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एम्स का सिस्टोस्कोपी कक्ष - फोटो : अमर उजाला विस्तार वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें राजधानी स्थित एम्स में लगातार सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। जहां एक तरफ एम्स में नई टेक्नोलॉजी और मशीनों को स्थापित किया जा रहा है वहीं अस्पताल में मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है, इस वजह से सर्जरी कराने वाले मरीजों को काफी समय इंतजार करना पड़ता है। यहां तक की छोटे ऑपरेशन के लिए भी लोगों को एक महीने तक का इंतजार करना पड़ जाता है इस समस्या को देखते हुए एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने अस्पताल में छोटे ऑपरेशनों के लिए सिस्टोस्कोपी कक्ष की शुरुआत की है जिसमें यूरिन से संबंधित छोटे सभी ऑपरेशन किया जा सकेंगे। सिस्टोस्कोपी कक्ष में रोज 10 से 12 ऑपरेशन होंगे। साथ ही मरीज को इलाज के बाद उसी दिन डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। Trending Videos 10 प्रकार के छोटे ऑपरेशन में इंतजार खत्म एम्स में यूरिनल थैली के ट्यूमर, स्टोन जैसे दस छोटे आपरेशन के लिए दो माह तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इन आपरेशन के लिए जहां निजी अस्पतालों में 50 हजार रुपये तक का खर्चा आता है, वहीं अब एम्स भोपाल में यह आपरेशन मात्र 500 रुपये में हो सकेंगे। इस कक्ष में ऐसे रोजाना 10 से 12 छोटे आपरेशन होंगे, जिनके लिए अब तक आपरेशन थिएटर की जरूरत पड़ती थी। यही नहीं मरीज को इन छोटे आपरेशन वाले दिन ही डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही यहां यूरिनल थैली के ट्यूमर व स्टोन निकाले जा सकेंगे। कक्ष में ही जांच की भी सुविधा  सिस्टोस्कोपी कक्ष में मूत्र मार्ग के कैंसर की जांच भी हो सकेगी। मूत्र मार्ग में ब्लीडिंग की समस्या को भी रोका जा सकेगा। कक्ष में प्रोस्टेट आपरेशन से पहले की जांच समेत यूरोलाजी विभाग से जुड़े अन्य छोटे आपरेशन हो सकेंगे। किडनी से पथरी निकालने के बाद मूत्र नलिका में डीजे स्टेंट लगाया जाता है, जिससे किसी तरह की रुकावट न आए। इसे सर्जरी के 14 से 21 दिन में निकालना होता है। यह भी इस कक्ष में हो सकेगा। आपरेशन डे-केयर के अनुसार किए जाएंगे एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ.अजय सिंह ने बताया कि सिस्टोस्कोपी कक्ष से भविष्य में और अधिक मरीजों के छोटे आपरेशन किए जा सकेंगे। इसके लिए लोगों को लंबा इंतजार नहीं करना होगा। यह सभी आपरेशन डे-केयर के अनुसार किए जाएंगे। यूरोलाजी विभाग के एचओडी डा. देवाशीष कौशल ने बताया कि विभाग के इन सभी छोटे आपरेशन के लिए निजी अस्पतालों में लगभग 50 हजार तक का खर्च आता है। वहीं यह सुविधा एम्स भोपाल में सिर्फ 500 रुपये में मिलेगी। वहीं बीपीएल और आयुष्मान मरीजों के लिए नि:शुल्क रहेगी। यहां सभी मरीजों को सुबह डे केयर में भर्ती किया जाता है। सर्जरी के बाद उसी दिन शाम को डिस्चार्ज कर दिया जाता है। पिछले एक वर्ष में अस्पताल में दो हजार के करीब आपरेशन हुए। अब तीन हजार से ज्यादा हो सकेंगे।

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एम्स का सिस्टोस्कोपी कक्ष – फोटो : अमर उजाला

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राजधानी स्थित एम्स में लगातार सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। जहां एक तरफ एम्स में नई टेक्नोलॉजी और मशीनों को स्थापित किया जा रहा है वहीं अस्पताल में मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है, इस वजह से सर्जरी कराने वाले मरीजों को काफी समय इंतजार करना पड़ता है। यहां तक की छोटे ऑपरेशन के लिए भी लोगों को एक महीने तक का इंतजार करना पड़ जाता है इस समस्या को देखते हुए एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने अस्पताल में छोटे ऑपरेशनों के लिए सिस्टोस्कोपी कक्ष की शुरुआत की है जिसमें यूरिन से संबंधित छोटे सभी ऑपरेशन किया जा सकेंगे। सिस्टोस्कोपी कक्ष में रोज 10 से 12 ऑपरेशन होंगे। साथ ही मरीज को इलाज के बाद उसी दिन डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

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10 प्रकार के छोटे ऑपरेशन में इंतजार खत्म
एम्स में यूरिनल थैली के ट्यूमर, स्टोन जैसे दस छोटे आपरेशन के लिए दो माह तक का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इन आपरेशन के लिए जहां निजी अस्पतालों में 50 हजार रुपये तक का खर्चा आता है, वहीं अब एम्स भोपाल में यह आपरेशन मात्र 500 रुपये में हो सकेंगे। इस कक्ष में ऐसे रोजाना 10 से 12 छोटे आपरेशन होंगे, जिनके लिए अब तक आपरेशन थिएटर की जरूरत पड़ती थी। यही नहीं मरीज को इन छोटे आपरेशन वाले दिन ही डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा। इसके साथ ही यहां यूरिनल थैली के ट्यूमर व स्टोन निकाले जा सकेंगे।

कक्ष में ही जांच की भी सुविधा
 सिस्टोस्कोपी कक्ष में मूत्र मार्ग के कैंसर की जांच भी हो सकेगी। मूत्र मार्ग में ब्लीडिंग की समस्या को भी रोका जा सकेगा। कक्ष में प्रोस्टेट आपरेशन से पहले की जांच समेत यूरोलाजी विभाग से जुड़े अन्य छोटे आपरेशन हो सकेंगे। किडनी से पथरी निकालने के बाद मूत्र नलिका में डीजे स्टेंट लगाया जाता है, जिससे किसी तरह की रुकावट न आए। इसे सर्जरी के 14 से 21 दिन में निकालना होता है। यह भी इस कक्ष में हो सकेगा।

आपरेशन डे-केयर के अनुसार किए जाएंगे
एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ.अजय सिंह ने बताया कि सिस्टोस्कोपी कक्ष से भविष्य में और अधिक मरीजों के छोटे आपरेशन किए जा सकेंगे। इसके लिए लोगों को लंबा इंतजार नहीं करना होगा। यह सभी आपरेशन डे-केयर के अनुसार किए जाएंगे। यूरोलाजी विभाग के एचओडी डा. देवाशीष कौशल ने बताया कि विभाग के इन सभी छोटे आपरेशन के लिए निजी अस्पतालों में लगभग 50 हजार तक का खर्च आता है। वहीं यह सुविधा एम्स भोपाल में सिर्फ 500 रुपये में मिलेगी। वहीं बीपीएल और आयुष्मान मरीजों के लिए नि:शुल्क रहेगी। यहां सभी मरीजों को सुबह डे केयर में भर्ती किया जाता है। सर्जरी के बाद उसी दिन शाम को डिस्चार्ज कर दिया जाता है। पिछले एक वर्ष में अस्पताल में दो हजार के करीब आपरेशन हुए। अब तीन हजार से ज्यादा हो सकेंगे।

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