Amit Shah: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को तीन आपराधिक कानूनों की जमकर तारीफ की. शाह ने कहा कि इन कानूनों में सजा का कोई प्रावधान नहीं है, इनका उद्देश्य न्याय देना है. अमित शाह ने आज (4 अगस्त) को चंडीगढ़ में ई-साक्ष्य, न्याय सेतु , न्याय श्रुति और ई-समन सिस्टम के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे. अमित शाह ने तीन कानून की सराहना करते हुए कहा कि पीएम मोदी सरकार बीते 10 साल के शासनकाल में जो भी सुधार हुए हैं उसमें कोई सुधार सबसे बड़ा है तो वह तीन आपराधिक कानूनों को लागू करना होगा.
भारतीय संसद की ओर से बनाए गए भारतीय कानून- अमित शाह
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में कहा कि किसी देश को आजाद कैसे माना जा सकता है जब उसकी आपराधिक न्याय प्रणाली दूसरे देश की संसद की ओर से पारित की गई हो. वो भी तब जब वो देश गुलाम हो. भारत के साथ भी ऐसा ही था. शाह ने कहा कि इसलिए मैं गर्व से कह सकता हूं कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ये तीनों देश के लोगों के चुने हुए प्रतिनिधियों की ओर से बनाए गए हैं. ये भारतीय संसद में बनाए गए भारतीय कानून हैं.
#WATCH | Chandigarh: At the inauguration of e-evidence, Nyay Setu, Nyay Shruti and e-Summon Systems, Union Home Minister Amit Shah says, “How can a nation be considered independent if its criminal justice system is the one which was passed by another country’s Parliament when it… pic.twitter.com/8IIhBZWLxA
— ANI (@ANI) August 4, 2024 अमित शाह ने कहा कि इन कानूनों के पूर्ण रूप से लागू होने के बाद भारत में पूरी दुनिया में सबसे आधुनिक और तकनीक से लैस आपराधिक न्याय प्रणाली होगी. इसके लिए गृह मंत्रालय विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण और कौशल निर्माण की व्यवस्था कर रहा है. शाह ने का कि बीएनएस , बीएनएसएस और बीएसए ये तीनों हमारे लोगों के चुने हुए प्रतिनिधियों की ओर से बनाए गए कानून हैं. इन कानूनों में सजा का कोई प्रावधान नहीं है. इसका उद्देश्य न्याय देना है.
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