मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में की बैठक – फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश सरकार सिंहस्थ 2028 की तैयारी को लेकर तेजी से काम कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सिंहस्थ के लिए गठित मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। उज्जैन-इंदौर मेट्रो के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने सर्वे पूरा कर लिया है। मेट्रो परियोजना की दूरी 47 किलोमीटर होगी, जिसमें 8 स्टेशन प्रस्तावित हैं। मेट्रो परियोजना की लागत 10 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है और इसे अगले साढ़े तीन वर्षों में पूरा करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही, वैकल्पिक फोरलेन सड़क बनाने पर भी चर्चा हुई।
सिंहस्थ के लिए वैकल्पिक फोरलेन सड़क
बैठक में उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन सड़क के साथ-साथ एक वैकल्पिक फोरलेन सड़क (49 किमी) बनाने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, इसलिए सड़क और यातायात सुविधाओं का विस्तार जरूरी है। इसके लिए कई अन्य योजनाएं भी बनाई जा रही हैं।
450 कार्यों पर फोकस
सिंहस्थ 2028 के लिए कुल 21 विभागों द्वारा 450 कार्य किए जा रहे हैं, जिनमें से 181 कार्य विभागीय मद में शामिल हैं। जल संसाधन विभाग 29.21 किमी लंबे घाट का निर्माण, 30.15 किमी कान्ह नदी डायवर्सन, और 25 बैराजों का निर्माण कर रहा है। शिप्रा नदी के निरंतर जल प्रवाह के लिए सिलार खेड़ी जलाशय का विस्तारीकरण भी किया जा रहा है।
अधोसंरचना और पार्किंग विकास
शिप्रा नदी के समानांतर 150 करोड़ रुपये की लागत से इको मोबिलिटी कॉरिडोर का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही इंदौर-उज्जैन ग्रीनफील्ड फोरलेन परियोजना 950 करोड़ रुपये की लागत से हाईब्रिड एन्युटी मॉडल पर बनेगी। उज्जैन में 50 किमी के भीतर 484 हेक्टेयर क्षेत्र में पार्किंग सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
हेलीपैड और आध्यात्मिक पर्यटन
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उज्जैन में सदावल में हेलीपैड का निर्माण हो रहा है। इससे तीर्थ दर्शन योजना के तहत आने वाले यात्री आसानी से उज्जैन पहुंच सकेंगे। शहरी क्षेत्र को हेलीपैड से जोड़ने के लिए सड़क निर्माण का काम भी तेजी से हो रहा है। ऊर्जा विभाग द्वारा उच्च दबाव उपकेंद्रों का निर्माण किया जा रहा है। पर्यटन और संस्कृति विभाग महेश्वर में अहिल्या लोक के निर्माण के साथ-साथ संग्रहालयों और होटलों के उन्नयन पर भी काम कर रहा है। कोठी महल में वीर भारत संग्रहालय के निर्माण पर 80 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा, महाकाल मंदिर और मेला स्थल पर 23 पहुंच मार्ग और अन्य व्यवस्थाओं का भी विकास किया जा रहा है।
बैठक में यह भी निर्णय हुए
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सिंहस्थ से जुड़ी सभी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ केवल उज्जैन के लिए नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश और राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है। श्रद्धालुओं को अधिकतम सुविधाएं देने के लिए सभी विभागों को समन्वय से काम करना होगा।
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