amit-shah-on-rahul-gandhi:-राहुल-गांधी-से-अमित-शाह-के-10-सवाल
Amit Shah on Rahul Gandhi: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से राजनीतिक दलों ने चुनाव के लिए कमर कस ली है. इस बीच कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन की बात भी सामने आ रही है. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया है. अमित शाह ने कांग्रेस और राहुल गांधी से 10 सवाल पूछे हैं. अमित शाह ने कांग्रेस से साफ करने को कहा है कि क्या वह अनुच्छेद 370 बहाल करने के अब्दुल्ला परिवार के चुनावी वादे का समर्थन करती है. अमित शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर एक लंबे पोस्ट में आरोप लगाया कि सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में अब्दुल्ला परिवार की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके फिर से अपने मंसूबों को देश के सामने रखा है. शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों का जिक्र करते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी से 10 सवाल पूछे. क्या कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू-कश्मीर में फिर से अलग झंडे के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय का समर्थन करती है? नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. अमित शाह ने पूछा कि क्या कांग्रेस, कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है? शाह ने पाकिस्तान के साथ व्यापार शुरू करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय पर भी कांग्रेस से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा. अमित शाह ने पूछा है कि क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को लाने का समर्थन करती है. शाह ने यह भी पूछा है कि क्या कांग्रेस चाहती है कि शंकराचार्य पर्वत तख़्त-ए-सुलिमान और हरि पर्वत कोह-ए-मारन के नाम से जाने जाएं? शाह ने यह सवाल भी किया कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर पाकिस्तान समर्थित गिने चुने परिवारों के हाथों में सौपने का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस पार्टी नेशनल कांफ्रेस के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है. अमित शाह ने कश्मीर को स्वायत्तता देने की नेशनल कॉन्फ्रेंस की विभाजनकारी सोच और नीतियों पर भी कांग्रेस से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा. बता दें, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को ऐलान किया था कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सभी 90 सीट पर कांग्रेस के साथ गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से अब्दुल्ला के आवास पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व के साथ बैठक किए जाने के बाद यह घोषणा की गई है. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस गठबंधन से कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा भी सामने आया है, क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त करने का वादा किया है. भाषा इनपुट से साभार Also Read: PM Modi Ukraine Visit: गले मिलकर स्वागत, जेलेंस्की के कंधे पर पीएम मोदी ने रखा हाथ, सामने आयी मुलाकात की तस्वीर संजय रॉय को लेकर कोर्ट पहुंची सीबीआई, हो सकता है पॉलीग्राफी टेस्ट, देखें वीडियो

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Amit Shah on Rahul Gandhi: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से राजनीतिक दलों ने चुनाव के लिए कमर कस ली है. इस बीच कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन की बात भी सामने आ रही है. इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया है. अमित शाह ने कांग्रेस और राहुल गांधी से 10 सवाल पूछे हैं. अमित शाह ने कांग्रेस से साफ करने को कहा है कि क्या वह अनुच्छेद 370 बहाल करने के अब्दुल्ला परिवार के चुनावी वादे का समर्थन करती है. अमित शाह ने सोशल मीडिया एक्स पर एक लंबे पोस्ट में आरोप लगाया कि सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में अब्दुल्ला परिवार की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके फिर से अपने मंसूबों को देश के सामने रखा है.

शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों का जिक्र करते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी से 10 सवाल पूछे.

क्या कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू-कश्मीर में फिर से अलग झंडे के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय का समर्थन करती है? नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था. अमित शाह ने पूछा कि क्या कांग्रेस, कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है? शाह ने पाकिस्तान के साथ व्यापार शुरू करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय पर भी कांग्रेस से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा. अमित शाह ने पूछा है कि क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को लाने का समर्थन करती है. शाह ने यह भी पूछा है कि क्या कांग्रेस चाहती है कि शंकराचार्य पर्वत तख़्त-ए-सुलिमान और हरि पर्वत कोह-ए-मारन के नाम से जाने जाएं? शाह ने यह सवाल भी किया कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर पाकिस्तान समर्थित गिने चुने परिवारों के हाथों में सौपने का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस पार्टी नेशनल कांफ्रेस के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है. अमित शाह ने कश्मीर को स्वायत्तता देने की नेशनल कॉन्फ्रेंस की विभाजनकारी सोच और नीतियों पर भी कांग्रेस से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा. बता दें, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को ऐलान किया था कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सभी 90 सीट पर कांग्रेस के साथ गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से अब्दुल्ला के आवास पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व के साथ बैठक किए जाने के बाद यह घोषणा की गई है. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस गठबंधन से कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा भी सामने आया है, क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त करने का वादा किया है. भाषा इनपुट से साभार

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