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Aditya L1 Mission: भारत अपने पहले सौर मिशन के लिए तैयार है. देश के आदित्य-एल1  मिशन को कल यानी शनिवार को सूर्य ओर प्रक्षेपित किया जाएगा. 2 सितंबर 2023 की सुबह 11.20 बजे ISRO के श्रीहरिकोटा से Aditya L1 को लॉन्च किया जाएगा. इस लॉन्चिंग का सजीव प्रसारण आप प्रभात खबर पर देख सकते हैं. आदित्य एल-1 की रवानगी से पहले इसरो के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा है कि पृथ्वी के भू-चुंबकीय क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले सौर भूकंपों का अध्ययन करने के लिए 24 घंटे के आधार पर सूर्य की निगरानी जरूरी है . वहीं, सूर्य के अध्ययन की आवश्यकता के बारे में भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (आईआईए) के प्रोफेसर एवं प्रभारी वैज्ञानिक डॉ आर रमेश ने कहा कि जिस तरह पृथ्वी पर भूकंप आते हैं, उसी तरह सूर्य की सतह पर सौर भूकंप भी होते हैं जिन्हें ‘कोरोनल मास इजेक्शन’ (सीएमई) कहा जाता है. आदित्य एल-1 अपने साथ साथ पेलोड भी ले जा रहा है, जो सूर्य की वृहद स्टडी करेगा. 

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Aditya L1 Mission: भारत अपने पहले सौर मिशन के लिए तैयार है. देश के आदित्य-एल1  मिशन को कल यानी शनिवार को सूर्य ओर प्रक्षेपित किया जाएगा. 2 सितंबर 2023 की सुबह 11.20 बजे ISRO के श्रीहरिकोटा से Aditya L1 को लॉन्च किया जाएगा. इस लॉन्चिंग का सजीव प्रसारण आप प्रभात खबर पर देख सकते हैं. आदित्य एल-1 की रवानगी से पहले इसरो के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने कहा है कि पृथ्वी के भू-चुंबकीय क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले सौर भूकंपों का अध्ययन करने के लिए 24 घंटे के आधार पर सूर्य की निगरानी जरूरी है . वहीं, सूर्य के अध्ययन की आवश्यकता के बारे में भारतीय ताराभौतिकी संस्थान (आईआईए) के प्रोफेसर एवं प्रभारी वैज्ञानिक डॉ आर रमेश ने कहा कि जिस तरह पृथ्वी पर भूकंप आते हैं, उसी तरह सूर्य की सतह पर सौर भूकंप भी होते हैं जिन्हें ‘कोरोनल मास इजेक्शन’ (सीएमई) कहा जाता है. आदित्य एल-1 अपने साथ साथ पेलोड भी ले जा रहा है, जो सूर्य की वृहद स्टडी करेगा.