agar-malwa:-11-साल-बाद-मिला-अफशाद-को-न्याय,-सट्टे-के-झूठे-केस-में-फंसाने-वाले-थाना-प्रभारी-को-तीन-महीने-की-सजा
सुसनेर न्यायालय, आगर-मालवा - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us मध्यप्रदेश में आगर-मालवा जिले के सुसनेर न्यायालय ने 31 जुलाई को अपने प्रकरण क्रमांक RCT/202013/2013 में फरियादी के पक्ष में निर्णय पारित करते हुए फरियादी को सट्टे के झूठे केस में फंसाने वाले सुसनेर थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी डीएस पुरोहित को तीन महीने की सजा और एक हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है। फरियादी की ओर पैरवी करने वाले अधिवक्ता दशरथ सिंह सिसोदिया ने प्रकरण की सम्पूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि घटनाक्रम 7/05/2013 का है। जब फरियादी अफशाद खां बस स्टैंड सुसनेर पर स्थित एक दुकान पर बैठा हुआ था। जहां दो पुलिसकर्मी आए और बोले कि उसे टीआई डीएस पुरोहित बुला रहे हैं। वे लोग परिवादी को अभियुक्त के समक्ष ले गए। जहां अभियुक्त ने उसे गंदी-गंदी गालियां दी और उसके साथ मारपीट की। उसके पश्चात अभियुक्त अफशाद खां को थाने ले गए और थाने ले जाकर उससे सात हजार रुपये की मांग की और कहा कि यदि उसने रुपये नहीं दिए तो वे परिवादी को धारा- 151, 110 में बंद कर जिला बदर की कार्रवाई करेंगे। उसके पश्चात फरियादी के लड़के व भतीजे ने मिलकर अभियुक्त को सात हजार रुपये दिए और उसकी जेब में रखे दो सौ रुपये छुड़ा लिए। झूठा सटटे का केस बना दिया। परिवादी ने घटना की शिकायत एसडीपीओ सुसनेर व एसपी शाजापुर और आईजी उज्जैन को लिखित में की। परंतु अभियुक्त के विरुद्ध कोई कार्रवाई न होने से उसके द्वारा हस्तगत परिवाद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। परिणाम स्वरूप सुसनेर न्यायालय में पदस्थ कंचन देव शिवहरे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने अधिवक्ता की दलील और गवाहों के बयानों से सहमत होते हुए फरियादी अफशाद खां के पक्ष में निर्णय पारित करते हुए सुसनेर न्यायालय के तत्कालीन थाना प्रभारी डीएस पुरोहित को दोषी मानते हुए तीन महीने की सज़ा और एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

सुसनेर न्यायालय, आगर-मालवा – फोटो : अमर उजाला

विस्तार Follow Us

मध्यप्रदेश में आगर-मालवा जिले के सुसनेर न्यायालय ने 31 जुलाई को अपने प्रकरण क्रमांक RCT/202013/2013 में फरियादी के पक्ष में निर्णय पारित करते हुए फरियादी को सट्टे के झूठे केस में फंसाने वाले सुसनेर थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी डीएस पुरोहित को तीन महीने की सजा और एक हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है।

फरियादी की ओर पैरवी करने वाले अधिवक्ता दशरथ सिंह सिसोदिया ने प्रकरण की सम्पूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि घटनाक्रम 7/05/2013 का है। जब फरियादी अफशाद खां बस स्टैंड सुसनेर पर स्थित एक दुकान पर बैठा हुआ था। जहां दो पुलिसकर्मी आए और बोले कि उसे टीआई डीएस पुरोहित बुला रहे हैं। वे लोग परिवादी को अभियुक्त के समक्ष ले गए। जहां अभियुक्त ने उसे गंदी-गंदी गालियां दी और उसके साथ मारपीट की।

उसके पश्चात अभियुक्त अफशाद खां को थाने ले गए और थाने ले जाकर उससे सात हजार रुपये की मांग की और कहा कि यदि उसने रुपये नहीं दिए तो वे परिवादी को धारा- 151, 110 में बंद कर जिला बदर की कार्रवाई करेंगे। उसके पश्चात फरियादी के लड़के व भतीजे ने मिलकर अभियुक्त को सात हजार रुपये दिए और उसकी जेब में रखे दो सौ रुपये छुड़ा लिए। झूठा सटटे का केस बना दिया। परिवादी ने घटना की शिकायत एसडीपीओ सुसनेर व एसपी शाजापुर और आईजी उज्जैन को लिखित में की। परंतु अभियुक्त के विरुद्ध कोई कार्रवाई न होने से उसके द्वारा हस्तगत परिवाद न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।

परिणाम स्वरूप सुसनेर न्यायालय में पदस्थ कंचन देव शिवहरे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने अधिवक्ता की दलील और गवाहों के बयानों से सहमत होते हुए फरियादी अफशाद खां के पक्ष में निर्णय पारित करते हुए सुसनेर न्यायालय के तत्कालीन थाना प्रभारी डीएस पुरोहित को दोषी मानते हुए तीन महीने की सज़ा और एक हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

Posted in MP