दमोह का कोतवाली थाना – फोटो : अमर उजाला
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दमोह में एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया है। ग्रामीण डाक सेवक जब अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने पहुंचा तो ग्रामीणों ने उसे ठग समझ लिया और थाने पहुंचा दिया। मध्य प्रदेश से दिल्ली तक के अधिकारियों से जानकारी जुटाने के बाद ही पुलिस ने उसे छोड़ा।
हरियाणा का एक युवक गांव के नाम पर भ्रमित था। उसकी नियुक्ति मध्यप्रदेश के दमोह जिले के हटा ब्लॉक के कुंवरपुरा गांव नाम के डाक घर में हुई थी, लेकिन वह ज्वाइनिंग लेने जिला मुख्यालय पर दमोह-पथरिया मार्ग से लगे कुंवरपुर खैजरा गांव पहुंच गया। वहां पर कोई डाक घर ही नहीं था। युवक ने वहां पूछताछ की तो ग्रामीणों को संदेह हो गया कि यह कोई फर्जीवाड़ा करने आया है। उन्होंने इसकी सूचना सरपंच संघ के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व सरपंच सोमेश गुप्ता को दी। उन्होंने ग्रामीणों के साथ सहयोग से उक्त युवक को कोतवाली पहुंचा दिया। वहां युवक से पूछताछ की गई। रात करीब 11 बजे डाकघर के दिल्ली और भोपाल के अधिकारियों से पुलिस की बात हुई और नियुक्ति पत्र की जांच की गई तो पता चला कि हरियाणा के महेंद्रगढ़ ग्राम झारली निवासी हेमंत पिता नंदकिशोर की नियुक्ति शाखा कुंवरपुरा उप-डाकघर हटा में बीपीएम ग्रामीण डाक सेवा के प्रमुख के रूप में हुई है। दस्तावेज देखने के बाद युवक को पुलिस ने छोड़ा। एसआई श्याम बेन ने बताया की ग्रामीण एक युवक को संदेह के आधार पर कोतवाली लाए थे। जांच के बाद युवक को छोड़ दिया गया है।
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