जन संवाद कार्यक्रम आयोजित – फोटो : अमर उजाला
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नए आपराधिक कानून को लेकर अशोकनगर पुलिस प्रशासन के द्वारा जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जो रेलवे स्टेशन रोड एसआर गार्डन में नगर के सभी गणमान्य नागरिक एवं जनप्रतिनिधि शामिल हुए। इसकी अध्यक्षता पूर्व राज्य मंत्री एवं विधायक बृजेंद्र सिंह यादव किए, जिसमें मुंगावली थाना प्रभारी गब्बर सिंह गुर्जर के द्वारा नए कानून को लेकर सभी लोगों को जानकारी दी गई। इस दौरान थाना प्रभारी ने बताया कि नए कानून के तहत अब आईपीसी (इंडियन पीनल कोर्ट) की जगह बीएनएस (भारत न्याय संहिता) कर दिया गया है, जिसमें विभिन्न सभी धाराओं में जो बदलाव हुआ, उसके बारे में जानकारी दी गई।
एसडीओपी सनम बी खान ने बताया कि जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए नए कानून में बदलाव भी किए गए हैं। इसमें महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों में पीड़ितों की समस्या को केंद्र में रखकर अपराधियों के लिए कड़ी सजा पर ध्यान दिया गया है। कहीं पर भी घटना होने पर स्थिति बस कहीं पर भी फिर की सुविधा तथा ई-आफआईआर का प्रावधान के तहत अब प्राथमिकी दर्ज कर तीन दिनों के अंदर थाने में आकर अपना बयान दर्ज कर सकते हैं।
भारत सरकार के निर्देशानुसार, एक जुलाई 2024 से नवीन आपराधिक कानून 2023 लागू हो रही है। इसके सफल क्रियान्वित हेतु पुलिस के साथ राजस्व के सभी अधिकारी द्वारा शहर की एसआर गार्डन में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें गणमान्य नागरिकों के साथ स्कूली छात्र शामिल हुए। पुलिस के द्वारा बताया गया कि पूरी तरह से प्रशिक्षित होकर कार्रवाई करें तथा आमजन भी इस संबंध में जागरूक रहें। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समस्त अधिकारियों को प्रशिक्षण कार्यशाला व आम जनता में भी इसका प्रचार-प्रसार हेतु कार्रवाई के दिशा-निर्देश दिए गए हैं। निर्देशों में वरिष्ठ अधिकारियों की मार्गदर्शन में विगत दिनों से लगातार पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों को नए आपराधिक कानून की प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जा रही है। साथ ही आम नागरिकों के बीच जाकर भी नए कानून के विभिन्न प्रावधान व सुविधाओं के बारे में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। छात्राओं को नवीन अपराधी कानून के विभिन्न प्रावधानों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी जा रही है।
पुलिस जनसंवाद कार्यक्रम में मुंगावली विधायक हुए आध्यात्मिक
मंच से बताते हुए बृजेंद्र सिंह यादव विधायक के द्वारा कहा गया कि मैं जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरे पास बहुत से ऐसे कैसे आते हैं, जिनके बारे में मैं उनसे कहता हूं कि भैया अपने गांव में हर महीना भागवत कथा होती रहती है। राम कथा हो रही है, सुनने जाते हो। उसमें स्पष्ट बताया जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने गीता के उपदेश में कहा है कि क्यों रोता है क्या लेकर आया है, क्या लेकर जाएगा जो कुछ मिला है। यही मिला यही छोड़कर चला जाएगा।
धाराओं को समझने में टाइम लगेगा
इस समय की पढ़ने वाली युवा बच्चों जो की इनको पुरानी धाराओं का ज्ञान नहीं है। इनको नई धाराओं का ज्ञान बहुत जल्दी हो जाएगा। क्योंकि पुरानी धारा के तहत नई धाराओं का उनको याद करना अच्छी तरह से बिना परेशानी के होगा। नए नियम नए कानून नई धाराएं को जरूर थोड़ा समझने में समय लगेगा, जिसमें भारतीय संसद ने तीन ऐतिहासिक कानून को जिसमें भारतीय दंड संहिता 1807 दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 को जिसमें भारतीय न्याय संहिता जो पहले दंड संहिता थी, अब उसको न्याय संहिता बनाया है।
2023 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 से प्रस्तावित करके आपराधिक न्याय प्रणाली में परिवर्तित करने का कदम उठाया। भारतीय मूल पर आधारित यह नए कानून से अब न्यायपूर्ण बदलाव का संकेत देते हैं, जो अभी हम अभी तक हम जिसको दंड प्रक्रिया कहते थे, उसको अब न्याय प्रक्रिया में परिवर्तित हो जाएगी। यह अंग्रेजों के समय उन्होंने अपना लिए देखते हुए यह दंड प्रक्रिया बनाई गई थी और धाराएं बनाई थी। इनमें भारतीयों से परामर्श नहीं किया गया था।
यह विधेयक आजादी के अमृत महोत्सव भी परिणीति को चिन्हित करते हैं और अमृत काल की शुरुआत करते हैं। जो वास्तव में भारत के स्वतंत्र भारत का प्रतीक है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के दिशा-निर्देश पर संशोधित प्रकिया प्रारंभ की गई थी, जिसमें 2019 से प्रारंभ करके विभिन्न विभागों के साथ व्यापक परामर्श शामिल करके और न्याय पालिका के सदस्य कानून विश्वविद्यालय राज्य के अधिकारियों और आम नागरिक शामिल थे। यह जो प्रक्रिया बनाई गई। इसमें सभी लोगों से परामर्श किया गया है और उसको बनाने में 2019 से यह प्रक्रिया को प्रारंभ किया गया था और 2023 में बनकर तैयार हुई थी।
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