aditya-l1-mission:-आखिर-'कोरोना'-और-इसके-तापन-तंत्र-का-अध्ययन-क्यों-करना-चाहता-है-भारत,-सूर्य-से-क्या-है-नाता?
नई दिल्ली : आदित्य पृथ्वी के साक्षात देवता हैं. इसीलिए हम इन्हें सूर्य भगवान कहते हैं. यही एक ऐसे भगवान हैं, जिन्हें हम अपनी आंखों से अपने सामने देख सकते हैं. आदित्य को ही हम सूर्य, दिनकर, दिवाकर, भानु, भास्कर, आक, आदित्य, दिनेश, मित्र, मार्तण्ड, मन्दार, पतंग, विहंगम, रवि, प्रभाकर, अरुण, अंशुमाली और सूरज भी कहते हैं. यह सूर्य भगवान ही हैं, जिनसे न केवल हमारी पृथ्वी की घूर्णन गति बनी रहती है, बल्कि हमारी धरती के सभी जीव-जंतुओं का जीवन इन्हीं सूर्य देवता की किरणों पर निर्भर करता है. इसके अलावा, पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल और बिजली व्यवस्था, नवीकरणीय अक्षय ऊर्जा आदि भी हमें सूर्य से ही प्राप्त होते हैं.

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नई दिल्ली : आदित्य पृथ्वी के साक्षात देवता हैं. इसीलिए हम इन्हें सूर्य भगवान कहते हैं. यही एक ऐसे भगवान हैं, जिन्हें हम अपनी आंखों से अपने सामने देख सकते हैं. आदित्य को ही हम सूर्य, दिनकर, दिवाकर, भानु, भास्कर, आक, आदित्य, दिनेश, मित्र, मार्तण्ड, मन्दार, पतंग, विहंगम, रवि, प्रभाकर, अरुण, अंशुमाली और सूरज भी कहते हैं. यह सूर्य भगवान ही हैं, जिनसे न केवल हमारी पृथ्वी की घूर्णन गति बनी रहती है, बल्कि हमारी धरती के सभी जीव-जंतुओं का जीवन इन्हीं सूर्य देवता की किरणों पर निर्भर करता है. इसके अलावा, पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल और बिजली व्यवस्था, नवीकरणीय अक्षय ऊर्जा आदि भी हमें सूर्य से ही प्राप्त होते हैं.