balaghat-news:-पूर्व-विधायक-समरीते-ने-किया-आत्मसमर्पण,-सजा-के-खिलाफ-सर्वोच्च-न्यायालय-ने-खारिज-की-थी-अपील
कोर्ट फैसला - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us बालाघाट में लांजी क्षेत्र के पूर्व विधायक किशोर समरीते की सजा के खिलाफ दायर अपील सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी। उसके बाद पूर्व विधायक ने सोमवार को जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। न्यायालय ने उन्हें जेल भेजने के आदेश जारी किए। गौरतलब है कि साल 2004 में पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा अपने 15 से 20 साथियों के साथ मिलकर एसडीएम कार्यालय लांजी में पहुंच वहां पर मौजूद अधिकारियों से मारपीट कर, सरकारी सामान को तोड़फोड़ की गई थी। इसी दौरान शासकीय वाहन को भी तोड़फोड़ कर क्षति पहुंचाई गई थी। इस मामले में लांजी पुलिस द्वारा किशोर समरीते सहित अन्य पर मामला कायम कर चालान डायरी न्यायालय में पेश की गई थी। इस पर विशेष न्यायालय एस्ट्रो सिटी एक्ट के द्वारा 22 दिसंबर 2009 को आरोपी किशोर समरीते व अन्य छह को विभिन्न धाराओं का दोषी पाते हुए दंडित किया गया था। इस सजा के विरुद्ध पूर्व विधायक समरीते द्वारा उच्च न्यायालय में अपील की गई थी। उच्च न्यायालय द्वारा एससी/एसटी की धारा को हटाकर शेष अन्य धाराओं में सजा यथावत रखा गया। इस फैसले के विरुद्ध पूर्व विधायक समरीते द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किशोर समरीते की अपील 28 मई 2024 को खारिज करते हुए चार सप्ताह के भीतर न्यायालय में आत्मसमर्पण के आदेश जारी किए थे। इस आदेश के पालन में 24 जून को समरीते ने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। न्यायालय द्वारा उन्हें जेल भेज दिया है।

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बालाघाट में लांजी क्षेत्र के पूर्व विधायक किशोर समरीते की सजा के खिलाफ दायर अपील सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी। उसके बाद पूर्व विधायक ने सोमवार को जिला न्यायालय में आत्मसमर्पण किया। न्यायालय ने उन्हें जेल भेजने के आदेश जारी किए।

गौरतलब है कि साल 2004 में पूर्व विधायक किशोर समरीते द्वारा अपने 15 से 20 साथियों के साथ मिलकर एसडीएम कार्यालय लांजी में पहुंच वहां पर मौजूद अधिकारियों से मारपीट कर, सरकारी सामान को तोड़फोड़ की गई थी। इसी दौरान शासकीय वाहन को भी तोड़फोड़ कर क्षति पहुंचाई गई थी। इस मामले में लांजी पुलिस द्वारा किशोर समरीते सहित अन्य पर मामला कायम कर चालान डायरी न्यायालय में पेश की गई थी। इस पर विशेष न्यायालय एस्ट्रो सिटी एक्ट के द्वारा 22 दिसंबर 2009 को आरोपी किशोर समरीते व अन्य छह को विभिन्न धाराओं का दोषी पाते हुए दंडित किया गया था।

इस सजा के विरुद्ध पूर्व विधायक समरीते द्वारा उच्च न्यायालय में अपील की गई थी। उच्च न्यायालय द्वारा एससी/एसटी की धारा को हटाकर शेष अन्य धाराओं में सजा यथावत रखा गया। इस फैसले के विरुद्ध पूर्व विधायक समरीते द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किशोर समरीते की अपील 28 मई 2024 को खारिज करते हुए चार सप्ताह के भीतर न्यायालय में आत्मसमर्पण के आदेश जारी किए थे। इस आदेश के पालन में 24 जून को समरीते ने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। न्यायालय द्वारा उन्हें जेल भेज दिया है।

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