एमपी कांग्रेस प्रभारी भंवर जीतेन्द्र सिंह – फोटो : SOCIAL MEDIA
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मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह को प्रदेश प्रभारी पद से हटाने की चर्चा जोरों पर है। कहा जा रहा है कि जितेंद्र भंवर सिंह और मध्य प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की तालमेल नहीं बैठ रहा है। यही वजह है कि अब भंवर जितेंद्र सिंह से मध्य प्रदेश की कमान वापस लेने की तैयारी की जा रही है। दरअसल भवर जितेंद्र सिंह के पास असम और मध्यप्रदेश दो राज्य का प्रभार है। ऐसे में अब उनसे एक राज्य की कमान वापस ली जा सकती है। ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे है कि जल्द ही मध्य प्रदेश को नया प्रदेश प्रभारी मिल सकता है। इधर कांग्रेस के इस उलट फेर की चर्चा के बीच भाजपा नेता चुटकी ले रहे हैं नेताओं का कहना है कि कांग्रेस पूरी तरह खत्म हो रही है।
असम के भी प्रभारी हैं भंवर जितेंद्र सिंह
जानकारी के लिए बतादें कि सिंह लंबे समय से असम की कमान संभाल रहे है। विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार के बाद भंवर जितेंद्र सिंह को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी मिली थी। मध्यप्रदेश की कार्यकारिणी को भंग हुए 8 महीने हो गए है लेकिन अबतक नई टीम नहीं बन पाई है। जिसको देखते हुए कहा जा रहा है कि जल्द ही भंवर जितेंद्र सिंह की मध्य प्रदेश से छुट्टी होने की चर्चा जोरों पर है। कहा जा रहा है कि अगले एक हफ्ते में कांग्रेस महासचिव की लिस्ट जारी होने वाली है।
कांग्रेस में सब ठीक, बीजेपी का षड्यंत्र
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभिनव बरोलिया ने कहा कि ये सब बीजेपी समेत अन्य विपक्षी पार्टियों का षड्यंत्र है। कांग्रेस में सब ठीक चल रहा है। कई मामलों पर ऐसी मुलाकात और दौरे होती हैं। कहीं कुछ गड़बड़ नहीं है। जीतू पटवारी के नेतृत्व में लगातार प्रदर्शन कर सरकार को जगाने का काम कर रहे है। सोशल मीडिया समेत विभागों में जिम्मेदारी भी दी जा रहीं है। नई कार्यकारिणी के चलते काम प्रभावित नहीं है। विपक्षी पार्टियों की राजनीति का तरीका है। जनता हमारे साथ खड़ी और बीजेपी के पेट में दर्द हो रहा है।
दिल्ली का चक्कर काट रहे जीतू पटवारी
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि जीतू पटवारी प्रदेश प्रभारी जितेंद्र सिंह को हटाने के लिए दिल्ली चक्कर काट रहे हैं, उधर, जितेंद्र दाल नहीं गलने दे रहे जीतू पटवारी की। कांग्रेस बना अखाड़ा और दिल्ली बना मैदान। कांग्रेस अब खत्म की ओर है। 05 लाख कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस से हाथ जोड़े। 15 जिलों में जिलाध्यक्ष और प्रदेश में कार्यकारणी नहीं है। जितेंद्र सिंह और पटवारी की लड़ाई कांग्रेस कार्यालय में ताला लगवाएगी
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