anuppur-news:-जंगली-हाथी-नहीं-समस्या-तो-दो-विभागों-की-लड़ाई-को-लेकर,-केंद्र-सरकार-को-हुई-शिकायत
अनूपपुर में जंगली हाथी - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us अनूपपुर जिले में बीते कई वर्ष से हाथी लगातार विचरण कर रहे हैं। इस समय भी दो हाथी जिले के वन क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। इसे लेकर कर्नाटक के एक्सपर्ट तथा पश्चिम बंगाल के हल्ला बोल पार्टी को भी हाथियों को भगाने और रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन ने बुलाया है। इसे लेकर रायपुर के वन्य जीव प्रेमी नितिन संघवी ने भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में व्याघ्र एवं हाथी परियोजना प्रभाग में दर्ज कराई है। शिकायत में लगाए यह आरोप संघवी ने शिकायत में आरोप लगाया कि वन विभाग और अनूपपुर जिला प्रशासन हाथियों के स्वतंत्र विचरण को रोक रहा है। इस वजह से हाथियों में गुस्सैल प्रवृत्ति बढ़ रही है। यह हाथी औऱ मानव द्वंद नहीं है। यह दो विभागों की लड़ाई है। प्रशासन वन विभाग पर जबरन हाथियों को जिले की सीमा से खदेड़ने का दबाव बना रहा है। यह वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध है। इसे लेकर की गई शिकायत के बाद विभाग ने इस पर कार्यवाही के आदेश जारी किए हैं। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम दिलाया याद  शिकायत पर सक्रियता दिखाते हुए भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक को कार्यवाही करने का पत्र लिखा है। इस मामले में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्यवाही करते हुए विभाग को सूचित करने के निर्देश दिए हैं। अनूपपुर वन मंडल अधिकारी श्रद्धा पेंड्रे ने बताया कि अभी आदेश की जानकारी उन्हें नहीं है। अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने कहा कि हाथियों को खदेड़ने के संबंध में कोई कार्यवाही अनूपपुर में नहीं हो रही है। हम यह प्रयास कर रहे हैं कि जान-माल की रक्षा कर सके। इसके लिए ड्रोन कैमरे से निगरानी के साथ ही हाथियों के आबादी क्षेत्र में विचरण को रोकने के प्रयास कर रहे हैं। जिन जंगली झाड़ियो में हाथी छिप रहे हैं, उन्हें भी हटाया जाएगा।  

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अनूपपुर में जंगली हाथी – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

अनूपपुर जिले में बीते कई वर्ष से हाथी लगातार विचरण कर रहे हैं। इस समय भी दो हाथी जिले के वन क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। इसे लेकर कर्नाटक के एक्सपर्ट तथा पश्चिम बंगाल के हल्ला बोल पार्टी को भी हाथियों को भगाने और रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन ने बुलाया है। इसे लेकर रायपुर के वन्य जीव प्रेमी नितिन संघवी ने भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में व्याघ्र एवं हाथी परियोजना प्रभाग में दर्ज कराई है।

शिकायत में लगाए यह आरोप
संघवी ने शिकायत में आरोप लगाया कि वन विभाग और अनूपपुर जिला प्रशासन हाथियों के स्वतंत्र विचरण को रोक रहा है। इस वजह से हाथियों में गुस्सैल प्रवृत्ति बढ़ रही है। यह हाथी औऱ मानव द्वंद नहीं है। यह दो विभागों की लड़ाई है। प्रशासन वन विभाग पर जबरन हाथियों को जिले की सीमा से खदेड़ने का दबाव बना रहा है। यह वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध है। इसे लेकर की गई शिकायत के बाद विभाग ने इस पर कार्यवाही के आदेश जारी किए हैं।

वन्य जीव संरक्षण अधिनियम दिलाया याद 
शिकायत पर सक्रियता दिखाते हुए भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक को कार्यवाही करने का पत्र लिखा है। इस मामले में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्यवाही करते हुए विभाग को सूचित करने के निर्देश दिए हैं। अनूपपुर वन मंडल अधिकारी श्रद्धा पेंड्रे ने बताया कि अभी आदेश की जानकारी उन्हें नहीं है। अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने कहा कि हाथियों को खदेड़ने के संबंध में कोई कार्यवाही अनूपपुर में नहीं हो रही है। हम यह प्रयास कर रहे हैं कि जान-माल की रक्षा कर सके। इसके लिए ड्रोन कैमरे से निगरानी के साथ ही हाथियों के आबादी क्षेत्र में विचरण को रोकने के प्रयास कर रहे हैं। जिन जंगली झाड़ियो में हाथी छिप रहे हैं, उन्हें भी हटाया जाएगा।  

Posted in MP