aiims-news:-एम्स-में-जल्द-शुरू-होगा-हार्ट-एंड-लिवर-ट्रांसप्लांट,-एम्स-के-डायरेक्टर-ने-बताई-2-साल-की-उपलब्धि
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Mon, 05 Aug 2024 06: 57 PM IST  एम्स भोपाल अब लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा देने वाला मप्र का पहला सरकारी अस्पताल बनने जा रहा है। यहां किडनी के बाद अब लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा भी मरीजों को मिल सकेगी, इसलिए पूरी तैयारी हो चुकी है। एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. अजय सिंह - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में लगातार विस्तार किया जा रहा है जल्द ही यहां हार्ट एवं लिवर ट्रांसप्लांट शुरू किया जाएगा। इसे लेकर लगभग तैयारी पूरी हो गई है। यह जानकारी भोपाल एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. अजय सिंह ने दी उन्होंने इस दौरान बताया कि 2 साल में उन्होंने क्या-क्या उपलब्धि हासिल की। अजय सिंह ने पिछले दो सालों की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि हमने टीचर, ट्रेनिंग और पेशेंट केयर पर अपना ध्यान केद्रित किया हुआ है। नर्सिंग की सभी विधाओं में स्टूडेंट्स की संख्याओं में बढ़त हुई है। संस्थान के द्वारा कई इंटरनशिप प्रोग्राम चलाये गए है। साथ ही तीन नए डिपार्टमेंट शुरू की गई है। जिसमे सेंटर ऑफ हैप्पीनेस, सेंटर और रेयर डिसीज और सिकल सेल एनीमिया के लिए काम किया जा रहा है।  डिजिटल मेडिकल थियेटर के माध्यम से 50 मेडिकल कॉलेज से सीधे जुड़े एम्स डायरेक्टर अजय सिंह ने बताया कि संस्थान द्वारा 34 नई फेलोशिप, पेरामेडिक्स के नए कोर्स, यूजी स्टूडेंट्स के लिए रिसर्च प्रोग्राम, सेंट्रल लाइब्रेरी में ई बुक्स, जनरल्स की व्यवस्था शुरू की गई है। ऑनलाइन लाइब्रेरी की सुविधा मुहैया कराई गई है। इसके लिए 3 करोड़ का बजट तैयार किया गया। मेडिकल एजुकेशन को बेहतर बनाने के लिए कम्युनिकेशन और फाउंडेसन कोर्स शुरू किया गया है। वहीं डिजिटल मेडिकल थियेटर के माध्यम से 50 मेडिकल कॉलेज से सीधे जुड़े है। एम्स भोपाल की वेबसाइट पर 120 लेक्चर्स उपलब्ध कराए गए है। आपको बता दें कि  714 स्टूडेंट्स ने वेलनेस सेंटर की सुविधा का लाभ लिया है।  आयुष्मान लाभार्थियों में 250 फीसदी का इजाफा डॉ अजय सिंह ने बताया कि पेशेंट केयर की दिशा में क्युलेस रजिस्ट्रेशन की सुविधा, वेबसाइट और ऐप से रजिस्ट्रेशन की सुविधा, आभा आईडी लिंक की सुविधा दी गई है। मरीजों के मेडिकल रेकॉर्ड डाटा ऑनलाइन एकत्रित किया गया। 10 लाख से अधिक ओपीडी में हाइक देखा गया।  1260 फिजिकल बेड्स और 200 बेड्स वर्चुअली उपलब्ध  86 फीसदी अधिक पेशेंट्स की इमेजिंग हुई अब हम कर पा रहे हैं। अब बिना ट्रीटमेंट किसी को दूसरी जगह रेफर नहीं किया जाता। ट्रामा की फुटफॉल 110 फीसदी बढ़ी है। आयुष्मान लाभार्थियों में 250 फीसदी का इजाफा हुआ है। रनर की सुविधा उपलब्ध कराई गई जिससे मरीजों को जांच और दवाइयों के लिए भटकना नहीं पड़ता। रोजाना  किडनी, बोर्न मेरो ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक की जा रही है। आयुष्मान भारत के तहत 5 विधाओं में ट्रीटमेंट हो रहा। अब जल्द ही हार्ट और लंग्स क्लिनिक की शुरुआत होगी।  ट्रांसजेंडर, इन्फर्टिलिटी क्लिनिक की शुरुआत डॉ अजय सिंह ने बताया कि ट्रांसजेंडर, इन्फर्टिलिटी क्लिनिक रेगुलर चल रहे हैं। पेशेंट्स की कंप्लेंट्स को 2 से 3 घन्टे में सॉल्व कर लिया जा रहा हैं। 60 करोड़ से ज्यादा के दो रोबोट्स को जल्द यह लाया जायेगा और  इनकी मदद से सर्जरी होंगीं। रोबोट कॉम्पलेक्स बीमारियों की समस्याओं के लिए मददगार साबित होगा। एम्स के प्रति मरीजों, जनता का रुझान पॉजिटिव हुआ है। एम्स भोपाल में साढ़े 5 हजार मरीज रोजाना देखे जा रहे हैं। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Mon, 05 Aug 2024 06: 57 PM IST

 एम्स भोपाल अब लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा देने वाला मप्र का पहला सरकारी अस्पताल बनने जा रहा है। यहां किडनी के बाद अब लिवर ट्रांसप्लांट की सुविधा भी मरीजों को मिल सकेगी, इसलिए पूरी तैयारी हो चुकी है। एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. अजय सिंह – फोटो : अमर उजाला

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राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में लगातार विस्तार किया जा रहा है जल्द ही यहां हार्ट एवं लिवर ट्रांसप्लांट शुरू किया जाएगा। इसे लेकर लगभग तैयारी पूरी हो गई है। यह जानकारी भोपाल एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. अजय सिंह ने दी उन्होंने इस दौरान बताया कि 2 साल में उन्होंने क्या-क्या उपलब्धि हासिल की। अजय सिंह ने पिछले दो सालों की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि हमने टीचर, ट्रेनिंग और पेशेंट केयर पर अपना ध्यान केद्रित किया हुआ है। नर्सिंग की सभी विधाओं में स्टूडेंट्स की संख्याओं में बढ़त हुई है। संस्थान के द्वारा कई इंटरनशिप प्रोग्राम चलाये गए है। साथ ही तीन नए डिपार्टमेंट शुरू की गई है। जिसमे सेंटर ऑफ हैप्पीनेस, सेंटर और रेयर डिसीज और सिकल सेल एनीमिया के लिए काम किया जा रहा है। 

डिजिटल मेडिकल थियेटर के माध्यम से 50 मेडिकल कॉलेज से सीधे जुड़े
एम्स डायरेक्टर अजय सिंह ने बताया कि संस्थान द्वारा 34 नई फेलोशिप, पेरामेडिक्स के नए कोर्स, यूजी स्टूडेंट्स के लिए रिसर्च प्रोग्राम, सेंट्रल लाइब्रेरी में ई बुक्स, जनरल्स की व्यवस्था शुरू की गई है। ऑनलाइन लाइब्रेरी की सुविधा मुहैया कराई गई है। इसके लिए 3 करोड़ का बजट तैयार किया गया। मेडिकल एजुकेशन को बेहतर बनाने के लिए कम्युनिकेशन और फाउंडेसन कोर्स शुरू किया गया है। वहीं डिजिटल मेडिकल थियेटर के माध्यम से 50 मेडिकल कॉलेज से सीधे जुड़े है। एम्स भोपाल की वेबसाइट पर 120 लेक्चर्स उपलब्ध कराए गए है। आपको बता दें कि  714 स्टूडेंट्स ने वेलनेस सेंटर की सुविधा का लाभ लिया है। 

आयुष्मान लाभार्थियों में 250 फीसदी का इजाफा
डॉ अजय सिंह ने बताया कि पेशेंट केयर की दिशा में क्युलेस रजिस्ट्रेशन की सुविधा, वेबसाइट और ऐप से रजिस्ट्रेशन की सुविधा, आभा आईडी लिंक की सुविधा दी गई है। मरीजों के मेडिकल रेकॉर्ड डाटा ऑनलाइन एकत्रित किया गया। 10 लाख से अधिक ओपीडी में हाइक देखा गया।  1260 फिजिकल बेड्स और 200 बेड्स वर्चुअली उपलब्ध  86 फीसदी अधिक पेशेंट्स की इमेजिंग हुई अब हम कर पा रहे हैं। अब बिना ट्रीटमेंट किसी को दूसरी जगह रेफर नहीं किया जाता। ट्रामा की फुटफॉल 110 फीसदी बढ़ी है। आयुष्मान लाभार्थियों में 250 फीसदी का इजाफा हुआ है। रनर की सुविधा उपलब्ध कराई गई जिससे मरीजों को जांच और दवाइयों के लिए भटकना नहीं पड़ता। रोजाना  किडनी, बोर्न मेरो ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक की जा रही है। आयुष्मान भारत के तहत 5 विधाओं में ट्रीटमेंट हो रहा। अब जल्द ही हार्ट और लंग्स क्लिनिक की शुरुआत होगी। 

ट्रांसजेंडर, इन्फर्टिलिटी क्लिनिक की शुरुआत
डॉ अजय सिंह ने बताया कि ट्रांसजेंडर, इन्फर्टिलिटी क्लिनिक रेगुलर चल रहे हैं। पेशेंट्स की कंप्लेंट्स को 2 से 3 घन्टे में सॉल्व कर लिया जा रहा हैं। 60 करोड़ से ज्यादा के दो रोबोट्स को जल्द यह लाया जायेगा और  इनकी मदद से सर्जरी होंगीं। रोबोट कॉम्पलेक्स बीमारियों की समस्याओं के लिए मददगार साबित होगा। एम्स के प्रति मरीजों, जनता का रुझान पॉजिटिव हुआ है। एम्स भोपाल में साढ़े 5 हजार मरीज रोजाना देखे जा रहे हैं।

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