उन्होंने बताया कि सूरज की ऊपरी सतह पर कुछ विस्फोट होते रहते हैं लेकिन यह कब होंगे और इसके प्रभाव क्या होंगे, इसकी सटीक जानकारी नहीं है...ऐसे में इस टेलीस्कोप का एक उद्देश्य इनका अध्ययन करना भी है. प्रो. रामप्रकाश ने बताया, ‘‘ इसके लिए हमने एक कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) पर आधारित तत्व विकसित किया है जो इसका डाटा (विस्फोटों का) एकत्र करेगा और उसका मूल्यांकन करेगा.’’ आदित्य एल1 को सूर्य-पृथ्वी की व्यवस्था के लाग्रेंज बिंदु 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है. यहां से सूर्य को बिना किसी व्यवधान या ग्रहण के लगातार देखने का लाभ मिलेगा. सोर्स : भाषा इनपुट

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

उन्होंने बताया कि सूरज की ऊपरी सतह पर कुछ विस्फोट होते रहते हैं लेकिन यह कब होंगे और इसके प्रभाव क्या होंगे, इसकी सटीक जानकारी नहीं है…ऐसे में इस टेलीस्कोप का एक उद्देश्य इनका अध्ययन करना भी है. प्रो. रामप्रकाश ने बताया, ‘‘ इसके लिए हमने एक कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) पर आधारित तत्व विकसित किया है जो इसका डाटा (विस्फोटों का) एकत्र करेगा और उसका मूल्यांकन करेगा.’’ आदित्य एल1 को सूर्य-पृथ्वी की व्यवस्था के लाग्रेंज बिंदु 1 (एल1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा, जो पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है. यहां से सूर्य को बिना किसी व्यवधान या ग्रहण के लगातार देखने का लाभ मिलेगा.

सोर्स : भाषा इनपुट