारित किया जा रहा है। इसकी शुरुआत से ही सियासत के घेरे में इस बिल को लेकर उलेमा भी मैदान में हैं। यह भी लोगों से अपील कर रहे हैं कि इस मामले में अपना पक्ष अपने जरूरी कामों में शामिल कर अवश्य रखें।
दारुल कजा व दारुल इफ्ता भोपाल ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर अपील जारी की है। जिसमें उलेमाओं ने लोगों से कहा है कि लोकसभा में वक्फ के सिलसिले में जो तर्मिमी (संशोधन) बिल लाया गया है, इस सिलसिले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जो अपील की है, उसके मुताबिक सभी लोग अपनी राय का इजहार जरूर करें। उन्होंने कहा कि इसमें कोई कोताही न की जाए।
उलेमाओं में काजी ए शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी, शहर मुफ्ती मोहम्मद अबुल कलाम खान कासमी, मुफ्ती सैयद बाबर हुसैन, मुफ्ती रईस अहमद खान, कारी जसीम दाद खान, काजी मोहम्मद शराफत रहमानी, काजी सैयद अली कदर हुसैनी आदि शामिल हैं।
मसूद की अपील
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो मैसेज जारी कर प्रदेशभर के लोगों से वक्फ संशोधन बिल के रिजेक्शन की अपील की है। उन्होंने कहा कि सियासी लोग अल्लाह की जायदाद पर भी गिद्ध नजर जमाकर बैठ गए हैं। इनको रोका जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी लोगों को जेपीसी तक अपनी असहमति की राय भेजना होगा। उन्होंने जेपीसी की 13 सितंबर की बैठक से पहले अपना वोट आवश्यक रूप से भेजने के लिए कहा है।
सिलसिला यह भी चल पड़ा
सूत्रों का कहना है कि ईमेल, व्हाट्स ऐप और अन्य माध्यमों से किए जा रहे बिल रिजेक्शन की वोटिंग के लिए क्यूआर कोड भेजे जा रहे हैं। सोशल मीडिया से लेकर हैंड विल और पोस्टरों के जरिए यह QR भेजे जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस रिजेक्शन मुहिम को असफल करने के लिए कुछ संगठनों ने फर्जी QR कोड जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि इनका इस्तेमाल करने से संबंधित का वोट विपरीत दिशा में जा सकता है।
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