Bangladesh Violence: अजीत डोभाल और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने हिंडन एयरबेस पर बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की. भारतीय वायुसेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां उन्हें सुरक्षा मुहैया करा रही हैं और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है. अजीत डोभाल के साथ शेख हसीना ने बांग्लादेश के मौजूदा हालात और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की. मौजूदा घटनाक्रम को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने हर पूर्वी सेक्टर में अपने जवानों को अलर्ट पर रखा है.
लंदन जा रही हैं शेख हसीना बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाली शेख हसीना का विमान लंदन जाने के दौरान गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर उतरा. हसीना बांग्लादेश वायुसेना के एक सी-130 जे सैन्य परिवहन विमान से भारत पहुंचीं. भारत ने ढाका के अनुरोध के बाद हसीना के विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र से सुरक्षित गुजरने देने का फैसला किया.
National Security Adviser Ajit Doval reaches Hindon Air Base
Bangladesh PM Sheikh Hasina has landed at Hindon Air Base in Ghaziabad, in a C-130 transport aircraft. As per Bangladesh Army Chief, she has resigned as the PM and an Interim Government will run the country.
— ANI (@ANI) August 5, 2024 अपनी बेटी से मिल सकती हैं शेख हसीना शेख हसीना के अपनी बेटी साइमा वाजिद से मिलने की संभावना है, जो दिल्ली में रहती हैं. साइमा वाजिद विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए क्षेत्रीय निदेशक हैं.
हसीना के इस्तीफा देने के बाद सेना ने संभाला मोर्चा शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश की सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और एक अंतरिम सरकार कार्यभार संभालने जा रही है. सेना प्रमुख ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा, “मैं (देश की) सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं. कृपया सहयोग करें. उन्होंने कहा कि उन्होंने राजनीतिक नेताओं से मुलाकात की और उन्हें बताया कि सेना कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी.
पिछले दो दिनों में बांग्लादेश में गई सैकड़ों लोगों की जान पिछले दो दिनों में, हसीना सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में 100 से अधिक लोग मारे गए हैं. बांग्लादेश में छात्रों का विरोध प्रदर्शन पिछले महीने विवादास्पद नौकरी आरक्षण योजना के खिलाफ शुरू हुआ था. यह प्रदर्शन बाद में सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया. वर्ष 1971 के मुक्ति संग्राम में भाग लेने वालों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान इस विवादास्पद आरक्षण व्यवस्था के तहत किया गया था.
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